शब्द का अर्थ
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अद्भुत :
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वि० [सं० अत्√भा (दीप्ति)√डुतच्] जो अपनी अपूर्वता विचित्रता या विलक्षणा से हमें मुग्ध और स्तब्ध कर दे। विचित्र। अजीब। आश्चर्यजनक। (वन्डलफुल) पुं० १. आश्चर्य। २. विस्मयकारक पदार्थ का घटना। ३. काव्य के नौ रसों में से एक जिसका स्थायी भाव विस्मय है। |
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अद्भुत-कर्मा (र्मन्) :
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वि० [ब० स०] आश्चर्यजनक कर्म करनेवाला। |
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अद्भुत-दर्शन :
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वि० [ब० स०] जो देखने में अद्बुत हो। अनोखा लगनेवाला। |
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अद्भुत-रस :
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पुं० [कर्म० स०] काव्य के नौ रसों में से एक। दे० ‘अद्भुत’ ३.। |
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अद्भुतत्त्व :
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पुं० [अद्बुत√त्व] अद्बुतता। |
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अद्भुतोपमा :
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स्त्री० [अद्बुत-उपमा कर्म० स०] उपमा अलंकार का वह भेद जिसमें उपमान के ऐसे गुणों का उल्लेख होता है जिनका होना उपमेय में कभी संभव न हो। |
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