शब्द का अर्थ
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निष्क्रम :
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वि० [सं० निर्-क्रम्, ब० स०] क्रमहीन। बे-तरतीब। पुं० १. मन की तृप्ति। किसी को जाति से बाहर निकालना। ३. दे० ‘निष्क्रमण’। |
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समानार्थी शब्द-
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निष्क्रमण :
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पुं० [सं० निर्√क्रम् (गति)+ल्युट्-अन] [वि० निष्क्रांत] १. बाहर निकालना। २. हिन्दुओं में एक संस्कार जिसमें चार महीने के शिशुओं को पहले-पहल घर से बाहर निकालकर सूर्य के दर्शन कराते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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निष्क्रमणार्थी (र्थिन्) :
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पुं० [सं० निष्क्रमण-अर्थिन्, ष० त०] १. कहीं से निकलने की इच्छा रखनेवाला। २. दे० ‘निष्क्रमिती’। |
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निष्क्रमणिका :
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स्त्री० [सं०] हिन्दुओं का निष्क्रमण नामक संस्कार। |
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निष्क्रमिती :
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पुं० [सं० निष्क्रमी] वह जो किसी संकट आदि से बचने के लिए अपना निवास स्थान छोड़कर दूसरी जगह जाय या जाना चाहे। (इवैकुई) |
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