शब्द का अर्थ
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पाणि :
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पुं० [सं०√पण्+इण] हाथ। कर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणि :
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पुं० [सं०√पण्+इण] हाथ। कर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणि-कच्छपिका :
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स्त्री० [मध्य० स०] कूर्ममुद्रा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणि-कच्छपिका :
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स्त्री० [मध्य० स०] कूर्ममुद्रा। |
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समानार्थी शब्द-
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पाणि-कर्मा (र्मन्) :
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पुं० [ब० स०] १. शिव। २. वह जो हाथ से कोई बाजा बजाता हो; या ऐसा ही और कोई काम करता हो। ३. हाथ का कारीगर। दस्तकार। |
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पाणि-कर्मा (र्मन्) :
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पुं० [ब० स०] १. शिव। २. वह जो हाथ से कोई बाजा बजाता हो; या ऐसा ही और कोई काम करता हो। ३. हाथ का कारीगर। दस्तकार। |
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पाणि-गृहीता :
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वि० [ब० स०, टाप्] (स्त्री) जिसका पाणिग्रहण किया गया हो। विवाहिता (पत्नी)। |
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समानार्थी शब्द-
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पाणि-गृहीता :
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वि० [ब० स०, टाप्] (स्त्री) जिसका पाणिग्रहण किया गया हो। विवाहिता (पत्नी)। |
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पाणि-गृहीती :
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वि० [ब० स०, ङीष्] (स्त्री) जिसका पाणिग्रहण संस्कार हो चुका हो। विवाहिता। |
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समानार्थी शब्द-
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पाणि-गृहीती :
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वि० [ब० स०, ङीष्] (स्त्री) जिसका पाणिग्रहण संस्कार हो चुका हो। विवाहिता। |
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पाणि-ग्रह :
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पुं० [सं०√ग्रह् (पकड़ना)+अप्, ष० त०] पाणिग्रहण। (दे०) |
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पाणि-ग्रह :
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पुं० [सं०√ग्रह् (पकड़ना)+अप्, ष० त०] पाणिग्रहण। (दे०) |
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पाणि-ग्रहण :
|
पुं० [ष० त०] १. किसी स्त्री० को पत्नी रूप में रखने और उसका निर्वाह करने के लिए उसका हाथ पकड़ना। २. हिंदुओं में विवाह की एक रसम जिसमें वर उक्त उद्देश्य से अपनी भावी पत्नी का हाथ पकड़ता है। |
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पाणि-ग्रहण :
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पुं० [ष० त०] १. किसी स्त्री० को पत्नी रूप में रखने और उसका निर्वाह करने के लिए उसका हाथ पकड़ना। २. हिंदुओं में विवाह की एक रसम जिसमें वर उक्त उद्देश्य से अपनी भावी पत्नी का हाथ पकड़ता है। |
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उपलब्ध नहीं |
पाणि-ग्राह्य :
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वि० [तृ० त०] १. जो मुट्ठी में आ सके या प्राप्त किया जा सके। २. जिसका पाणिग्रहण किया जा सके। जिसके साथ विवाह किया जा सके। |
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वि० [तृ० त०] १. जो मुट्ठी में आ सके या प्राप्त किया जा सके। २. जिसका पाणिग्रहण किया जा सके। जिसके साथ विवाह किया जा सके। |
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पाणि-घात :
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पुं० [तृ० त०] १. हाथ से किया जानेवाला आघात। २. थप्पड़। |
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उपलब्ध नहीं |
पाणि-घात :
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पुं० [तृ० त०] १. हाथ से किया जानेवाला आघात। २. थप्पड़। |
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पाणि-तल :
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पुं० [ष० त०] १. हाथ की हथेली। २. वैद्यक में लगभग दो तोले की एक तौल या परिमाण। |
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पाणि-तल :
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पुं० [ष० त०] १. हाथ की हथेली। २. वैद्यक में लगभग दो तोले की एक तौल या परिमाण। |
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पाणि-धर्म :
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पुं० [मध्य० स०] विवाह संस्कार। |
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पाणि-धर्म :
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पुं० [मध्य० स०] विवाह संस्कार। |
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पाणि-पल्लव :
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पुं० [ष० त०] हाथ की उँगलियाँ। |
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पाणि-पल्लव :
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पुं० [ष० त०] हाथ की उँगलियाँ। |
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पाणि-पात्र :
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ब० [ब० स०] १. हाथ में लेकर अर्थात् अंजलि से पानी पीनेवाला। २. जो अंजलि से पात्र या बरतन का काम लेता हो। |
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पाणि-पात्र :
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ब० [ब० स०] १. हाथ में लेकर अर्थात् अंजलि से पानी पीनेवाला। २. जो अंजलि से पात्र या बरतन का काम लेता हो। |
