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			| शब्द का अर्थ |  
				| आत्म-प्रक्षेपण					 : | पुं० [ष० त०] आधुनिक मनोविज्ञान में मानस की वह स्थिति जिसमें वह अपनी भावनाओं,वासनाओं, विचारों आदि का अनजाने में ही दूसरों पर आरोप करने लगता है अथवा दूसरों में उनका विकास, स्थिति आदि पाकर संतुष्ट और सुखी होता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |