शब्द का अर्थ
|
घर-घाट :
|
पुं० [हिं०] १. किसी काम या बात के वे महत्वपूर्ण अंग या पक्ष जिनकी ठीक और पूरी जानकारी होनेपर वह काम या बात अच्छी तरह और सुगमतापूर्वक पूरी या संपन्न होती है। जैसे– कुश्ती, चित्रकारी, रोजगार या संगीत के घर-घाट। २. किसी चीज की बनावट के विचार से उसके उतार-चढ़ाव या सुडौल गठन। जैसे–कटार या तलवार का घर-घाट। ३. अपनी विशिष्ट प्रकार की मनोवृत्ति के अनुसार किसी व्यक्ति का कार्य अथवा व्यवहार करने का कौशल, ढंग या प्रणाली। जैसे–पहले यह तो समझ लो कि वह किस (या कैसे) घर-घाट का आदमी है। ४. उचित और उपयुक्त स्थिति। ठौर-ठिकाना। जैसे–पहले अपना पेट पालने का तो घर-घाट कर लो, फिर ब्याह भी होता रहेगा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|