शब्द का अर्थ
|
धँसान :
|
स्त्री० [हिं० धँसना] १. धँसने की क्रिया, ढंग या भाव। २. कीचड़ या दल-दल से भरी वह जमीन जिसमें सहज में कोई धँस सकता हो। ३. ढालुआँ स्थान। (क्व०)। ४. भी़ड़-भाड़ में वेगपूर्वक लोगों को इधर-उधर ढकेलते या हटाते हुए आगे बढ़ने की क्रिया या भाव। जैसे—भेड़िया धँसान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धँसाना :
|
स० [हिं० धँसना] १. किसी चीज को धँसने में प्रवृत्त करना। २. गड़ाना। चुभाना ३. जोर लगाकर अन्दर प्रविष्ट करना या कराना। ४. किसी तल पर ऐसा दबाव डालना कि वह नीचे की ओर धँसे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |