बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 2 प्रबन्धकों हेतु लेखांकन बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 2 प्रबन्धकों हेतु लेखांकनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 2 प्रबन्धकों हेतु लेखांकन
अध्याय 11 - सम-विच्छेद विश्लेषण
(Break-Even Analysis)
ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प चुनिए।
-
सम-विच्छेद बिन्दु कौन-सा बिन्दु है?
(a) वह बिन्दु जहाँ कुल आय कुल लागत के बराबर होती है
(b) वह बिन्दु जहाँ अंशदान कुल स्थायी लागत के बराबर होता है
(c) वह बिन्दु जहाँ न लाभ होता है न हानि
(d) उपरोक्त सभी -
सम-विच्छेद की विशेषता(एं) हैं -
(a) फर्म में लाभ न हानि की स्थिति में होना
(b) फर्म की कुल आय कुल लागत के बराबर होना
(c) अंशदान की राशि (बिक्री - परिवर्तनशील लागत) स्थिर लागत के बराबर होना
(d) उपरोक्त सभी -
"किसी कम्पनी अथवा कम्पनी की किसी इकाई का सम-विच्छेद बिन्दु विक्रय आय का वह स्तर है, जिसकी स्थिर लागत तथा परिवर्तनशील लागतों के योग के बराबर होता है।" यह कथन किसका है?
(a) केलर एवं फेर्रा
(b) रॉबर्ट एन. एंथोनी
(c) जे. बेदी
(d) आई. सी. एम. ए. लन्दन -
सम-विच्छेद विश्लेषण की मान्यता है -
(a) जिस अवधि के लिए सम-विच्छेद विश्लेषण किया जा रहा है, उस अवधि में उत्पादन पद्धति, मशीनों की क्षमता या तकनीकी पद्धतियों में अन्तर न होना
(b) लागत के सभी तत्वों को दो वर्गों अर्थात स्थिर लागत और परिवर्तनशील लागत में विभाजित किया जाना
(c) उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर प्रति इकाई परिवर्तनशील लागत स्थिर रहना
(d) उपरोक्त सभी -
प्रति यूनिट बिक्री मूल्य ₹10; परिवर्तनशील लागत ₹8; प्रति यूनिट और स्थिर लागत ₹20,000 है, तो इकाइयों में सम-विच्छेद बिन्दु होगा -
(a) 10,000
(b) 16,000
(c) 2,000
(d) 20,000 -
अंशदान को ...... भी कहा जाता है।
(a) लाभ-मात्रा अनुपात
(b) सकल मार्जिन
(c) सुरक्षा सीमा
(d) सकल मार्जिन -
एक उत्पाद का लाभ-मात्रा अनुपात 0.6 है और बिक्री ₹9,000 है। सुरक्षा मार्जिन है -
(a) ₹5,400
(b) ₹15,000
(c) ₹22,500
(d) ₹3,600 -
यदि बिक्री ₹30,000 रुपये हो और लाभ-मात्रा अनुपात 20% हो, तो अंशदान होगा -
(a) ₹2,000
(b) ₹4,000
(c) ₹6,000
(d) ₹8,000 -
निम्नलिखित में से कौन-सा उपाय लाभ-मात्रा अनुपात को बढ़ाने में मदद करता है?
(a) प्रति इकाई विक्रय मूल्य बढ़ाना
(b) परिवर्तनशील सीमांत लागत को कम करना
(c) बिक्री मिश्रण बदलना
(d) उपरोक्त सभी -
आपतन कोण वह कोण है जिस पर -
(a) कुल आय रेखा कुल लागत रेखा को काटती है
(b) कुल लागत रेखा परिवर्तनशील लागत रेखा को काटती है
(c) परिवर्तनशील लागत रेखा निश्चित लागत रेखा को काटती है
(d) स्थिर लागत रेखा कुल आय रेखा को काटती है -
कारण जो सम-विच्छेद बिंदु को बदल सकते हैं -
(a) स्थिर लागत में परिवर्तन
(b) परिवर्तनशील लागत में परिवर्तन
(c) विक्रय मूल्य में परिवर्तन
(d) उपरोक्त सभी -
सम-विच्छेद बिंदु इकाइयों में ज्ञात करने के लिए कुल स्थायी लागत को ... ... से विभाजित किया जाना चाहिए।
(a) प्रति इकाई परिवर्तनशील लागत
(b) प्रति इकाई स्थायी लागत
(c) लाभ-मात्रा अनुपात
(d) प्रति इकाई अंशदान -
...... बिक्री आय और परिवर्तनशील लागत के बीच का अंतर होता है।
(a) लाभ-मात्रा अनुपात
(b) सम-विच्छेद बिंदु
(c) सुरक्षा सीमा
(d) अंशदान -
सुरक्षा का मार्जिन, जो वास्तविक बिक्री और सम-विच्छेद बिंदु के बीच का अंतर है, में सुधार किया जा सकता है -
(a) परिवर्तनशील लागत कम करके
(b) स्थिर लागत कम करके
(c) बिक्री की मात्रा में वृद्धि करके
(d) उपरोक्त सभी -
जब स्थिर लागत 4000 रुपये हो और सकल मार्जिन अनुपात 25% हो, तो सम-विच्छेद बिंदु होगा -
(a) ₹ 40,000
(b) ₹ 20,000
(c) ₹ 16,000
(d) ₹ 10,000 -
सत्य कथन है -
(a) सुरक्षा सीमा का अर्थ है - कुल बिक्री और प्रमाण बिक्री का अंतर
(b) लाभ मात्रा अनुपात बिक्री मूल्य में बढ़ोत्तरी से विपरीत दिशा में प्रभावित होता है
(c) परिवर्तनशील लागत पर विक्रय का अधिशेष लाभ कहलाता है
(d) समविच्छेद बिंदु = कुल आय बराबर है कुल लागत के -
सीमांत लागत में लाभ/मात्रा अनुपात में सुधार किया जा सकता है -
(a) स्थिर लागत कम करके
(b) विक्रय मूल्य में वृद्धि करके
(c) परिवर्तनशील लागत घटाकर
(d) उपरोक्त सभी -
किस मामले में दो सम-विच्छेद बिंदु होंगे -
(a) विश्लेषणात्मक सम-विच्छेद चार्ट में
(b) लाभ माफ में
(c) बिक्री सम-विच्छेद चार्ट में
(d) अंशदान सम-विच्छेद चार्ट में -
सम-विच्छेद बिंदु निश्चित लागत से कैसे प्रभावित होता है?
(a) यदि निश्चित लागत कम हो जाती है, तो सम-विच्छेद बिंदु भी कम हो जाता है
(b) यदि निश्चित लागत बढ़ती है तो सम-विच्छेद बिंदु बढ़ा हो जाता है
(c) यदि निश्चित लागत स्थिर रहती है, तो सम-विच्छेद बिंदु कम हो जाता है
(d) इनमें से कोई नहीं -
अंशदान का सही सूत्र है -
(a) अंशदान = विक्रय - परिवर्तनशील लागत
(b) अंशदान = स्थिर लागत + लाभ या हानि
(c) अंशदान = विक्रय × लाभ-मात्रा अनुपात
(d) उपरोक्त सभी -
लागत दो अवधियों में, प्रथम अवधि में बिक्री और लाभ क्रमशः ₹1,60,000 और ₹8,000 है दूसरी अवधि में, बिक्री क्रमशः ₹1,80,000 तथा ₹14,000 है। यदि दो अवधियों के बीच स्थिर लागत में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो लाभ-मात्रा अनुपात होना चाहिए -
(a) 20%
(b) 24%
(c) 30%
(d) 35% -
सीमांत अंशदान ज्ञात करने का सूत्र है -
(a) सीमांत अंशदान = विक्रय - सीमांत लागत
(b) सीमांत अंशदान = स्थिर लागत + लाभ
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
वह लाभ जिस पर कुल आय कुल लागत के बराबर होती है, कहलाता है -
(a) सुरक्षा मार्जिन
(b) सम-विच्छेद स्थिति
(c) (a) और (b) दोनों गलत हैं
(d) (a) और (b) दोनों सही हैं -
"सम-विच्छेद बिंदु बिक्री मात्रा का वह बिंदु है जिस पर कुल आय और कुल व्यय बराबर होते हैं। इसे शून्य लाभ या शून्य हानि का बिंदु भी कहते हैं।" यह कथन किसका है?
(a) चार्ल्स टी. होर्नग्रेन
(b) जे बेदी
(c) आई. सी. एम. ए. लन्दन
(d) इनमें से कोई नहीं -
लाभ-मात्रा अनुपात का सही सूत्र है -
(a) लाभ-मात्रा अनुपात = [अंशदान/विक्रय] × 100
(b) लाभ-मात्रा अनुपात = [लाभ में परिवर्तन/विक्रय में परिवर्तन] × 100
(c) लाभ-मात्रा अनुपात = [विक्रय - परिवर्तनशील लागत / विक्रय] × 100
(d) उपरोक्त सभी -
प्रति इकाई परिवर्तनशील लागत ₹20 है और कुल मिलाकर लाभ-मात्रा अनुपात 20% है, तो उत्पाद की कीमत होगी -
(a) ₹20
(b) ₹25
(c) ₹21
(d) ₹23 -
सम-विच्छेद विश्लेषण का उपयोग है -
(a) विक्रय के विभिन्न स्तरों पर लाभ की गणना करना
(b) वांछित लाभ के लिए बिक्री ज्ञात करना
(c) एक निश्चित सम-विच्छेद बिंदु पर प्रति इकाई नया विक्रय मूल्य ज्ञात करना
(d) उपरोक्त सभी -
लाभ का वह बिंदु जिस पर कुल लागत कुल आय के बराबर होगी, कहलाता है -
(a) सम-विच्छेद बिंदु
(b) सुरक्षा मार्जिन
(c) लाभ रेखा
(d) उपरोक्त सभी -
स्थिर लागत में वृद्धि का सम-विच्छेद बिंदु पर प्रभाव होगा -
(a) कमी
(b) वृद्धि
(c) यथावत
(d) इनमें से कोई नहीं -
लाभ-मात्रा अनुपात के अंतर्गत, लाभ -
(a) का मतलब है कि बिक्री कुल लागत से अधिक है।
(b) का वही मतलब है जो आमदनों पर समझा जाता है।
(c) एक मिथ्या नाम है, यह वास्तव में अंशदान को संदर्भित करता है यानी (बिक्री आय - परिवर्तनशील लागत)
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि परिवर्तनशील लागत अनुपात 60% है, बिक्री ₹20,000 और निश्चित लागत ₹5,000 हो तो लाभ होगा -
(a) ₹3,000
(b) ₹4,000
(c) ₹5,000
(d) ₹8,000 -
सीमांत लागत की गणना ...... के लिए की जाती है।
(a) एक अतिरिक्त इकाई का निर्माण करने
(b) एक कम इकाई का निर्माण करने
(c) कई अतिरिक्त इकाइयों का निर्माण करने
(d) बहुत कम इकाइयों का निर्माण करने -
सत्य कथन है -
(a) लाभ-मात्रा अनुपात को विक्रय मूल्य बढ़ाकर सुधारा जा सकता है
(b) लाभ-मात्रा अनुपात को स्थिर लागत घटाकर सुधारा जा सकता है
(c) बिक्री की मात्रा बढ़ने से लाभ-मात्रा अनुपात भी बढ़ जाता है
(d) इनमें से कोई नहीं -
स्थिर लागत ₹50,000, लाभ ₹30,000, बेचे गए माल की लागत ₹1,70,000; लाभ-मात्रा अनुपात क्या है?
(a) 25%
(b) 40%
(c) 50%
(d) इनमें से कोई नहीं -
कुल अंशदान =
(a) Sales - Variable Cost
(b) Fixed Cost + Profit (- Loss)
(c) Sales × P/V Ratio
(d) उपरोक्त सभी -
सुरक्षा मार्जिन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं —
(i) विक्रय मूल्य में वृद्धि
(ii) उत्पाद में वृद्धि
(iii) निश्चित और परिवर्तनशील लागतों में कमी
निम्नलिखित में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) (i) व (ii)
(c) (ii) और (iii)
(d) उपरोक्त सभी -
सीमांत लागत में लाभ-मात्रा अनुपात को निम्नलिखित में से किन कारकों के कारण सुधार जा सकता है?
(a) यदि स्थिर लागत कम हो जाती है
(b) यदि व्यावसायिक लागत बढ़ जाती है
(c) यदि विक्रय मूल्य बढ़ जाता है
(d) यदि निश्चित लागत बढ़ जाती है -
सम-विच्छेद बिंदु (₹ में) निकालने का सूत्र है -
(a) (Fixed Cost x Sales) / Contribution
(b) (Fixed Cost x Selling Price p.u.) / Contribution p.u.
(c) (Fixed Cost / (P/V Ratio) )
(d) उपरोक्त सभी -
मुख्य कारक को इस प्रकार भी कहा जाता है -
(a) प्रतिबंधक कारक
(b) शासी कारक
(c) सीमित कारक
(d) उपरोक्त सभी -
लाभ-मात्रा अनुपात का सूत्र है -
(a) S−VS\frac{S - V}{S}
(b) S−VS×100\frac{S - V}{S} \times 100
(c) ProfitSales×100\frac{\text{Profit}}{\text{Sales}} \times 100
(d) उपरोक्त सभी -
लाभ-मात्रा अनुपात की गणना निम्न का उपयोग करके नहीं की जा सकती -
(a) लाभ/बिक्री की मात्रा
(b) लागत/लाभ की मात्रा
(c) लाभ में परिवर्तन / बिक्री में परिवर्तन
(d) लाभ में परिवर्तन / अंशदान में परिवर्तन -
अंशदान से प्रबंध को किस में मदद मिलती है ?
(a) उत्पाद खरीदें या बनाएं का निर्णय लेने में
(b) उत्पाद के विभिन्न विकल्पों में श्रेष्ठ विकल्प का चयन करने में
(c) लाभ अधिकतम करने के लिए उत्पादों का उचित मिश्रण करने में
(d) उपरोक्त सभी -
वांछित लाभ की कुल राशि दी हो, तो वांछित लाभ =
(a)
Fixed Cost+D. ProfitS−V or Contribution×Sales\frac{\text{Fixed Cost} + \text{D. Profit}}{S - V \text{ or Contribution}} \times \text{Sales}
(b)
Fixed Cost+D. ProfitP/V Ratio\frac{\text{Fixed Cost} + \text{D. Profit}}{\text{P/V Ratio}}
(c)
Fixed Cost+D. ProfitC per unit\frac{\text{Fixed Cost} + \text{D. Profit}}{\text{C per unit}}
(d) उपरोक्त सभी
-
लाभ =
(a) Sales - (FC + VC)
(b) Sales × P/V Ratio - FC
(c) Sales in unit × Cpu - FC
(d) उपरोक्त सभी -
सुरक्षा सीमा को ज्ञात करने का सूत्र है -
(a) सुरक्षा सीमा = विक्रय + सम-विच्छेद बिन्दु
(b) सुरक्षा सीमा = विक्रय - सम-विच्छेद बिन्दु
(c) सुरक्षा सीमा = विक्रय ÷ सम-विच्छेद बिन्दु
(d) सुरक्षा सीमा = विक्रय × सम-विच्छेद बिन्दु -
यदि स्थिर लागत ₹ 2,50,000 है और लाभ-मात्रा अनुपात 60% है, तो सम-विच्छेद बिन्दु क्या है ?
(a) ₹ 4,16,667
(b) ₹ 3,83,300
(c) ₹ 3,75,000
(d) ₹ 4,20,000 -
जब स्थिर लागत अंशदान से घटा दी जाती है, तो शेष राशि होती -
(a) परिवर्तनशील लागत
(b) सकल लाभ
(c) बिक्री
(d) इनमें से कोई नहीं -
अंशदान तथा लाभ में अन्तर के बारे में बताता है -
(a) अंशदान में लाभ और स्थिर लागत दोनों शामिल होते हैं जबकि लाभ में स्थिर लागत शामिल नहीं होती।
(b) लाभ: लागत और बिक्री की सामान्य धारणा पर आधारित है लेकिन अंशदान सीमांत लागत की धारणा पर आधारित है।
(c) सम-विच्छेद बिन्दु के पश्चात पूरा अंशदान लाभ बन जाता है जबकि लाभ की गणना के लिए कुल बिक्री में से कुल स्थिर और कुल परिवर्तनशील लागत को घटाया जाता है।
(d) उपरोक्त सभी -
निम्नलिखित में से कौन लाभप्रदता की डिग्री दर्शाता है?
(a) अंशदान का कोण
(b) हानि का कोण
(c) सुरक्षा सीमा
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि बिक्री ₹3,00,000 है और लाभ-मात्रा अनुपात 20% है, तो परिवर्तनशील लागत की राशि क्या है?
(a) ₹2,40,000
(b) ₹70,000
(c) ₹2,80,000
(d) ₹2,00,000 -
अंशदान/लाभ-मात्रा अनुपात ...... के बराबर है।
(a) सम-विच्छेद बिंदु
(b) बिक्री
(c) स्थायी लागत
(d) परिवर्तनशील लागत -
सत्य कथन बताइये -
(a) लाभ-मात्रा अनुपात से सम-विच्छेद बिंदु की गणना रूपयों में की जाती है।
(b) स्थिर लागत को घटाकर सुरक्षा सीमा को सुधारा जा सकता है।
(c) परिवर्तनशील लागत को आनुपातिक लागत भी कहते हैं।
(d) उपरोक्त सभी -
अंशदान है -
(a) पूँजी जुटाने के लिए सदस्यता
(b) स्थिर लागत और परिवर्तनशील लागत का योग
(c) प्रत्येक इकाई के लिए परिवर्तनशील लागत पर अतिरिक्त बिक्री मूल्य
(d) उपरोक्त सभी -
सम-विच्छेद बिंदु (इकाइयों में) में गणना करने का सूत्र है -
(a)
Fixed Cost÷Contribution per unit\text{Fixed Cost} \div \text{Contribution per unit}
(b)
FCSpu−Vpu\frac{\text{FC}}{S_{pu} - V_{pu}}
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
-
सकल मार्जिन का दूसरा नाम है -
(a) अंशदान
(b) शुद्ध लाभ
(c) कुल बिक्री
(d) उपरोक्त सभी -
जहाँ मुख्य कारक मौजूद है, वहाँ वैकल्पिक सर्वोत्तम परियोजना का चयन निम्न में से किसके आधार पर किया जाना चाहिए?
(a) लाभ-मात्रा अनुपात
(b) प्रति यूनिट अंशदान
(c) सम-विच्छेद बिंदु
(d) प्रति प्रमुख कारक अंशदान -
सम-विच्छेद बिंदु वहाँ है जहाँ ......
(a) लाभ होता है
(b) हानि होती है
(c) कोई लाभ कोई हानि नहीं होता
(d) इनमें से कोई नहीं -
विक्रय मूल्य में वृद्धि किए बिना लाभ और लाभ मात्रा अनुपात को कम करने का एक अन्य तरीका निम्नलिखित में से किस लागत को कम करना है?
