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फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र

यूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स

प्रकाशक : कानपुर पब्लिशिंग होम प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 307
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर

प्रश्न- प्राथमिक शिक्षा की अनिवार्यता के प्रयासों पर टिप्पणी कीजिये।

उत्तर-
प्राथमिक शिक्षा के अनिवार्यता के प्रयासों को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से दो भागों में बाँट सकते हैं-
(1) स्वतन्त्रता से पूर्व प्रयास प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने के उद्देश्य से विलियम एडम, कप्तान विनगेट व सर टी.सी. होप ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी परन्तु सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। शिक्षा के लिए आन्दोलन तथा श्रेय सर इब्राहिम रहीमतुल्ला एवं सर चिमनलाल सौतलवाद के प्रयासों से आरम्भ हुआ।
(i) बड़ौदा नरेश के प्रयास- बड़ौदा नरेश सीयांजी राय गायकवाड़ ने सन् 1893 में अपने इलाके के 52 गाँवों में प्राथमिक शिक्षा का अभियान चलाया। 1906 में राज्य की ओर से अधिनियम बना कि 67 से 12 वर्ष तक के बालकों तथा 7 से 10 वर्ष की बालिकाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य बना दी गई।
(ii) गोखले का प्रयास-गोखले ने बड़ौदा राज्य की अनिवार्य शिक्षा नीति से प्रभावित होकर धारा सभा में प्रस्ताव रखा कि भारत में प्राथमिक शिक्षा को निःशुल्क व अनिवार्य कर दिया जाये। इस प्रस्ताव पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो एक वर्ष के पश्चात् गोखले ने इस प्रस्ताव को विधेयक के रूप में पुनः धारा सभा में रखा। इसके अनुसार स्थानीय परिषदें अपने-अपने क्षेत्रों में 6 से 10 वर्ष तक के बालकों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करें। यह विधेयक उन्हीं स्थानीय परिषदों पर लागू होना था जहाँ उपर्युक्त उम्र के बालकों की निश्चित संख्या थी लेकिन मतदान में यह विधेयक पारित न हो सका।
(iii) विटठल भाई पटेल का प्रयास - मुम्बई की व्यवस्थापिका सभा के सदस्य पटेल ने मुम्बई व्यवस्थापिका सभा में एकं विधेयक प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने के दृष्टिकोण से रखा तथा 1918 में यह अधिनियम बन गया। इस अधिनियम का ये प्रभाव हुआ कि प्राथमिक शिक्षा केवल मुम्बई में ही नहीं अपितु समस्त भारत में अनिवार्य घोषित कर दी गई। इस अधिनियम के अनुसार प्राथमिक शिक्षा का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व स्थानीय परिषदों पर आ गया।
(iv) अनिवार्य शिक्षा की प्रगति-अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम बन जाने से इस क्षेत्र में तीव्र प्रगति हुई।
(i) शासन ने इस क्षेत्र में रुचि दिखलाना प्रारम्भ किया।
(ii) 1927 में "अखिल भारतीय स्त्री सम्मेलन" में स्त्रियों ने भी पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त करने के समान अधिकार की घोषणा करी।
(iii) महात्मा गाँधी व डॉ. अम्बेडकर के प्रयासों से हरिजनों में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता आई।
(iv) प्रान्तीय सरकारों ने अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम बनाया।
(2) स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद अनिवार्य शिक्षा का प्रयास - स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् संविधान की 45वीं धारा के अनुसार अनिवार्य शिक्षा लागू की गई। केन्द्र द्वारा राज्यों को इस शिक्षा के व्यय का 30 प्रतिशत धन दिया जाने लगा। 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बालकों को प्राथमिक शिक्षा निःशुल्क व अनिवार्य रूप से प्रदान की जाने लगी। 6 से 11 वर्ष के बालकों के लिए 60 प्रतिशत तथा 11 से 14 वर्ष तक के बालकों के 19 प्रतिशत को आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में शिक्षा की सुविधायें दी गई।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
  4. प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
  6. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
  7. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
  8. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
  9. प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
  10. प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  14. प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  16. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
  18. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  19. प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  23. प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
  24. प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  25. प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
  26. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
  27. प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
  28. प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
  29. प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
  30. प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
  31. प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
  32. प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  33. प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
  34. प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
  36. प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
  37. प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
  40. प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
  46. प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।

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