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फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र

यूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स

प्रकाशक : कानपुर पब्लिशिंग होम प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 307
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर

प्रश्न- शिक्षा के विषय-विस्तार को संक्षेप में लिखिए

उत्तर-

शिक्षा का विषय-विस्तार
(Scope of Education)

किसी विषय-वस्तु का अर्थ उस सीमा से होता है जिस सीमा तक अध्ययन किया जा चुका होता है। जहाँ भी शिक्षाशास्त्र के अध्ययन क्षेत्र की बात है, वह बड़ा व्यापक है, परन्तु इस व्यापक क्षेत्र मे हमने अब तक जो कुछ विचारा है, वह उसकी विषय-वस्तु है शिक्षाशास्त्र के अध्ययन क्षेत्र एवं विषय-वस्तु को सामान्यतः निम्नलिखित भागों में बांटा गया है -
1. शिक्षा दर्शन - शिक्षाशास्त्र के अन्तर्गत जीवन के प्रति जो विभिन्न दृष्टिकोण (दर्शन) हैं, उनका और उनके आधार पर शिक्षा के स्वरूप, शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा की पाठ्यचर्या आदि का अध्ययन किया जाता है शिक्षाशास्त्र के इस भाग को शिक्षा दर्शन कहते हैं।
2. शैक्षिक समाजशास्त्र - शिक्षाशास्त्र के अन्तर्गत समाज के स्वरूप, समाज और शिक्षा के आपसी सम्बन्ध, शिक्षा के सामाजिक कार्यों तथा शिक्षा तथा सामाजिक परिवर्तन आदि का अध्ययन किया जाता है। इस अध्ययन क्षेत्र को शैक्षिक समाजशास्त्र कहते हैं।
3. शिक्षा मनोविज्ञान - शिक्षा मनोविज्ञान में बच्चों की बुद्धि और उनके व्यक्तित्व के विकास की विधियों एवं उनके मापने की विधियों तथा सीखने की प्रक्रिया के स्वरूप, विधियों एवं दशाओं का भी विस्तृत अध्ययन किया जाता है।
4. शिक्षा का इतिहास - वर्तमान की रचना अतीत की उपलब्धियों के आधार पर की जाती है अतः अतीत का अध्ययन आवश्यक होता है। शिक्षाशास्त्र के अन्तर्गत हम शिक्षा के इतिहास का अध्ययन इसी दृष्टि से करते हैं।
5. तुलनात्मक शिक्षा - शिक्षाशास्त्र के क्षेत्र में विभिन्न देशों की तुलनात्मक शिक्षा प्रणालियों का अध्ययन किया जाता है।
6. शैक्षिक समस्याएँ - शिक्षाशास्त्र के अन्तर्गत वर्तमान शैक्षिक समस्याओं पर विचार किया जाता है और उनके समाधान के तरीके ढूंढे जाते हैं।
7. शैक्षिक प्रशासन एवं संगठन - शिक्षाशास्त्र में शैक्षिक प्रशासन एवं संगठन का भी अध्ययन किया जाता है।
8. शिक्षण कला एवं तकनीकी - शिक्षाशास्त्र में शिक्षण की कला एवं तकनीकों का अध्ययन किया जाता है।
9. अध्ययन के विशिष्ट क्षेत्र - शिक्षाशास्त्र में अब नये-नये विषयों का विकास हो रहा है और उनका अध्ययन आवश्यक समझा जाता है, जैसे - शिशु शिक्षा, बाल शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, स्त्री शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा आदि का अध्ययन भी किया जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
  4. प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
  6. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
  7. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
  8. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
  9. प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
  10. प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  14. प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  16. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
  18. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  19. प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  23. प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
  26. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
  27. प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
  28. प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
  29. प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
  30. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
  31. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  32. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  33. प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
  34. प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
  36. प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
  37. प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
  40. प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
  46. प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।

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