बी ए - एम ए >> फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्रयूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर
प्रश्न- उच्च शिक्षा का प्रसार सीमित साधनों से अधिक हो रहा है। विवेचना कीजिए।
उत्तर-
उच्च शिक्षा का प्रसार
विश्वविद्यालय स्तर पर उत्पन्न प्रसार की समस्या को हल करने के लिए कोठारी आयोग ने निम्न सुझाव दिये हैं-
1. विश्वविद्यालय स्तर पर चुने हुए छात्रों को प्रवेश दिया जाये।
2. अंशकालीन तथा पत्राचार शिक्षा की व्यवस्था की जाये।
3. कॉलेजों के आकार पर नियन्त्रण किया जाये।
4. स्नातकोत्तर शिक्षा एवं अनुसंधान पर बल दिया जाये।
5. नारी शिक्षा का अनुपात बढ़ाया जाये।
6. नये विश्वविद्यालय खोले जायें।
7. पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन किया जाये।
8. शैक्षणिक अनुसंधानों पर बल दिया जाये।
नई शिक्षा नीति एवं सुविधा प्रसार नई शिक्षा नीति (1986) में उच्च शिक्षा के प्रसार की समस्या पर विचार किया जाये। इसमें बिन्दुओं को महत्त्व दिया जाये।
1. प्रतिक्रिया की अभिव्यक्ति के अवसर- उच्च शिक्षा से जनता अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त करने में सक्षम होती है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में होने वाली घटनाओं का प्रभाव मानव पर पड़ता है। इन घटनाओं को मूकदर्शन की भाँति न देखते रहकर इन पर अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त करने के अवसर उच्च शिक्षा से ही प्राप्त होते हैं।
2. प्रसार - वर्तमान समय में भारत में लगभग 160 विश्वविद्यालय तथा 6000 कॉलेज हैं। इन संस्थानों में सर्वांगीण विकास की सम्भावनाओं को देखते हुए यह प्रस्तावित किया गया है कि निकट भविष्य में विद्यमान संस्थानों में एकीकरण तथा सुविधाओं के प्रसार किये जायें।
3. मुक्त विश्वविद्यालय - शिक्षा के लोकतन्त्रीकरण के रूप में उच्च शिक्षा के अवसरों में वृद्धि करने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय प्रणाली का आरम्भ किया गया। 1985 में स्थापित इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय को सशक्त बनाया जायेगा।
4. ग्रामीण विश्वविद्यालय- ग्रामीण विश्वविद्यालयों को नये रूप में संगठित किया जायेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के शैक्षिक वातावरण पर प्रभाव पड़ेगा।
इन सुविधाओं के विस्तार पर विचार करते हुये हमें यह ध्यान देना है कि-
1. अधिक विकसित देशों की तुलना में हमारे देश में उच्चतर शिक्षा समग्र विस्तार अभी प्रारम्भिक अवस्था में है।
2. वृत्तिक पाठ्यक्रमों में विशेषकर विज्ञान व कृषि में, नामांकन अपने आर्थिक विकास की आवश्यकताओं के विचार से अपर्याप्त है।
3. इंग्लैण्ड, अमेरिका, रूस की उच्च शिक्षा की प्रणालियों के मुकाबले हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली अधिक खर्चीली है।
4. उच्च शिक्षा की हमारी प्रणाली में अल्पकालीन शिक्षा व पत्राचार के पाठ्यक्रमों की व्यवस्था विकसित देशों की तुलना में कम है।
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- प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
- प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
- प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
- प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।