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फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र

यूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स

प्रकाशक : कानपुर पब्लिशिंग होम प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 307
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर

प्रश्न- उच्च शिक्षा के उद्देश्य भारत के सन्दर्भ में क्या होने चाहिए? वर्णन कीजिए।

उत्तर-

उच्च शिक्षा के उद्देश्य

भारत में विभिन्न स्तरों की शिक्षा के उद्देश्य निश्चित करने का कार्य सर्वप्रथम वुड के घोषणा-पत्र (1854) में किया गया। इसके बाद भारत में जो भी शिक्षा आयोग गठित किए गए सभी ने विभिन्न स्तरों की शिक्षा के उद्देश्य स्पष्ट करने का कार्य जारी रखा। 15 अगस्त 1947 को देश की स्वन्त्र के उपरान्त 1948 में भारत सरकार ने राधा कृष्णनन आयोग का गठन किया। आयोग ने उच्च शिक्षा के कुछ निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण उद्देश्य निर्धारित किए-
1. ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करना जो शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ तथा मानसिक दृष्टि से प्रबुद्ध हों।
2. व्यक्तियों के अनुवांशिक गुणों को पहचान कर उनका विकास करना।
3. ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करना जो राजनीति, प्रशासन, व्यवसाय, उद्योग और वाणिज्य के क्षेत्र में नेतृत्व कर सकें।
4. ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करना जो दूरदर्शी, बुद्धिमान और बौद्धिक दृष्टि से श्रेष्ठ हों और समाज सुधार के कार्यों में सहयोग दे सकें।
5. ऐसे विवेकशील नागरिक तैयार करना जो प्रजातन्त्र को सफल बनाने के लिए शिक्षा का प्रसार, करें, ज्ञान की सदैव खोज करें, व्यवसाय का प्रबन्ध करें तथा देश में भौतिक अभावों की पूर्ति करें।
6. ऐसे नवयुवकों का निर्माण करना जो अपनी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करें तथा उसमें योगदान दें।
7. विद्यार्थियों का चारित्रिक निर्माण करना तथा उनमें राष्ट्रीय अनुशासन एवं अन्तर्राष्ट्रीय सद्भाव का विकास करना।
8. विद्यार्थियों में प्रजातान्त्रिक मूल्यों-समानता, स्वतन्त्रता, भ्रातृत्व तथा न्याय का संरक्षण एवं संवर्द्धन करना।
9. विद्यार्थियों में विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना।
10. विद्यार्थियों के नैतिक तथा वैचारिक उत्थान के लिए उनका आध्यात्मिक विकास करना। तदुपरान्त कोठारी आयोग (1964-66) ने राधाकृष्णनन के द्वारा प्रतिपादित उच्च शिक्षा के उद्देश्यों को अपेक्षाकृत संशोधित एवं संक्षिप्त रूप में व्यक्त किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों के विषय में कहा गया है कि उच्च शिक्षा उच्च ज्ञान की प्राप्ति और नवीन ज्ञान की खोज, राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञों की तैयारी, युवकों में विस्तृत दृष्टिकोण के विकास और राष्ट्र के बहुमुखी विकास का साधन है।
आज भारत के सम्बन्ध में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों को निम्न रूप में क्रमबद्ध कर सकते हैं-
1. युवकों को उच्च ज्ञान की प्राप्ति कराना और नए ज्ञान की खोज करने और सत्ता की पहचान करने की योजना बनाना।
2. राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञों, प्रशासकों, संगठनकर्त्ता, डाक्टर, वकील, वैज्ञानिक, अध्यापक, तकनीशियन, कलाकार, दार्शनिक इत्यादि को तैयार करना।
3. युवकों में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की कुशलता और नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता का विकास करना।
4. युवकों में विस्तृत दृष्टिकोण सामाजिक समानता, सांस्कृतिक एवं धार्मिक सहिष्णुता और अन्तर्राष्ट्रीय अवबोध का विकास करना।
5. युवकों को राष्ट्र के बहुमुखी विकास के लिए तैयार करना।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
  4. प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
  6. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
  7. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
  8. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
  9. प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
  10. प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  14. प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  16. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
  18. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  19. प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  23. प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
  26. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
  27. प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
  28. प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
  29. प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
  30. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
  31. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  32. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  33. प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
  34. प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
  36. प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
  37. प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
  40. प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
  46. प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।

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