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पाणि-पीड़न :
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पुं० [ब० स०] १. पाणिग्रहण। विवाह। २. [ष० त०] पश्चात्ताप आदि के कारण हाथ मलना। पछताना। |
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पाणि-पीड़न :
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पुं० [ब० स०] १. पाणिग्रहण। विवाह। २. [ष० त०] पश्चात्ताप आदि के कारण हाथ मलना। पछताना। |
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पाणि-पुट (क) :
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पुं० [मध्य० स०] चुल्लू। |
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पाणि-पुट (क) :
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पुं० [मध्य० स०] चुल्लू। |
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पाणि-प्रणयिनी :
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स्त्री० [ष० त०] विवाहिता स्त्री। धर्मपत्नी। |
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पाणि-प्रणयिनी :
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स्त्री० [ष० त०] विवाहिता स्त्री। धर्मपत्नी। |
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पाणि-मुख :
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वि० [ब० स०] हाथ से खानेवाला। पुं० बहु० मृतपूर्वज। पितर। |
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पाणि-मुख :
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वि० [ब० स०] हाथ से खानेवाला। पुं० बहु० मृतपूर्वज। पितर। |
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पाणि-मूल :
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पुं० [ष० त०] कलाई। |
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समानार्थी शब्द-
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पाणि-मूल :
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पुं० [ष० त०] कलाई। |
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समानार्थी शब्द-
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पाणि-रेखा :
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स्त्री० [ष० त०] हथेली की रेखा। हस्त-रेखा। |
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उपलब्ध नहीं |
पाणि-रेखा :
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स्त्री० [ष० त०] हथेली की रेखा। हस्त-रेखा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणि-वादक :
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वि० [सं० पाणि√वद्+णिच्+ण्वुल—अक] १. हाथ से मृदंग आदि बजानेवाला। २. ताली बजानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणि-वादक :
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वि० [सं० पाणि√वद्+णिच्+ण्वुल—अक] १. हाथ से मृदंग आदि बजानेवाला। २. ताली बजानेवाला। |
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पाणि-हता :
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स्त्री० [तृ० त०] ललित विस्तार के अनुसार एक छोटा तालाब जो देवताओं ने बुद्ध भगवान के लिए तैयार किया था। |
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पाणि-हता :
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स्त्री० [तृ० त०] ललित विस्तार के अनुसार एक छोटा तालाब जो देवताओं ने बुद्ध भगवान के लिए तैयार किया था। |
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पाणिक :
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वि० [सं० पण+ठक्—इक] १. व्यापार या व्यापारी-संबंधी। २. दाँव या बाजी लगाकर जीता हुआ। पुं० १. व्यापारी। २. सौदा। ३. हाथ। ४. कार्तिकेय का एक गण। |
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पाणिक :
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वि० [सं० पण+ठक्—इक] १. व्यापार या व्यापारी-संबंधी। २. दाँव या बाजी लगाकर जीता हुआ। पुं० १. व्यापारी। २. सौदा। ३. हाथ। ४. कार्तिकेय का एक गण। |
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पाणिकर्ण :
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पुं०=पाणिकर्मा (शिव)। |
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पाणिकर्ण :
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पुं०=पाणिकर्मा (शिव)। |
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पाणिका :
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स्त्री० [सं० पाणि+कन्+टाप्] एक प्रकार का गीत। |
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पाणिका :
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स्त्री० [सं० पाणि+कन्+टाप्] एक प्रकार का गीत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिग्रहणिक :
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वि० [सं० पाणिग्रहण+ठक्—इक] पाणिग्रहण या विवाह-संबंधी। विवाह के समय का। जैसे—पाणिग्रहणिक उपहार, पाणिग्रहणिक मंत्र। |
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पाणिग्रहणिक :
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वि० [सं० पाणिग्रहण+ठक्—इक] पाणिग्रहण या विवाह-संबंधी। विवाह के समय का। जैसे—पाणिग्रहणिक उपहार, पाणिग्रहणिक मंत्र। |
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समानार्थी शब्द-
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पाणिग्रहणीय :
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वि० [सं० पाणिग्रहण+छ—ईय]= पाणिग्रहणिक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिग्रहणीय :
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वि० [सं० पाणिग्रहण+छ—ईय]= पाणिग्रहणिक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिग्राह, पाणि-ग्राहक :
|
