शब्द का अर्थ
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					निषद्					 :
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					स्त्री० [सं० नि√सद्+क्विप्] यज्ञ की दीक्षा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					निषद्या					 :
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					स्त्री० [सं० नि√सद्+कप्–टाप्] १. बैठने की छोटी चौकी या खाट। २. व्यापारी की दूकान की गद्दी। ३. बाजार। हाट।				 | 
			
			
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					निषद्यापरीषत्					 :
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					पुं० [सं०] जैन भिक्षुओं का एक आचार जिसमें ऐसे स्थान पर रहना वर्जित है, जहाँ स्त्रियाँ और हिजड़े आते-जाते हों, और यदि वहाँ रहना ही पड़े, तो चित्त को चंचल न होने देना।				 | 
			
			
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					निषद्वर					 :
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					पुं० [सं० नि√सद्+ष्वरच्] १. कीचड़। २. कामदेव।				 | 
			
			
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					निषद्वरी					 :
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					स्त्री० [सं० निषद्वर+ङीष्] रात्रि।				 | 
			
			
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