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बी ए - एम ए >> चित्रलेखा

चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- सामाजिक एकता का सिद्धान्त बताइए।
अथवा
यान्त्रिक व सावयवी एकता के बारे में चर्चा कीजिए।
उत्तर-
दुर्खीम ने अपनी प्रख्यात पुस्तक जो कि Social Division of Labour है वो दो भागों में बंटी हुई है जिसके प्रथम भाग में सामाजिक एकता का विश्लेषण है। दुर्खीम के द्वारा कहे कथन के अनुसार, सामाजिक एकता के स्वरूप में परिवर्तन होता है और यह परिवर्तन यान्त्रिक एकता से क्रमशः सावयवी एकता की ओर ही देखने को मिलता है अत: सामाजिक एकता के दो विभिन्न रूप हमें देखने को मिलते हैं और वो रूप हैं - प्रथम यान्त्रिक एकता और द्वितीय, सावयवी एकता, प्रथम एकता की विशेषता एकरूपता है और द्वितीय की विभिन्नता दुखीम के शब्दों में प्रथम एकता तभी सम्भव है जब व्यक्ति का व्यक्तित्व सामूहिक व्यक्तित्व में विलोग हो जाता है तथा इसकी दूसरी स्थिति तब उत्पन्न होती है। जब प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व का अस्तित्व भिन्न-भिन्न मान्य हो जाता है।

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