शब्द का अर्थ
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पटतर :
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पुं० [सं० पट्ट-तल] १. तुल्यता। बराबरी। समानता। २. उपमा जो तुल्यता या सादृश्य के आधार पर दी जाती है। ३. तुलना। उदा०—सुरपति सदन न पटतर पावा।—तुलसी। क्रि० प्र०—देना।—लहना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) वि० चौसर। समतल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) क्रि० वि० तुल्य। बराबर। समान। उदा०—राम नाम पटतरै देबै को कछु नाहिं।—कबीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पटतरना :
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स० [हिं० पटतर ] १. किसी को किसी दूसरे के तुल्य या बराबर ठहराना। २. किसी के साथ उपमा देना। ३. तुलना करना। ४. (जमीन आदि को) पटतर या समतल बनाना। अ० १. तुल्य या बराबर ठहराया जाना। २. उपमित किया जाना। ३. तुलना किया जाना। ४. पटतर या समतल बनाया जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |