शब्द का अर्थ
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वृत्ति-विरोध :
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पुं० [सं० स० त] भारतीय साहित्य में रतना का एक दष जो उस समय माना जाता है जब वृत्तियों (विशेष दे० वृत्ति ५ और ६) के नियमों का ठीक तरह से पालन नहीं होता। जैसे—श्रृंगार रस के वर्णन में परुष वर्णों का प्रयोग करना वृत्ति-विरोध है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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