शब्द का अर्थ
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निरीह :
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वि० [सं० निर्-ईहा, ब० स०] [भाव० निरीहता, निरीहत्व] १. जिसे किसी काम या बात की ईहा (अर्थात् इच्छा या कामना) न हो। जिसे किसी तरह की चाह या वासना न हो। २. जो कुछ भी करना न चाहता हो और इसीलिए कुछ भी न करता हो। ३. उदासीन। विरक्त। ४. जो इतना नम्र और शांत हो कि किसी का अपकार या अहित न करता हो या न कर सकता हो। ५. सुकुमार। सुकोमल। जैसे–निरीह रूप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निरीहा :
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स्त्री० [सं० निर्-ईहा, प्रा० स०] १. ईहा या चाह का अभाव। २. ईहा के अभाव के कारण होनेवाली निश्चेष्टता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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