शब्द का अर्थ
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					नानक					 :
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					वि० [पं० नानका=ननिहाल] [स्त्री० नानकी] जो ननिहाल में उत्पन्न हुआ हो। पुं० कबीर के समकालीन एक प्रसिद्ध निर्गुण ज्ञानी भक्त जो सिक्ख संप्रदाय के आदि गुरु माने जाते हैं। (वि० सं० १5२6-97)				 | 
			
			
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					नानक-पंथ					 :
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					पुं० [हिं०] गुरु नानक का चलाया हुआ सिक्ख-संप्रदाय।				 | 
			
			
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					नानक-पंथी					 :
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					वि० [हिं० नानक+पंथ] १. नानक पंथ-संबंधी। २. नानक का अनुयायी।				 | 
			
			
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					नानकशाह					 :
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					पुं०=नानक (महात्मा)।				 | 
			
			
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					नानकशाही					 :
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					वि०=नानकपंथी।				 | 
			
			
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					नानकार					 :
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					स्त्री० [फा० नान=रोटी+कार (प्रत्य०)] वह जमीन जो सेवक को पुरस्कार रूप में जीविका-निर्वाह के लिए दी जाती थी।				 | 
			
			
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					नानकीन					 :
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					पुं० [चीनी नानकिङ्] चीन के नानकिङ् नगर में बननेवाला एक तरह का बढ़िया सूती कपड़ा, जो अब सभी देशों में बनने लगा है और ‘मारकीन’ के नाम से प्रसिद्ध है।				 | 
			
			
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