बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-5 भारत में मौद्रिक सिद्धान्त एवं बैंकिंग बीकाम सेमेस्टर-5 भारत में मौद्रिक सिद्धान्त एवं बैंकिंगसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-5 भारत में मौद्रिक सिद्धान्त एवं बैंकिंग - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की सफलताओं एवं असफलताओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की कार्य-प्रणाली की संक्षिप्त समीक्षा कीजिए। इसकी क्या उल्लेखनीय उपलब्धियाँ रही हैं?
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारतीय रिजर्व बैंक की सफलताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(Successes of R.B.I.)
भारतीय रिजर्व बैंक की सफलताओं का अध्ययन निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है-
1. सरकारी बैंकर - रिजर्व बैंक ने केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के बैंकर के रूप में उल्लेखनीय कार्य किया है। सरकार का कार्य चाहे जिस क्षेत्र का हो, रिजर्व बैंक ने जिम्मेदारी के साथ सम्पन्न किया है।
2. ब्याज की दरों में स्थिरता - रिजर्व बैंक ने साख का विस्तार करके और संकुचन करके ब्याज दरों में स्थिरता लाने का सराहनीय कार्य किया है। 7 अप्रैल 1993 से ऋणों पर ब्याज 17% कर दिया गया। सितम्बर 93 से मुद्रा स्फीति में आई कमी को पूरा करने के लिए ब्याज की दर घटा दी गई।
3. समाशोधन व्यवस्था - वर्तमान में रिजर्व बैंक 853 केन्द्रों पर समाशोधन की व्यवस्था किये हुए है। इससे बैंकों द्वारा लेन-देन बहुत सरल हो गया है। मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई एवं दिल्ली में 1989 से कम्प्यूटर से समाशोधन का कार्य हो रहा है। यह सबसे बड़ी सफलता है। इसके अलावा 9 अन्य केन्द्रों पर भी यह कार्य कम्प्यूटर से हो रहा है।
4. आंकड़ों का प्रकाशन - रिज़र्व बैंक का सांख्यिकी विभाग अपनी मासिक पत्रिका तथा वार्षिक प्रकाशनों के माध्यम से मुद्रा साख, बैंकिंग, सहकारिता, कृषि, औद्योगिक उत्पादन से सम्बन्धित आंकड़े प्रकाशित करता है जबकि इतना किसी देश का अन्य बैंक नहीं करता है। इन अंकों से विशिष्ट लोगों को बहुत लाभ होता है।
रिजर्व बैंक के मुख्य प्रकाशन
5. बैंकिंग का विकास - रिजर्व बैंक ने कानून के अन्तर्गत दिये गये अपने अधिकारों का उचित उपयोग करके सुदृढ़ बैंकिंग व्यवस्था की नींव रखी है। 1969 में व्यापारिक बैंकों की सं0 8252 है जो बढ़कर आज 60,867 हो गई है।
6. बिल बाजार की स्थापना - सन 1952 में रिजर्व बैंक ने सुसंगठित . बिल बाजार की स्थापना की शुरुआत की थी। रिजर्व बैंक ने 1987 में नई बिल बाजार योजना लागू करके भारतीय मुद्रा बाजार को विकसित एवं संगठित कर दिया है।
7. साख नियन्त्रण नीति - रिजर्व बैंक ने विभिन्न उपाय अपनाकर साख की मात्रा को नियंत्रित किया है। विशेष रूप से चयनात्मक साख नीति अपनाकर कृषि पदार्थों में किये जाने वाले सट्टे पर रोक लगा दी है।
8. कृषि वित्त व्यवस्था - रिजर्व बैंक ने कृषि साख के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं, जिसमें उसे सफलता मिली है। रिजर्व बैंक ने विभिन्न राज्यों में सहकारिता आन्दोलन को पुनर्गठित करने में सहयोग दिया है।
9. धन स्थानान्तरण की सस्ती - सुविधाएँ रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को धन व्यवस्था करने की सस्ती सुविधाएँ प्रदान की हैं।
10. औद्योगिक वित्त व्यवस्था - रिजर्व बैंक ने लघु एवं कुटीर उद्योगों को ऋण व्यवस्था करने में विशेष सहयोग दिया है। इसके लिये औद्योगिक वित्त निगम, राज्य वित्त निगम एवं औद्योगिक विकास बैंक को प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करता है। रिजर्व बैंक इन निगमों की पूँजी या ऋणपत्र खरीदता है तथा इन्हें सीधे ऋण देता है। साख गारन्टी योजना के अन्तर्गत लघु उद्योगों को करोड़ों रुपये की रकम उधार मिली है।
11. नोट निर्गमन का कार्य - सन् 1956 में रिजर्व बैंक ने अनुपातिक निर्गमन प्रणाली के स्थान पर न्यूनतम कोष विधि प्रणाली को अपनाया था जो आज भी कारगर साबित हो रही है। यह प्रणाली भारत जैसे देश के लिए अत्यन्त उपयुक्त है।
12. मौद्रिक नीति - रिजर्व बैंक ने सुलभ नीति अपनाकर देश के विकास में पूरा सहयोग दिया है। समय-समय पर रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति में परिवर्तन भी किया है और सफलता भी प्राप्त की है।
13. मुद्रास्फीति का नियन्त्रण करने में - मुद्रा-स्फीति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने समय- समय पर काफी कदम उठाये हैं। विशेषकर चयनात्मक साख प्रणाली को अपनाकर कीमत स्तर को नियंत्रित करने का प्रयास किया है और उसे सफलता भी मिली है।
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- प्रश्न- "मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों ओर सम्पूर्ण अर्थतंत्र चक्कर लगाता है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समाजवादी एवं नियोजित अर्थव्यवस्था में मुद्रा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- मुद्रा का आशय एवं परिभाषा बताइये तथा उसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मुद्रा के मुख्य कार्य कौन-कौन से हैं? मुद्रा के द्वितीयक कार्य क्या होते हैं?
- प्रश्न- मुद्रा के आकस्मिक कार्यों का वर्णन कीजिए। पॉल इन्जिंग ने मुद्रा के कार्यों को कितने भागों में बांटा है?
- प्रश्न- मुद्रा की परिभाषा से सम्बन्धित विभिन्न दृष्टिकोण क्या हैं? मुद्रा के प्रमुख लक्षण बताइये।
- प्रश्न- "मुद्रा कई बुराइयों की जड़ है।" क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- मुद्रा की पूर्ति से आप क्या समझते हैं? इन्हें प्रभावित करने वाले कारकों तथा पूर्ति के मापन की विधियां बताइये।
- प्रश्न- मुद्रा पूर्ति के मापक व संघटक बताइये।
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा से क्या तात्पर्य है? उच्च शक्ति मुद्रा के संघटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा के संघटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुद्रा के मूल्य से आप क्या समझते हैं? यह कैसे तय होता है?
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा सामान्य मुद्रा (संकुचित मुद्रा) से किस प्रकार भिन्न होती है?
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा एवं सामान्य मुद्रा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मुद्रा की माँग से आप क्या समझते हैं? मुद्रा की माँग किन-किन बातों से प्रभावित होती है?
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा के उपयोग व महत्व को बताइये।
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा के स्रोत क्या हैं?
- प्रश्न- भारत में वित्तीय प्रणाली को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- वित्तीय प्रणाली की विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- वित्तीय प्रणाली के संघटक क्या हैं?
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए कि वित्तीय प्रणाली आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।.
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थ से आप क्या समझते हैं? वित्तीय मध्यस्थों के कार्यों का वर्णन कीजिए। "वित्तीय मध्यस्थ प्रतिभूतियों के व्यापारी होते हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थों की कार्य एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थ एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थ में अन्तर बताइये। गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थ क्या हैं?
- प्रश्न- वाणिज्य बैंकों के कार्यों की विवेचना कीजिए। वे किस प्रकार देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण हैं?
- प्रश्न- वाणिज्यिक बैंक के प्रमुख एवं अभिकर्ता सम्बन्धी कार्य कौन-कौन से हैं? तथा उनके अन्य कार्य भी बताइए।
- प्रश्न- वाणिज्यिक बैंकों का देश के आर्थिक विकास में क्या महत्व है?
- प्रश्न- आधुनिक व्यापार एवं वित्त के संदर्भ में बैंकों की कमियाँ बताइये।
- प्रश्न- भारतीय बैंकिंग व्यवस्था की प्रमुख कमियाँ बताइये।
- प्रश्न- शाखा बैंकिंग तथा इकाई बैंकिंग प्रणालियों से आप क्या समझते हैं? इनके गुण-दोषों की तुलना कीजिए तथा बताइये कि इन दोनों प्रणालियों में से कौन-सी प्रणाली भारत के लिए उपयुक्त है?
- प्रश्न- शाखा बैंकिंग के गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- इकाई बैंकिंग प्रणाली के गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इकाई बैंकिंग प्रणाली व शाखा बैंकिंग प्रणाली में कौन श्रेष्ठ है? स्पष्ट कीजिए। एक श्रेष्ठ बैंकिंग प्रणाली के लक्षण बताइये।
- प्रश्न- भारत में जनसमुदाय की भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कितने प्रकार के बैंकों का गठन किया गया है?
- प्रश्न- भारतीय बैंकिंग प्रणाली की संरचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक क्या हैं? इनके क्या कार्य हैं? ग्रामीण भारत में इनकी भूमिका तथा प्रगति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैकों की प्रगति व उपलब्धियाँ बताइये।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कमियों को दूर करने हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना के क्या उद्देश्य थे? क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में केलकर समिति के सुझाव समझाइए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में केलकर समिति के सुझाव बताइए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कार्य विवरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वाणिज्य बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कमियाँ व समस्याएँ बताइये।
- प्रश्न- सहकारी साख संस्थाओं की प्रमुख समस्याएँ क्या हैं? इन्हें दूर करने के लिए सुझाव दीजिए। सहकारी साख ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए क्या सरकारी प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- प्राथमिक कृषि साख समितियों के उन्नयन हेतु आप क्या सुझाव देंगे?
- प्रश्न- केन्द्रीय सहकारी बैंकों की क्या समस्याएं हैं?
- प्रश्न- केन्द्रीय सहकारी बैंकों के सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- भारत देश में राज्य सहकारी बैंकों की क्या समस्याएं हैं?
- प्रश्न- राज्य सहकारी बैंकों के विकास हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सहकारी साख ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए क्या सरकारी प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- प्राथमिक सहकारी समितियों की विशेषताओं को लिखिए।
- प्रश्न- भारत में सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सहकारी बैंक तथा वाणिज्यिक या व्यापारिक बैंक में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- प्राथमिक सहकारी बैंक क्या है? उनकी ग्रामीण भारत में क्या भूमिका है?
- प्रश्न- भारत में राज्य सहकारी बैंकों का संगठन तथा कार्य समझाइये। राज्य सहकारी बैंकों को आप क्या सुझाव देंगे?
- प्रश्न- सहकारी साख संस्थाओं की प्रमुख समस्यायें क्या हैं? सहकारी साख ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए क्या सरकारी प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- भूमि विकास बैंकों की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- साख का आशय, परिभाषायें तथा आवश्यक तत्वों का वर्णन कीजिए। साख के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- साख का क्या महत्व होता है?
- प्रश्न- साख का वर्गीकरण किन आधारों पर किया जाता है? इसके वर्गीकरण को समझाइये।
- प्रश्न- समयावधि, उपभोग एवं सुरक्षा के आधार पर साख का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वरूप के आधार पर ऋण का वर्गीकरण कीजिए। ऋण के आधार पर साख का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- ब्याज के तरलता पसन्दगी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत साख के आवंटन को निर्धारित करने वाले वित्तीय एवं गैर- वित्तीय घटकों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत साख के आबंटन को निर्धारित करने वाले गैर-वित्तीय घटकों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साख निर्माण की सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- तरलता प्रीमियम सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- नवपरम्परावादी सिद्धान्त और पूर्ति क्या है? बॉण्ड की कीमत व बॉण्ड दर में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- "जमा द्रव्य ऋणों का सृजन करते हैं तथा ऋण जमा का सृजन करते हैं।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बैंक द्वारा साख सृजन पर प्रभाव डालने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्याज दरों पर मुद्रा प्रसार के प्रभावों को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक क्या है? इसके कार्यों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के कार्यो का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक वित्त निगम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में विकास बैंकों के कार्यकरण का आलोचनात्मक मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों की प्रगति के क्या कारण हैं? इनकी क्या कमियाँ हैं? इन्हें दूर करने हेतु सुझाव भी दीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत साख आवंटन की समस्या और नीतियों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राज्य वित्तीय निगमों का संक्षिप्त परिचय देते हुए इनके कार्यों को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय यूनिट ट्रस्ट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विकास बैंक क्या है? विकास बैंक के प्रमुख कार्य लिखिए।
- प्रश्न- उद्योगों को वित्त प्रदान करने वाली वित्तीय संस्थाओं के नाम बताइये। भारत में विकास बैंकों की संरचना बताइये।
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक किस प्रकार से औद्योगिक वित्त प्रदान करता है?
- प्रश्न- भारतीय निर्यात-आयात बैंक की स्थापना, कार्यों तथा संचालित किये जाने वाले कार्यक्रमोंको समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा विदेशी व्यापार के संवर्धन हेतु कौन-कौन से कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से आप क्या समझते हैं? नाबार्ड द्वारा कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में क्या कार्य किये जाते हैं? इस बैंक की सफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में विकास बैंक की मुख्य कमियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विकास बैंकों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक के संगठन एवं कार्यो को समझाइये।
- प्रश्न- रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी प्रमुख कार्यों को बताइए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की सफलताओं एवं असफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की असफलताओं पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- साख नियंत्रण से आप क्या समझते हैं? साख नियंत्रण की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? साख नियंत्रण की परिमाणात्मक विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- साख नियंत्रण की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- परिमाणात्मक या संख्यात्मक साख नियंत्रण से आप क्या समझते हैं? बैंक दर विधि को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खुले बाजार की क्रियाओं से क्या आशय है? इनके उद्देश्य एवं परिसीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- नकद संचय अनुपात से आप क्या समझते हैं? तरल कोषानुपात विधि क्या है?
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की वर्तमान साख नियंत्रण व्यवस्था का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की साख नियन्त्रण व्यास्था की क्या आलोचनायें हैं?
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के मुख्य प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की विद्यमान साख नियंत्रण यान्त्रिकी का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासित ब्याज दर का इतिहास लिखिए। भारत में ब्याज दरों के नियमन के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- भारत में ब्याज दरों के विनियमन के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक के विकासात्मक कार्य बताइए।
- प्रश्न- ब्याज दर किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की ब्याज दरों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर मुद्रा-स्फीति और मुद्रा-स्फीति के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक के वर्जित कार्य कौन-कौन से हैं? आर. बी. आई. किस प्रकार एन. बी. एफ. सी. का नियंत्रण करती है?
- प्रश्न- निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए - (a) मौद्रिक नीति (b) बैंक दर (c) नकद कोषानुपात
- प्रश्न- भारतीय मौद्रिक नीति के उद्देश्य लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक का उद्भव बताइए। रिजर्व बैंक साख सूचना कार्यालय क्या है?
- प्रश्न- साख नियंत्रण के विभिन्न उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई? इसके प्रमुख उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत जैसे विकासशील देश के लिए उपयुक्त मौद्रिक नीति की रूपरेखा का सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की शक्तियों पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारतवर्ष में भावी ब्याज दरों की प्रत्याशाएँ लिखिए। भारत वर्ष में ब्याज दरों के विनियमन की सीमाएँ लिखिए।