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			| शब्द का अर्थ |  
				| काकाक्षिगोलक-न्याय					 : | पुं० [सं० कर्म० स०] उस स्थिति का सूचक नियम या सिद्धांत जिसमें कोई तत्त्व या बात दोनों ओर या पक्षों में समान रूप से ठीक बैठती हो। (अर्थात् उसी प्रकार बैठती हो जिस प्रकार लोकमान्यता के अनुसार कौए की एक पुतली उसके दोनों गोलकों में फिरती है।) काकातुआ पुं० [मला० ककाटू] तोते की जाति का एक बड़ा पक्षी जो प्रायः अपनी सुन्दरता के लिए पाला जाता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |