शब्द का अर्थ
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गर्भ-स्राव :
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पुं० [ष० त०] गर्भ के गिरने या नष्ट होने की वह अवस्था जब कि वह पिंड बनने से पहले बहुत कुछ तरल रूप में रहता है। (एबोर्शन) विशेष-साधारणतः तीन-चार महीने तक गर्भ तर रूप में रहता है और गर्भ-स्राव होने पर वह रक्त के रूप में बहकर निकल जाता है। पर इससे अधिक बड़े होने पर जब वह पिंड का रूप धारण करके निकलता है, तब उसे गर्भपात कहते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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