(a) परिवर्तनशील लागत
(b) स्थिर लागत
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
सुरक्षा सीमा =
(a) Sales - Fixed Cost
(b) Sales - Variable Cost
(c) Sales - Break-Even-Point
(d) इनमें से कोई नहीं -
सम-विच्छेद बिंदु पर -
(a) कुल व्यय = कुल आय
(b) कुल व्यय > कुल आय
(c) कुल व्यय < कुल आय
(d) इनमें से कोई नहीं -
सकल लाभ और सकल मार्जिन के बीच अंतर है -
(a) स्थिर लागत
(b) परिवर्तनशील लागत
(c) शुद्ध लाभ
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि स्थिर लागत ₹40,000 तथा लाभ-मात्रा अनुपात 20% हो, तो सम-विच्छेद बिंदु होगा -
(a) ₹2,00,000
(b) ₹3,00,000
(c) ₹80,000
(d) ₹40,000 -
दी गई बिक्री = ₹1,00,000, लाभ = ₹10,000, परिवर्तनशील लागत = 70% | 40,000 रुपये लाभ कमाने के लिए आवश्यक बिक्री है -
(a) ₹1,40,000
(b) ₹14,00,000
(c) ₹20,000
(d) ₹2,00,000 -
प्रति इकाई अंशदान की गणना कीजिए:
विक्रय (रूपयों में) ₹40,000
विक्रय (इकाइयों में) 4,000 इकाइयाँ
परिवर्तनशील लागत (रूपयों में) ₹30,000
(a) ₹2.5
(b) ₹3.5
(c) ₹4.5
(d) इनमें से कोई नहीं -
वह बिंदु क्या कहलाता है, जहाँ कोई लाभ या कोई हानि की स्थिति नहीं देखी जाती है ?
(a) केंद्र बिंदु
(b) सम-विच्छेद बिंदु
(c) प्रारंभिक बिंदु
(d) समाप्ति बिंदु -
अंशदान को इस नाम से भी जाना जाता है -
(a) अंश पूंजी
(b) सकल लाभ
(c) सकल मार्जिन
(d) सुरक्षा सीमा -
सम-विच्छेद चार्ट में Y-अक्ष क्या दर्शाता है ?
(a) विक्रय की मात्रा इकाइयों में
(b) विक्रय का मूल्य रूपये में
(c) लागत एवं विक्रय रूपये में
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि बिक्री ₹2,50,000 रुपये है और लाभ-मात्रा अनुपात 40% है, तो अंशदान होगा -
(a) ₹70,000
(b) ₹40,000
(c) ₹1,00,000
(d) ₹80,000 -
रुपयों में सुरक्षा सीमा का सूत्र है -
(a) Sales (₹) - B.E.P. (₹)
(b)
ProfitP/V Ratio\frac{\text{Profit}}{\text{P/V Ratio}}
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
-
यदि बिक्री ₹50,000 है और लाभ-मात्रा अनुपात 20% है, तो परिवर्तनशील लागत की राशि होगी -
(a) ₹20,000
(b) ₹40,000
(c) ₹15,000
(d) इनमें से कोई नहीं -
कुल लागत और कुल आय के प्रतिच्छेदन से वक्र के रूप में बनता है -
(a) बीईपी
(b) घटना का कोण
(c) सुरक्षा सीमा
(d) इनमें से कोई नहीं -
सुरक्षा का एक बड़ा मार्जिन इंगित करता है -
(a) अति-पूंजीकरण
(b) व्यवसाय की सुदृढ़ता
(c) अधिक उत्पादन
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं -
लाभ/लाभ-मात्रा अनुपात बराबर होता है -
(a) शुद्ध लाभ
(b) अंशदान
(c) सम विच्छेद बिन्दु
(d) सुरक्षा सीमा -
सत्य कथन है -
(a) सम-विच्छेद विश्लेषण मूल्यतः एक स्थैतिक विश्लेषण होता है।
(b) सम-विच्छेद बिंदु पर अंशदान की राशि परिवर्तनशील लागत के बराबर होगी।
(c) सम-विच्छेद बिंदु पर फर्म केवल सीमांत लाभ अर्जित करेगी।
(d) अंशदान = विक्रय - विक्रय की लागत -
सम-विच्छेद बिंदु से आशय उत्पादन एवं विक्रय के ऐसे बिंदु से है, जिस पर उत्पादन की -
(a) कुल लागत एवं कुल विक्रय आय बराबर होती हैं
(b) कुल लागत, कुल विक्रय आय से कम होती है
(c) कुल लागत, कुल विक्रय आय से अधिक होती है
(d) उपरोक्त सभी -
सिवाय इसके कि सम-विच्छेद विश्लेषण के मामले में निम्नलिखित धारणाएँ बनाई जाती हैं -
(a) सभी स्थिर लागतें स्थायी हैं
(b) सभी परिवर्तनशील लागतें निश्चित हैं
(c) आयतन कारकों की कीमतें स्थिर हैं
(d) उत्पादन की मात्रा और बिक्री की मात्रा बराबर है -
परिवर्तनशील लागत में वृद्धि ......
(a) लाभ-मात्रा अनुपात बढ़ाती है
(b) लाभ-मात्रा अनुपात घटाती है
(c) लाभ बढ़ाती है
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि लाभ ₹15,000 तथा लाभ-मात्रा अनुपात 40% हो तो सुरक्षा सीमा होगी -
(a) ₹15,000
(b) ₹37,500
(c) ₹30,200
(d) ₹14,000 -
यदि पी/वी अनुपात 25% है, तो परिवर्तनशील लागत का % क्या है?
(a) 70%
(b) 80%
(c) 12\frac{1}{2}
(d) 13\frac{1}{3} -
वास्तविक बिक्री ₹5,00,000 रुपये है और बीईपी बिक्री ₹3,00,000 है, तो सुरक्षा मार्जिन का प्रतिशत होगा -
(a) 15%
(b) 40%
(c) 34%
(d) 17% -
...... वास्तविक बिक्री या उत्पादन व सम-विच्छेद बिक्री के बीच का अंतर है।
(a) लाभ-मात्रा अनुपात
(b) शुद्ध मार्जिन
(c) सुरक्षा मार्जिन अनुपात
(d) सकल मार्जिन -
जब लाभ ₹5000 रुपये है और पी/वी अनुपात 20% है, तो सुरक्षा का मार्जिन है -
(a) ₹20,000
(b) ₹25,000
(c) ₹40,000
(d) ₹60,000 -
किसी भी संगठन में मुनाफा मुख्य रूप से निर्भर करता है -
(a) उत्पाद लागत पर
(b) उत्पादन पर
(c) आय पर
(d) उपरोक्त सभी -
लाभ-मात्रा अनुपात में सुधार किया जा सकता है -
(a) परिवर्तनशील लागत को कम करके
(b) विक्रय मूल्य कम करके
(c) निश्चित लागत में वृद्धि करके
(d) मुख्य कारक को बढ़ाकर -
सम-विच्छेद बिंदु रुपयों में गणना का सूत्र है -
(यह प्रश्न अधूरा है, कृपया अगला भाग साझा करें यदि उत्तर चाहिए।)
(a) FC / (P/V Ratio)
(b) FC / C per unit
(c) FC / (PV Ratio)
(d) (P?V Ratio) / FC -
यदि निश्चित लागत ₹2,50,000 है और लाभ ₹3,50,000 है तो अंशदान की राशि होगी -
(a) ₹2,00,000
(b) ₹6,00,000
(c) ₹4,75,000
(d) ₹2,10,000 -
बिक्री की मात्रा से लाभ (सकल) का अनुपात क्या कहा जाता है?
