शब्द का अर्थ
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ओछा :
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वि० [सं० तुच्छ, प्रा० उच्छ] [स्त्री० ओछी] १. तुच्छ। हीन। २. जिसमें गंभीरता या प्रौढ़ता न हो। जिसमें छिछलापन हो। जैसे—ओछा व्यक्ति, ओछी बात-चीत। ३. जिसमें शालीनता या शिष्टता का अभाव हो। जैसे—ओछा वार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओछा :
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वि० [सं० तुच्छ, प्रा० उच्छ] [स्त्री० ओछी] १. तुच्छ। हीन। २. जिसमें गंभीरता या प्रौढ़ता न हो। जिसमें छिछलापन हो। जैसे—ओछा व्यक्ति, ओछी बात-चीत। ३. जिसमें शालीनता या शिष्टता का अभाव हो। जैसे—ओछा वार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओछाई :
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स्त्री० =ओछापन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओछाई :
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स्त्री० =ओछापन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओछापन :
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पुं० [हिं० ओछा+पन (प्रत्यय)] ओछे होने की अवस्था या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओछापन :
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पुं० [हिं० ओछा+पन (प्रत्यय)] ओछे होने की अवस्था या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |