बी ए - एम ए >> फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्रयूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर
प्रश्न- अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के लिए संवैधानिक व्यवस्था क्या है?
उत्तर-
स्वतंत्रता के बाद अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा हेतु प्रयास
इस शीर्षक के लिए लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 देखें।
निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार 2009 - 4 अगस्त 2009 को देश में 6-14 वर्ष के बालकों के लिए मुफ्त व अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार प्रदान किए जाने सम्बंधी विधेयक लोकसभा में पारित किया गया। राज्य सभा ने इस विधेयक को पहले से ही पारित कर दिया था।
शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने के सर्वोच्च न्यायालय के 1993 के ऐतिहासिक फैसले के 17 वर्ष बाद और संसद में इस सम्बन्ध में 2002 में 86वाँ संशोधन होने के सात साल बाद यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो सका। इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 है। इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत पर होगा। इसके अन्तर्गत प्रमुख प्रावधान निम्नवत् हैं -
1. नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार [धारा (3)] के अनुसार छः से चौदह वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बालक को प्रारम्भिक शिक्षा पूरी होने तक किसी आस-पास के विद्यालय में निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होगा।
2. कोई बालक किसी प्रकार के शुल्क या प्रभार या व्यय का संदाय करने के लिए दायी नहीं होगा, जो प्रारम्भिक शिक्षा लेने व पूरी करने से उसे वंचित करे।
3. छ: वर्ष व इससे अधिक की आयु के बालक को किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया है या प्रवेश तो दिया गया किन्तु प्रारम्भिक शिक्षा पूरी नहीं कर सका, तो उसे उसकी आयु के अनुसार समुचित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
4. अधिनियम की धारा (5) के अन्तर्गत यदि किसी बालक की किसी विद्यालय में प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने की व्यवस्था नहीं होने पर बालक को अन्य विद्यालय में स्थानान्तरण का अधिकार होगा।
5. अधिनियम की धारा (6) के अनुसार इस अधिनियम के लागू होने के तीन वर्षों के अन्तर्गत निर्धारित क्षेत्र या सीमा के भीतर विद्यालय स्थापित करना अनिवार्य होगा। साथ ही स्कूलों का बुनियादी ढांचा भी इस विधि में सुधारा जाएगा।
6. धारा (15) के अनुसार बालक के प्रवेश के समय जन्म प्रमाण-पत्र या अन्य कोई निर्धारित आयु प्रमाण-पत्र न होने पर उसे प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा।
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- प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
- प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
- प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
- प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।