बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-5 भारत में मौद्रिक सिद्धान्त एवं बैंकिंग बीकाम सेमेस्टर-5 भारत में मौद्रिक सिद्धान्त एवं बैंकिंगसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-5 भारत में मौद्रिक सिद्धान्त एवं बैंकिंग - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के मुख्य प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(Main Provisions of the Reserve Bank of India Act, 1934)
भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के प्रभावी हो जाने के बाद विभिन्न वित्तीय एवं बैंकिंग सेवाओं में सुधार लाते हुए विनियमन व नियंत्रण कार्यों में सुधार किये गये जिनके परिणामस्वरूप इस बैंकिंग अधिनियम का कार्यक्षेत्र अधिक व्यापक हो गया। इस अधिनियम में 5 अध्याय 5 अनुसूचियाँ तथा कुल 58 अनुच्छेद हैं। इस अधिनियम के मुख्य प्रावधान अग्रवत हैं -
1. नाम, क्षेत्र एवंलागू होने की तिथि (Name, Scope and Date of Enforcement ) [ धारा 1] - इस अधिनियम का नाम भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 है। यह सम्पूर्ण पर लागू होता है। इसके प्रभावी होने की तिथि 1 अप्रैल, 1935 है।
2. पूँजी (Capital ) [ धारा 2] - रिजर्व बैंक की विद्यमान पूँजी 5 करोड़ रुपये है जो प्रत्येक 100 रुपये वाले 5 लाख अंशों में विभक्त है। इसके अंश भारत सरकार के पास है तथा यह राष्ट्रीयकृत संस्था है। प्रारम्भ में यह निजी अंशधारक बैंक के रूप में था।
3. विभाग या शाखाएँ (Departments and Branches) [धारा 6] - इस धारा के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक पूरे देश में कहीं भी शाखाएँ या एजेन्सियाँ खोल सकता है। यह भारत के बाहर भी अपने कार्यालय एवं शाखाएँ स्थापित कर सकता है। परन्तु इसके लिए केन्द्रीय सरकार का पूर्व- अनुमोदन आवश्यक होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के प्रशासनिक विभाग निम्नलिखित होते हैं-
1. बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग ( Banking Operation and Development Department) - यह विभाग सार्वजनिक ऋण जमा खाते तथा प्रतिभूतियों सम्बन्धी कार्यों को देखता है।
2. निर्गमन विभाग (Issue Department) - यह विभाग नोट निर्गमन सम्बन्धी व्यवस्था को देखता है।
3. आर्थिक विश्लेषण व नीति विभाग (Economic Analysis and Policy Department) - यह विभाग देश की आर्थिक समस्याओं के बारे में अनुसंधान करता है और उसके परिणाम को मासिक पत्रिका में प्रकाशित करता है।
4. सांख्यिकी विश्लेषण और कम्प्यूटर सेवा विभाग (Statistical Analysis and Computer Service Development) - यह विभाग आर्थिक क्षेत्रों के आंकड़े एकत्र करता है और विश्लेषण करता है और दो वॉल्यूम में प्रकाशित करता है।
5. विदेशी मुद्रा नियन्त्रण विभाग (Foreign Currency Control Department) - यह विभाग विदेशी विनिमय के लेनदेन सम्बन्धी क्रियाओं पर नियन्त्रण करता है।
6. औद्योगिक और निर्यात ऋण विभाग (Industrial and Export Debt Department) - यह विभाग औद्योगिक वित्त व निर्यात ऋण सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए नीतियाँ निर्धारित करता हैं।
7. निरीक्षण विभाग ( Inspection Department) - यह विभाग रिजर्व बैंक की शाखाओं तथा कार्यालयों का निरीक्षण करता है।
8. वित्तीय कम्पनी विभाग (Financial Companies Department) - यह विभाग गैर-बैंकिंग कम्पनियों द्वारा स्वीकार की गई जमाओं पर नियन्त्रण करता है।
9. आन्तरिक ऋण प्रबन्धन विभाग (Internal Debt Management partment) - यह विभाग आन्तरिक ऋण प्रबन्धन की नीतियों और परिचालनों को मजबूत करता है
10. स्वर्ण विभाग ( Gold Department) - यह विभाग जनता से स्वर्ण प्राप्त करके निधि को मजबूत करता है।
11. मानव संसाधन विकास विभाग (HRD Department) - यह विभाग रिजर्व बैंक के कार्यों का मूल्यांकन करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक की शाखाएँ मुंबई, कोलकाता, नई दिल्ली तथा चेन्नई में हैं।
प्रबन्ध (Management ) [ धारा 8] - भारतीय रिजर्व बैंक का प्रबन्ध 20 सदस्यीय केन्द्रीय संचालक मण्डल द्वारा होता है। इस मण्डल का गठन अग्रवत होता है -
(i) एक गवर्नर तथा अधिकतम चार उप-गवर्नर जो केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किये जायेंगे। इनके वेतनमान केन्द्रीय सरकार के परामर्श के अनुसार केन्द्रीय संचालक मण्डल द्वारा निर्धारित होते हैं।
(ii) केन्द्रीय सरकार द्वारा मनोनीत चार संचालक प्रत्येक स्थानीय मण्डल से एक होगा जिसका कार्यकाल 5 वर्ष का होगा।
(iii) केन्द्रीय सरकार द्वारा मनोनीत 10 अन्य संचालक जिनका कार्यकाल 4 वर्ष का होगा।
(iv) केन्द्रीय सरकार द्वारा मनोनीत संचालक जो सरकारी कर्मचारी होगा। इसे संचालक मण्डल की सभा में मताधिकार न होगा। परन्तु उसे भाग लेने व बोलने का अधिकार होगा।
सदस्यता हेतु आयोग व्यक्ति (Persons Ineligible for Membership) [ धारा 10] - निम्नलिखित व्यक्तियों को भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय या स्थानीय मण्डल में नियुक्त नहीं किया जा सकता है-
1. दिवालिया
2. मानसिक रूप से अनुपयुक्त व्यक्ति
3. सरकारी कर्मचारी
4. बैंक में कार्यरत व्यक्ति
5. किसी व्यावसायिक संठन का सदस्य अथवा सरकारी बैंक के संचालक मण्डल का सदस्य।
सदस्यता का प्रत्याहरण (Withdrawal of Membership) @धारा 1] - केन्द्रीय या स्थानीय बोर्ड का कोई सदस्य अपनी सदस्यता को निम्नलिखित तरीके से वापस ले सकता है-
1. त्यागपत्र देकर,
2. केन्द्रीय सरकार के आदेश से,
3. जब गवर्नर या डिप्टी गवर्नर से त्यागपत्र के लिए कहा जाये,
4. यदि कोई सदस्य छुट्टी लिए बिना लगातार तीन बोर्ड सभाओं से अनुपस्थित रहता है तो उसे हटा दिया जायेगा।
5. यदि रिजर्व बैंक का कोई संचालक या स्थानीय बोर्ड का कोई सदस्य संसद या विधानसभा का सदस्य चुन लिया जाये।
व्यवहार जिन्हें रिजर्व बैंक कर सकता है (Business which the RBI may Transact) [धारा 17] - रिजर्व बैंक निम्नलिखित व्यवहार कर सकता है-
1. केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों व अन्य व्यक्तियों से बिना न्याय के जमाएँ स्वीकार करना।
2. भारत में आहरित तथा देय विनिमय बिलों व प्रतिज्ञापत्रों का य विक्रय करना।
3. अनुसूचित बैंकों के साथ विदेशी विनिमय का क्रय-विक्रय करना,
4. स्कन्ध, कोषों, प्रतिभूतियों, स्वर्षा या रजत या इनके स्वामित्व के प्रपों पर ऋण या अग्रिम देना।
प्रत्यक्ष कटौती का अधिकार (Power of Direct Discount ) [ धारा 18 ] - जब रिजर्व बैंक के विचार से विशेष दशाओं के कारण भारतीय व्यवसाय, उद्योग व कृषि के हित में साख नियमन हेतु आवश्यक हो तो बैंक ऐसे विनिमय पत्रों की कटौती कर सकता है जो अधिनियम की धारा में क्रय-विक्रय या कटौती के पात्र नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग कार्यों को धारा 20 व 21 में दिया गया है।
नोट- निर्गमन अधिकार (Right to issue Currency Note) [धारा 22 से 26 (a) तक] - रिजर्व बैंक के पास भारत में नोट निर्गमन करने का एकाधिकार है। यह कार्य बैंक का नोट निर्गमन विभाग करता है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी नोट विधिमान्य मुद्रा होते हैं।
उपरोक्त व्यवस्थाओं के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में नोट निर्गमन हेतु धरोहर, अनुसूचित बैंकों के दायित्व, आदि के सम्बन्ध में भी प्रावधान किये गये हैं।
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- प्रश्न- "मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों ओर सम्पूर्ण अर्थतंत्र चक्कर लगाता है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समाजवादी एवं नियोजित अर्थव्यवस्था में मुद्रा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- मुद्रा का आशय एवं परिभाषा बताइये तथा उसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मुद्रा के मुख्य कार्य कौन-कौन से हैं? मुद्रा के द्वितीयक कार्य क्या होते हैं?
- प्रश्न- मुद्रा के आकस्मिक कार्यों का वर्णन कीजिए। पॉल इन्जिंग ने मुद्रा के कार्यों को कितने भागों में बांटा है?
- प्रश्न- मुद्रा की परिभाषा से सम्बन्धित विभिन्न दृष्टिकोण क्या हैं? मुद्रा के प्रमुख लक्षण बताइये।
- प्रश्न- "मुद्रा कई बुराइयों की जड़ है।" क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- मुद्रा की पूर्ति से आप क्या समझते हैं? इन्हें प्रभावित करने वाले कारकों तथा पूर्ति के मापन की विधियां बताइये।
- प्रश्न- मुद्रा पूर्ति के मापक व संघटक बताइये।
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा से क्या तात्पर्य है? उच्च शक्ति मुद्रा के संघटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा के संघटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुद्रा के मूल्य से आप क्या समझते हैं? यह कैसे तय होता है?
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा सामान्य मुद्रा (संकुचित मुद्रा) से किस प्रकार भिन्न होती है?
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा एवं सामान्य मुद्रा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मुद्रा की माँग से आप क्या समझते हैं? मुद्रा की माँग किन-किन बातों से प्रभावित होती है?
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा के उपयोग व महत्व को बताइये।
- प्रश्न- उच्च शक्ति मुद्रा के स्रोत क्या हैं?
- प्रश्न- भारत में वित्तीय प्रणाली को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- वित्तीय प्रणाली की विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- वित्तीय प्रणाली के संघटक क्या हैं?
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए कि वित्तीय प्रणाली आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।.
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थ से आप क्या समझते हैं? वित्तीय मध्यस्थों के कार्यों का वर्णन कीजिए। "वित्तीय मध्यस्थ प्रतिभूतियों के व्यापारी होते हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थों की कार्य एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थ एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थ में अन्तर बताइये। गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वित्तीय मध्यस्थ क्या हैं?
- प्रश्न- वाणिज्य बैंकों के कार्यों की विवेचना कीजिए। वे किस प्रकार देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण हैं?
- प्रश्न- वाणिज्यिक बैंक के प्रमुख एवं अभिकर्ता सम्बन्धी कार्य कौन-कौन से हैं? तथा उनके अन्य कार्य भी बताइए।
- प्रश्न- वाणिज्यिक बैंकों का देश के आर्थिक विकास में क्या महत्व है?
- प्रश्न- आधुनिक व्यापार एवं वित्त के संदर्भ में बैंकों की कमियाँ बताइये।
- प्रश्न- भारतीय बैंकिंग व्यवस्था की प्रमुख कमियाँ बताइये।
- प्रश्न- शाखा बैंकिंग तथा इकाई बैंकिंग प्रणालियों से आप क्या समझते हैं? इनके गुण-दोषों की तुलना कीजिए तथा बताइये कि इन दोनों प्रणालियों में से कौन-सी प्रणाली भारत के लिए उपयुक्त है?
- प्रश्न- शाखा बैंकिंग के गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- इकाई बैंकिंग प्रणाली के गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इकाई बैंकिंग प्रणाली व शाखा बैंकिंग प्रणाली में कौन श्रेष्ठ है? स्पष्ट कीजिए। एक श्रेष्ठ बैंकिंग प्रणाली के लक्षण बताइये।
- प्रश्न- भारत में जनसमुदाय की भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कितने प्रकार के बैंकों का गठन किया गया है?
- प्रश्न- भारतीय बैंकिंग प्रणाली की संरचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक क्या हैं? इनके क्या कार्य हैं? ग्रामीण भारत में इनकी भूमिका तथा प्रगति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैकों की प्रगति व उपलब्धियाँ बताइये।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कमियों को दूर करने हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना के क्या उद्देश्य थे? क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में केलकर समिति के सुझाव समझाइए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में केलकर समिति के सुझाव बताइए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कार्य विवरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वाणिज्य बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कमियाँ व समस्याएँ बताइये।
- प्रश्न- सहकारी साख संस्थाओं की प्रमुख समस्याएँ क्या हैं? इन्हें दूर करने के लिए सुझाव दीजिए। सहकारी साख ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए क्या सरकारी प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- प्राथमिक कृषि साख समितियों के उन्नयन हेतु आप क्या सुझाव देंगे?
- प्रश्न- केन्द्रीय सहकारी बैंकों की क्या समस्याएं हैं?
- प्रश्न- केन्द्रीय सहकारी बैंकों के सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- भारत देश में राज्य सहकारी बैंकों की क्या समस्याएं हैं?
- प्रश्न- राज्य सहकारी बैंकों के विकास हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सहकारी साख ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए क्या सरकारी प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- प्राथमिक सहकारी समितियों की विशेषताओं को लिखिए।
- प्रश्न- भारत में सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सहकारी बैंक तथा वाणिज्यिक या व्यापारिक बैंक में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- प्राथमिक सहकारी बैंक क्या है? उनकी ग्रामीण भारत में क्या भूमिका है?
- प्रश्न- भारत में राज्य सहकारी बैंकों का संगठन तथा कार्य समझाइये। राज्य सहकारी बैंकों को आप क्या सुझाव देंगे?
- प्रश्न- सहकारी साख संस्थाओं की प्रमुख समस्यायें क्या हैं? सहकारी साख ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए क्या सरकारी प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- भूमि विकास बैंकों की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- साख का आशय, परिभाषायें तथा आवश्यक तत्वों का वर्णन कीजिए। साख के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- साख का क्या महत्व होता है?
- प्रश्न- साख का वर्गीकरण किन आधारों पर किया जाता है? इसके वर्गीकरण को समझाइये।
- प्रश्न- समयावधि, उपभोग एवं सुरक्षा के आधार पर साख का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वरूप के आधार पर ऋण का वर्गीकरण कीजिए। ऋण के आधार पर साख का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- ब्याज के तरलता पसन्दगी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत साख के आवंटन को निर्धारित करने वाले वित्तीय एवं गैर- वित्तीय घटकों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत साख के आबंटन को निर्धारित करने वाले गैर-वित्तीय घटकों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साख निर्माण की सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- तरलता प्रीमियम सिद्धान्त क्या है?
- प्रश्न- नवपरम्परावादी सिद्धान्त और पूर्ति क्या है? बॉण्ड की कीमत व बॉण्ड दर में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- "जमा द्रव्य ऋणों का सृजन करते हैं तथा ऋण जमा का सृजन करते हैं।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बैंक द्वारा साख सृजन पर प्रभाव डालने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्याज दरों पर मुद्रा प्रसार के प्रभावों को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक क्या है? इसके कार्यों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के कार्यो का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक वित्त निगम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में विकास बैंकों के कार्यकरण का आलोचनात्मक मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों की प्रगति के क्या कारण हैं? इनकी क्या कमियाँ हैं? इन्हें दूर करने हेतु सुझाव भी दीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत साख आवंटन की समस्या और नीतियों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राज्य वित्तीय निगमों का संक्षिप्त परिचय देते हुए इनके कार्यों को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय यूनिट ट्रस्ट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विकास बैंक क्या है? विकास बैंक के प्रमुख कार्य लिखिए।
- प्रश्न- उद्योगों को वित्त प्रदान करने वाली वित्तीय संस्थाओं के नाम बताइये। भारत में विकास बैंकों की संरचना बताइये।
- प्रश्न- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक किस प्रकार से औद्योगिक वित्त प्रदान करता है?
- प्रश्न- भारतीय निर्यात-आयात बैंक की स्थापना, कार्यों तथा संचालित किये जाने वाले कार्यक्रमोंको समझाइये।
- प्रश्न- भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा विदेशी व्यापार के संवर्धन हेतु कौन-कौन से कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से आप क्या समझते हैं? नाबार्ड द्वारा कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में क्या कार्य किये जाते हैं? इस बैंक की सफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में विकास बैंक की मुख्य कमियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विकास बैंकों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक के संगठन एवं कार्यो को समझाइये।
- प्रश्न- रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बैंकिंग सम्बन्धी प्रमुख कार्यों को बताइए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की सफलताओं एवं असफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की असफलताओं पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- साख नियंत्रण से आप क्या समझते हैं? साख नियंत्रण की कौन-कौन सी विधियाँ हैं? साख नियंत्रण की परिमाणात्मक विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- साख नियंत्रण की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- परिमाणात्मक या संख्यात्मक साख नियंत्रण से आप क्या समझते हैं? बैंक दर विधि को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खुले बाजार की क्रियाओं से क्या आशय है? इनके उद्देश्य एवं परिसीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- नकद संचय अनुपात से आप क्या समझते हैं? तरल कोषानुपात विधि क्या है?
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की वर्तमान साख नियंत्रण व्यवस्था का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की साख नियन्त्रण व्यास्था की क्या आलोचनायें हैं?
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के मुख्य प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की विद्यमान साख नियंत्रण यान्त्रिकी का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासित ब्याज दर का इतिहास लिखिए। भारत में ब्याज दरों के नियमन के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- भारत में ब्याज दरों के विनियमन के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक के विकासात्मक कार्य बताइए।
- प्रश्न- ब्याज दर किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की ब्याज दरों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर मुद्रा-स्फीति और मुद्रा-स्फीति के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक के वर्जित कार्य कौन-कौन से हैं? आर. बी. आई. किस प्रकार एन. बी. एफ. सी. का नियंत्रण करती है?
- प्रश्न- निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए - (a) मौद्रिक नीति (b) बैंक दर (c) नकद कोषानुपात
- प्रश्न- भारतीय मौद्रिक नीति के उद्देश्य लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक का उद्भव बताइए। रिजर्व बैंक साख सूचना कार्यालय क्या है?
- प्रश्न- साख नियंत्रण के विभिन्न उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई? इसके प्रमुख उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत जैसे विकासशील देश के लिए उपयुक्त मौद्रिक नीति की रूपरेखा का सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय रिजर्व बैंक की शक्तियों पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारतवर्ष में भावी ब्याज दरों की प्रत्याशाएँ लिखिए। भारत वर्ष में ब्याज दरों के विनियमन की सीमाएँ लिखिए।