शब्द का अर्थ
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					नयन					 :
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					पुं० [सं०√नी+ल्युट्—अन] १.किसी को कहीं या किसी ओर ले जाना की क्रिया या भाव। २. प्रबन्ध, व्यवस्था या शासन करने की क्रिया या भाव। ३. समय बिताने या व्यतीत करने की क्रिया या भाव। ४. आँखें या नेत्र जो हमें कहीं या किसी ओर ले जाने में सहायक होते हैं।				 | 
			
			
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					नयन-गोचर					 :
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					वि० [ष० त०] १. जो आँखों में दिखाई देता हो। दिखाई देनेवाला। २. जो आँखों के सामने हो। समक्ष।				 | 
			
			
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					नयन-जल					 :
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					पुं० [ष० त०] आँखों से बहनेवाला पानी अर्थात् आँसू। अश्रु।				 | 
			
			
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					नयन-पट					 :
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					पुं० [ष० त०]=पलक।				 | 
			
			
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					नयन-पथ					 :
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					पुं० [ष० त०] १. दृष्टि का मार्ग। २. वह सारा विस्तार जो किसी ओर देखने पर आँखों के सामने आता या होता है।				 | 
			
			
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					नयन-पुट					 :
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					पुं० [ष० त०] वह कोटर या गड्ढा जिसमें आँख स्थित रहती हैं।				 | 
			
			
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					नयन-वारि					 :
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					पुं० [ष० त०] नयन-जल। आँसू।				 | 
			
			
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					नयन-सलिल					 :
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					पुं० [ष० त०] नयन-जल। आँसू।				 | 
			
			
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					नयनच्छद					 :
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					पुं० [ष० त०] आँख को ढकनेवाली पलक।				 | 
			
			
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					नयनता					 :
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					स्त्री० [हिं०] ‘नयन’ का भाव। उदा०—कुछ कुछ खुली नयनता से, कुछ रुकी मुस्कान से छीनते किस भाँति हो तुम धैर्य को।—पंत				 | 
			
			
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					नयना					 :
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					अ० [सं० नमन] १. झुकना। २. किसी के आगे नम्र या विनीत होना। स० १. झुकना। २. लाक्षणिक अर्थ में न रहने या देना या कम करना। उदा०—अंबर हरत द्रौपदी राखी ब्रह्म इन्द्र कौ मान नयौ।—सूर। पुं०=नयन। (आँख)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					नयनांबु					 :
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					पुं० [नयन-अंबु, ष० त०] आँसू।				 | 
			
			
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					नयनाभिराम					 :
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					वि० [सं० नयन-अभिराम, ब० स०] जो देखने में प्रिय तथा सुन्दर हो।				 | 
			
			
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					नयनिमा					 :
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					स्त्री० [सं० नयन से] १. आँख का भाव। आँख पन। नेत्रता। २. चितवन। उदा०—कहाँ नयनिमा ने पाये ये फूलों के मादक शर।—पन्त।				 | 
			
			
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					नयनी					 :
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					स्त्री० [सं० नयन] आँख की पुतली। वि० स्त्री० नयनों या आँखोंवाली। (यौ० के अन्त में) जैसे—मृग नयनी।				 | 
			
			
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					नयनू					 :
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					पुं० [नवनीत] १. मक्खन। २. पुरानी चाल की एक प्रकार की बूटीदार मलमल।				 | 
			
			
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					नयनोत्सव					 :
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					पुं० [सं० नयन-उत्सव, ब० स०] १. ऐसी सुन्दर वस्तु जिसे देखने से नेत्रों को बहुत सुख मिले। २. दीपक। दीया।				 | 
			
			
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					नयनौषध					 :
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					पुं० [सं० नयन-औषध, ष० त०] पुष्पकसीस। पीला। कसीस।				 | 
			
			
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