(a) शुद्ध लाभ अनुपात
(b) सकल लाभ अनुपात
(c) लाभ-मात्रा अनुपात
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि अंशदान ₹3,00,000 है और लाभ ₹1,00,000 है, तो स्थायी लागत की राशि क्या है?
(a) ₹8,00,000
(b) ₹2,00,000
(c) ₹3,50,000
(d) ₹5,00,000 -
जब बिक्री ₹40,000 से ₹60,000 बढ़ जाती है, और लाभ ₹5,000 बढ़ जाए तो लाभ-मात्रा अनुपात होगा -
(a) 40%
(b) 20%
(c) 25%
(d) इनमें से कोई नहीं -
एक अवधि की सूचनाएँ दी होने पर लाभ-मात्रा अनुपात का सूत्र है -
(a) Contribution×100Sales\frac{\text{Contribution} \times 100}{\text{Sales}}
(b) Sales - Variable CostSales×100\frac{\text{Sales - Variable Cost}}{\text{Sales}} \times 100
(c) Contribution per Unit×100Sales per Unit\frac{\text{Contribution per Unit} \times 100}{\text{Sales per Unit}}
(d) उपरोक्त सभी -
सम-विच्छेद बिंदु प्राप्त होता है -
(a) कुल राजस्व और कुल लागत रेखा के कटान पर
(b) कुल लागत और परिवर्तनशील लागत रेखा के कटान पर
(c) परिवर्तनशील लागत और निश्चित लागत रेखा के कटान पर
(d) निश्चित लागत और कुल लागत रेखा के कटान पर -
सुरक्षा मार्जिन × लाभ मात्रा अनुपात होगा -
(a) बीईपी
(b) घटना का कोण
(c) इकाइयों में सुरक्षा मार्जिन
(d) लाभ -
उत्पादन की लागत को कम करने के लिए कई तरीके हैं, सिवाय इसके -
(a) उत्पादन में वृद्धि
(b) अपर्याप्तियों की संख्या में कमी
(c) अधिकतम स्कंध बनाए रखना
(d) मानकीकृत उत्पादों का उत्पादन -
किसी उत्पाद की परिवर्तनशील लागत ₹10 रुपये है और फर्म का कुल पीवी अनुपात 60% है तो इसका विक्रय मूल्य क्या होगा?
(a) ₹16
(b) ₹6
(c) ₹25
(d) ₹8 -
परिवर्तनशील लागत में कमी का सम-विच्छेद बिंदु पर प्रभाव होगा -
(a) कमी
(b) वृद्धि
(c) यथावत
(d) इनमें से कोई नहीं -
लाभ-मात्रा अनुपात या सीमांत अनुपात बिक्री के ....... ....... संबंधों का व्याख्या करता है।
(a) अंशदान
(b) सीमांत लागत
(c) आय
(d) उपरोक्त सभी -
प्रति इकाई अंशदान बराबर है -
(a) प्रति इकाई विक्रय मूल्य - प्रति इकाई परिवर्तनशील लागत
(b) प्रति इकाई विक्रय मूल्य + प्रति इकाई परिवर्तनशील लागत -
सीमांत लागत में बीईपी होता है -
(a) बैंक प्रेषण पास
(b) इकाई बिंदु का विच्छेदन
(c) सम-विच्छेदन बिंदु
(d) इकाई लाभ का विच्छेदन -
सम-विच्छेदन बिंदु वहाँ होता है जहाँ -
(a) ज्यादा से ज्यादा लाभ होता है
(b) न्यूनतम हानि होती है
(c) कम से कम लाभ होता है
(d) न लाभ होता है, न हानि -
स्थायी लागत ₹6,000, लाभ आवश्यक ₹4,000 और लाभ-मात्रा अनुपात 50% है, तो आवश्यक बिक्री होगी -
(a) ₹10,000
(b) ₹20,000
(c) ₹25,000
(d) इनमें से कोई नहीं
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