शब्द का अर्थ
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प्रणव :
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पुं० [सं० प्र√नु (स्तुति)+अप्] १. ॐकार। ब्रह्मा बीज। ओंकार मंत्र। २. (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) त्रिदेव। ३. परमेश्वर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रणवन :
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पुं० [सं० प्र√नद् (शब्द करना)+ल्युट्—अन] जोर से नाद या आवाज करना। गरजना या चिल्लाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रणवना :
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स० [सं० प्रणमन] १. प्रणाम करना। नमस्कार करना। २. प्रणाम करने के उद्देश्य से किसी के आगे झुकना। ३. किसी के आगे झुकना। हार मानना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |