बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- मॉण्टेसरी पद्धति के गुणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
किसी भी शैक्षिक पद्धति का मूल्यांकन उसके गुण-दोषों के आधार पर किया जाता है। अतः हम इस पद्धति के गुण-दोषों पर विचार करेंगे -
गुण (Merits) -
मॉण्टेसरी शिक्षण पद्धति के गुण निम्नलिखित हैं-
1. यह पद्धति प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के विभिन्न अंगों का अनुसरण करती है।
2. यह शिक्षण पद्धति वैज्ञानिक है। यह अनुभव व निरीक्षण पर बल देती है।
3. कम उम्र के बच्चों के लिए यह विधि अत्यधिक उपयुक्त है क्योंकि बच्चों को वस्तुओं के प्रयोग में आनन्द मिलता है।
4. यह शिक्षण पद्धति लिखना सिखाने की मनोवैज्ञानिक विधि है।
5. ज्ञानेन्द्रियाँ बालक की शिक्षा का आधार हैं। मॉण्टेसरी पद्धति ज्ञानेन्द्रियों की शिक्षा को सबसे अधिक महत्व देती है।
6. मॉण्टेसरी पद्धति आत्मशिक्षा पर बल देती है। बालक स्वयं की सीखी हुई बातों में रुचि लेता है।
7. इस पद्धति में दण्ड एवं पुरस्कार के लिए कोई स्थान नहीं है।
8. यह पद्धति इस चिरसत्य में विश्वास करती है कि मनुष्य सामाजिक प्राणी है अतः यह सामाजिक प्रशिक्षण पर बल देती है।
9. यह पद्धति स्वयं शिक्षा पर बल देती है।
10. यह पद्धति बाल-केन्द्रित है। बालकों की विभिन्नताओं को जानने के लिए उनके ध्यान का अवलोकन करती है।
11. यह पद्धति वैयक्तिक शिक्षण पर बल देती है।
12. यह पद्धति बालकों की रुचियों और मानसिक विकास के अनुसार शिक्षा देती है।
13. इस पद्धति ने बाल गृह के रूप में संसार को एक नवीन सामाजिक संस्था भेंट की है।
14. इस पद्धति का अनुशासन भी विचार की श्रेष्ठ है। मॉण्टेसरी के अनुसार अनुशासन बाहर से नहीं लादा जाता वरन् अन्दर से विकसित किया जाता है।
15. यह पद्धति बालक के व्यक्तित्व का सम्मान करती है तथा उसका विकास करने के लिए वाँछनीय साधनों को जुटाती है।
16. मॉण्टेसरी पद्धति में खेल द्वारा शिक्षा दी जाती है। क्योंकि बालकों को खेल बहुत प्रिय होता है।
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