शब्द का अर्थ
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बिरला :
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वि० [सं० विरल] [स्त्री० बिरली] १. जो सब जगह या अधिकता में, नहीं बल्कि कभी-कभी और कहीं-कहीं दिखाई देता या मिलता हो। इक्का-दुक्का। जैसे—उसका स्वभाव भी कुछ बिरला ही है। २. अनेक या बहुतों में से ऐसा कोई जिसमें किसी विशिष्ट काम को करने की समर्थता तथा साहस होता है। जैसे—कलियुग में परोपकारी कोई बिरला ही होता है। विशेष—इसके साथ ही का प्रयोग होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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