बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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समाजशास्त्रीय चिन्तन के अग्रदूत (प्राचीन समाजशास्त्रीय चिन्तन)
प्रश्न- 'आत्महत्या सामाजिक कारकों की उपज है न कि वैयक्तिक कारकों की। दुर्खीम के इस कथन की विवेचना कीजिए।
अथवा
'आत्महत्या एक व्यक्तिगत घटना नहीं, अपितु एक सामाजिक घटना है। दुर्खीम के इस कथन की विवेचना कीजिए।
अथवा
आत्महत्या का सामूहिक चेतना से क्या सम्बन्ध है? दुर्खीम के सम्बन्ध में स्पष्ट कीजिये।
उत्तर -
आत्महत्या सामाजिक कारकों की उपज है न कि वैयक्तिक कारकों की। दुर्खीम के अनुसार, आत्महत्या एक सामाजिक घटना है न कि सामाजिक घटना। इसीलिए इन्होंने आत्महत्या से सम्बन्धित उन सिद्धान्तों को स्वीकार नहीं किया है, जोकि आत्महत्या को कतिपय वैयक्तिक कारणों की उपज मानते हैं। अनेक विद्वानों का मानना यह है कि आत्महत्या की घटना पागलपन तथा एकोन्माद से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है। लेकिन जिस प्रकार दुर्खीम ने आँकड़ों की सहायता से यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया है कि पागल तथा एकोन्माद आत्महत्या के वास्तविक कारण नहीं है, ठीक उसी प्रकार आत्महत्या के सम्बन्ध में प्रजाति और वंशानुक्रमण को महत्वपूर्ण कारक माना है। लेकिन दुर्खीम इस बात से सहमत नहीं है कि वंशानुक्रमण और प्रजाति आत्महत्या के मामले के महत्वपूर्ण कारक हैं जबकि अनेक भौगोलिकवादियों के मतानुसार आत्महत्यायें भौगोलिक परिस्थितियों जैसे, तापमान, मौसम, समय व जलवायु आदि से प्रभावित होती हैं। इसके साथ ही कुछ विद्वान निर्धनता, मद्यपान तथा अनुकरण आदि की भी आत्महत्या का महत्वपूर्ण कारक मानते हैं। लेकिन दुर्खीम उपरोक्त सभी विद्वानों के विचारों से सहमत नहीं है। इनका कहना है कि उपरोक्त सभी कारक वैयक्तिक हैं जबकि आत्महत्या मूल रूप में एक सामाजिक घटना हैं अतः इन सभी कारणों के आधार पर आत्महत्या की कदापि व्याख्या नहीं की जा सकती है। यद्यपि यह वास्तविकता है कि कुछ लोग उपरोक्त वैयक्तिक कारणों से भी आत्महत्या करते हैं लेकिन इन कारणों के आधार पर आत्महत्या की सामान्य व्याख्या नहीं की जा सकती है। वास्तविकता तो यह है कि आत्महत्या की प्रकृति सामाजिक होती है जिसकी व्याख्या सामाजिक सन्दर्भ में ही सम्भव है।
दुर्खीम इस बात से कदापि सहमत नहीं है कि आत्महत्या केवल वैयक्तिक अवस्थाओं पर ही निर्भर करती है। इन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि आत्महत्या की घटना को सामाजिक तत्व या कारक के सन्दर्भ में ही समझा जा सकता है। इसे स्पष्ट करते हुए इन्होंने लिखा है कि - "सामाजिक पर्यावरण की कुछ अवस्थाओं का आत्महत्या के साथ सम्बन्ध अत्यधिक प्रत्यक्ष तथा स्थायी है. जबकि आत्महत्या का प्राणिशास्त्रीय तथा भौतिक के साथ सम्बन्ध उतना ही अनिश्चित तथा अस्पष्ट होता है।"
दुर्खीम के अनुसार, सामाजिक कारणों की सहायता से हमें आत्महत्या की उन घटनाओं की भी व्याख्या मिलती है जिन्हें अभी तक भौतिक कारणों का प्रभाव बताया जाता था। यदि पुरुषों
की अपेक्षा स्त्रियों में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति कम पायी जाती है तो इसका कारण यह कदापि नहीं है कि वे स्त्रियाँ हैं बल्कि इसका वास्तविक कारण यह है कि वे पुरुषों की अपेक्षा सामूहिक जीवन में कम भाग लेती हैं, अतः वे इसके अच्छे या बुरे प्रभाव को बहुत कम अनुभव करती हैं। ठीक इसी प्रकार कम आयु के व्यक्तियों व बच्चों पर भी इसका प्रभाव होता है।
उपरोक्त विवेचन के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि आत्महत्या सामाजिक कारकों की उपज है न कि वैयक्तिक कारकों की।
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- प्रश्न- समाजशास्त्र के उद्भव में सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति क्या है? इसके प्रमुख प्रभाव बताइए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के प्रमुख प्रभाव बताइए।
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- प्रश्न- दुर्खीम के सामाजिक एकता के सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- दुर्खीम के श्रम विभाजन सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के सिद्धान्त को समझाइए।
- प्रश्न- समाजशास्त्र के विकास में दुर्खीम का योगदान बताइए।
- प्रश्न- दुर्खीम के आत्महत्या सिद्धान्त की आलोचनात्मक जाँच कीजिए।
- प्रश्न- दुर्खीम द्वारा वर्णित आत्महत्या के प्रकारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- दुर्खीम के आत्महत्या सिद्धान्त के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'आत्महत्या सामाजिक कारकों की उपज है न कि वैयक्तिक कारकों की। दुर्खीम के इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- दुखींम का समाजशास्त्रीय योगदान बताइये।
- प्रश्न- दुखींम ने समाजशास्त्र की अध्ययन पद्धति को समृद्ध बनाया, व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- कॉम्ट तथा दुखींम की देन की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- श्रम विभाजन समझाइये।
- प्रश्न- दुर्खीम ने यान्त्रिक तथा सावयवी एकता में अन्तर किस प्रकार किया है?
- प्रश्न- श्रम विभाजन के कारण बताइए।
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- प्रश्न- यान्त्रिक संश्लिष्टता तथा सावयविक संश्लिष्टता के बीच अन्तर कीजिए।
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- प्रश्न- अहम्वादी आत्महत्या के सम्बन्ध में दुर्खीम के विचारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- दुर्खीम के अनुसार आत्महत्या के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक एकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सामाजिक तथ्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- मैक्स वेबर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
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- प्रश्न- जार्ज हरबर्ट मीड का प्रतीकात्मक अन्तः क्रियावाद बतलाइये।
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- प्रश्न- टालकॉट पारसन्स का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिये।
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