शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					नीर-क्षीर-विवेक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० नीर-क्षीर, द्व० स०, नीरक्षीर-विवेक, ष० त०] ऐसा विवेक या ज्ञान जो भले बुरे न्याय-अन्याय आदि में ठीक पूरा और स्पष्ट भेद या विभाग कर सके। विशेष–कहा जाता है कि हंस में इतना ज्ञान होता है कि वह पानी मिले हुए दूध में से दूध तो पी लेता है और पानी छोड़ देता है। इसी आधार पर यह पद बना है।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |