शब्द का अर्थ
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पसीना :
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पुं० [सं० प्रस्वेदन, हिं० पसीजना] ताप, परिश्रम आदि के कारण शरीर या उसके अंग में से निकलनेवाले जल-कण। स्वेद। क्रि० प्र०—आना।—छूटना।—निकलना। पद—पसीने की कमाई=वह धन जो परिश्रमपूर्वक अर्जित किया गया हो, यों ही अथवा मुफ्त में न मिला हो। मुहा०—किसी का पसीना छूटना=कोई काम करते-करते बहुत अधिक परेशान हो जाना। पसीने पसीने होना=पसीने से बिलकुल भीग जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पसीना :
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पुं० [सं० प्रस्वेदन, हिं० पसीजना] ताप, परिश्रम आदि के कारण शरीर या उसके अंग में से निकलनेवाले जल-कण। स्वेद। क्रि० प्र०—आना।—छूटना।—निकलना। पद—पसीने की कमाई=वह धन जो परिश्रमपूर्वक अर्जित किया गया हो, यों ही अथवा मुफ्त में न मिला हो। मुहा०—किसी का पसीना छूटना=कोई काम करते-करते बहुत अधिक परेशान हो जाना। पसीने पसीने होना=पसीने से बिलकुल भीग जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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