शब्द का अर्थ
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प्रणिधान :
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पुं० [सं० प्र-नि√धा (धारण करना)+ल्युट्—अन्] १. देखा जाना। २. प्रयत्न। ३. योग-साधन में, समाधि। ४. पूरी भक्ति और श्रद्धा से की जानेवाली उपासना। ५. मन को एकाग्र करके लगाया जानेवाला ध्यान। ६. किये जानेवाले कर्म के फल का त्याग। ७. अर्पण। ८. भक्ति। ९. किसी बात या विषय में होनेवाली गति, पहुँच या प्रवेश। १॰. भावी-जन्म के संबंध में की जानेवाली कोई प्रार्थना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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