वि० [सं० पाणि√ग्रह्+अण्] [ष० त०] किसी का हाथ पकड़नेवाला। पाणिग्रहण करनेवाला। पुं० वर जो विवाह के समय कन्या का हाथ पकड़ता है। |
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उपलब्ध नहीं |
पाणिग्राह, पाणि-ग्राहक :
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वि० [सं० पाणि√ग्रह्+अण्] [ष० त०] किसी का हाथ पकड़नेवाला। पाणिग्रहण करनेवाला। पुं० वर जो विवाह के समय कन्या का हाथ पकड़ता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिघ :
|
पुं० [सं० पाणि√हन् (हिंसा)+ट] १. हाथ से बजाये जानेवाले बाजे। जैसे—ढोल, मृदंग आदि। २. हाथ का कारीगर। दस्तकार। शिल्पी। ३. हाथ से बाजा बजानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिघ :
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पुं० [सं० पाणि√हन् (हिंसा)+ट] १. हाथ से बजाये जानेवाले बाजे। जैसे—ढोल, मृदंग आदि। २. हाथ का कारीगर। दस्तकार। शिल्पी। ३. हाथ से बाजा बजानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिघ्न :
|
पुं० [संपाणि√हन्+टक्] १. हाथ से आघात करनेवाला। २. ताली बजानेवाला। ३. शिल्पी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिघ्न :
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पुं० [संपाणि√हन्+टक्] १. हाथ से आघात करनेवाला। २. ताली बजानेवाला। ३. शिल्पी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिज :
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वि० [सं० पाणि√जन्+ड] जो हाथ से उत्पन्न हुआ हो। पुं० १. उँगली। २. नाखून। ३. नखी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिज :
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वि० [सं० पाणि√जन्+ड] जो हाथ से उत्पन्न हुआ हो। पुं० १. उँगली। २. नाखून। ३. नखी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिताल :
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पुं० [मध्य० स०] संगीत में एक प्रकार का ताल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिताल :
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पुं० [मध्य० स०] संगीत में एक प्रकार का ताल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिन :
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पुं० [पणिन+अण्]=पाणिनि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिन :
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पुं० [पणिन+अण्]=पाणिनि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिनि :
|
पुं० [सं० पणिन्+अण्+इञ्] संस्कृत भाषा के व्याकरण को चार हजार सूत्रों में बाँधनेवाले एक प्रसिद्ध प्राचीन मुनि। (ई० पू० चौथी शताब्दी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिनि :
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पुं० [सं० पणिन्+अण्+इञ्] संस्कृत भाषा के व्याकरण को चार हजार सूत्रों में बाँधनेवाले एक प्रसिद्ध प्राचीन मुनि। (ई० पू० चौथी शताब्दी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिनीय :
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वि० [सं० पाणिनि+छ—ईय] १. पाणिनि-संबंधी। पाणिनि का। जैसे—पाणिनीय व्याकरण या सूत्र। २. पाणिनि का अनुयायी या भक्त। ३. पाणिनि का व्याकरण पढ़नेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिनीय :
|
वि० [सं० पाणिनि+छ—ईय] १. पाणिनि-संबंधी। पाणिनि का। जैसे—पाणिनीय व्याकरण या सूत्र। २. पाणिनि का अनुयायी या भक्त। ३. पाणिनि का व्याकरण पढ़नेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिबंध :
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पुं० [ब० स०] पाणिग्रहण। विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिबंध :
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पुं० [ब० स०] पाणिग्रहण। विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिमर्द्द :
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पुं० [सं० पाणि√मृद् (मलना)+अण्] करमर्द्द। करौंदा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिमर्द्द :
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पुं० [सं० पाणि√मृद् (मलना)+अण्] करमर्द्द। करौंदा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिमुक् (ज्) :
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पुं० [सं० पाणि√भुज् (खाना)+क्विप्] [पाणि√भुज्+क] गूलर वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिमुक् (ज्) :
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पुं० [सं० पाणि√भुज् (खाना)+क्विप्] [पाणि√भुज्+क] गूलर वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिमुक्त :
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वि० [तृ० त०] हाथ से फेंककर चलाया जानेवाला (अस्त्र)। पुं० भाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिमुक्त :
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वि० [तृ० त०] हाथ से फेंककर चलाया जानेवाला (अस्त्र)। पुं० भाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिरुह :
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पुं० [सं० पाणि√रुह (उगना, निकलना)+क] १. उँगली। २. नाखून। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिरुह :
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पुं० [सं० पाणि√रुह (उगना, निकलना)+क] १. उँगली। २. नाखून। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिवाद :
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वि० [सं० पाणि√वद् (बोलना)+णिच्+अच्] १. मृदंग, ढोल आदि बजानेवाला। २. ताली बजानेवाला। पुं० १. ढोल, मृदंग आदि बाजे। २. ताली बजाने की क्रिया। ताली पीटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाणिवाद :
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वि० [सं० पाणि√वद् (बोलना)+णिच्+अच्] १. मृदंग, ढोल आदि बजानेवाला। २. ताली बजानेवाला। पुं० १. ढोल, मृदंग आदि बाजे। २. ताली बजाने की क्रिया। ताली पीटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |