शब्द का अर्थ
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बलि-दान :
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पुं० [सं० ष० त०] [वि० बलिदानी] १. देवताओं आदि को प्रसन्न करने के लिए उनके उद्देश्य से किसी पशु का किया जानेवाला वध। २. किसी उद्देश्य या बात की सिद्धि के लिए अपने प्राण तक दे देना। जैसे—देश-सेवा के लिए अपने आपको बलिदान करना। पद—बलिदान का बकरा-ऐसा व्यक्ति जिस पर किसी काम या बात का व्यर्थ ही सारा अपराध या दोष लाद दिया जाय, और तब उसे पूरा-पूरा दंड दिया जाय। (प्रायः अपने आपको उस अपराध या दोष का भागी बनाने के लिए)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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