शब्द का अर्थ
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अनंद :
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वि० [सं० ब० स०] आनन्द रहित। बिना प्रसन्नता का। पुं० [सं० नन्द् (समृद्धि) +घञ्, न० त०] १. आनन्द या प्रसन्नता का अभाव। २. हरी नामक छंद का दूसरा नाम। ३. [सं० नन्द्+णिच्+अच्, न० त०] एक प्रेत लोक का नाम। पुं० -=आनन्द। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अनंदना :
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अ० [सं० आनन्द] आनंदित खुश या प्रसन्न होना। स० आनंदित या प्रसन्न करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अनंदी :
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पुं० [सं० ] एक प्रकार का धान। वि० =आनंदी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |