बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
उत्तर -
भारत में ब्रिटेन की भाँति ही प्रशासकीय न्यायाधिकरणों का विकास हुआ है। आर्थिक तथा सामाजिक कानूनों के पिछड़े होने के कारण यहाँ न्यायाधिकरणों की संख्या ब्रिटेन की तुलना में कम है। सन् 1957 तक केन्द्र तथा राज्य अधिनियमों में एक विश्लेषण के अनुसार लगभग 2900 प्रशासकीय निकाय देश भर में कार्य कर रहे थे। वर्तमान में यह संख्या 3000 से ऊपर हो सकती है। भारत में. प्रशासकों तथा सरकारी विभागों द्वारा अधिनिर्णय का कार्य करने वाले अधिकारियों तथा न्यायाधिकरणों को निम्नलिखित सात वर्गों में विभाजित किया गया है.
(1) निर्वाचन न्यायाधिकरण - भारतीय संविधान द्वारा एक निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गई है। यह संसद तथा राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों का संचालन करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह चुनाव सम्बन्धी विवादों में दी जाने वाली याचिकाओं पर जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार विचार तथा निर्णय करता है। ये निर्वाचन अधिकरणों का कार्य करते हैं। इनके निर्णयों के विरुद्ध उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय में अपीलें भी की सकती हैं।
(2) औद्योगिक विवादों तथा श्रम कल्याण के न्यायाधिकरण - उद्योगों के मालिकों तथा मजदूरों से उत्पन्न होने वाले विवादों के समाधान तथा मजदूरों के कल्याण की व्यवस्था के लिए सरकार अनेक प्रकार के अधिकारी तथा न्यायाधिकरण नियुक्त करती है। जैसे कारखानों में निरीक्षकों की नियुक्ति, औद्योगिक विवाद न्यायाधिकरण, मजदूरों के मुआवजों का न्यायाधिकरण, विविध उद्योगों में मजदूरी तय करने वाले बोर्ड इत्यादि।
(3) राजस्व अधिकारियों के बोर्ड - केन्द्रीय सरकार के वित्त विभाग में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड है जिसे आयकर, सम्पदा शुल्क कानून, सम्पत्ति कर कानून उपहार कर कानून आदि कानूनों के अधीन लगाए गए करों के बारे में प्रस्तुत मामलों की सुनवाई तथा निर्णय करने का अधिकार है। इस बोर्ड ने कर सम्बन्धी मामलों की अपीलें सुनने के लिए कर अपीलीय न्यायाधिकरण बनाए हैं। जिनमें करदाता आयकर अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों के विरुद्ध अपील कर सकते हैं।
(4) भू-अधिग्रहण से सबन्धित न्यायाधिकरण - सरकारी प्रयोजनों के लिए जमीन अधिग्रहण करने तथा उसके बदले में भू-स्वामी को मुआवजा देने का प्रावधान है। इस सम्बन्ध में जिला कलक्टर और कमिश्नरों को विशेष अधिकार प्रदत्त हैं। इसके लिए न्यायिक प्रक्रिया की पद्धति अपनायी गई है। जमीन के साथ-साथ, खान, फैक्टरी इत्यादि अचल सम्पत्ति सरकार द्वारा प्राप्त करने के लिए विशेष कानूनों तथा अध्यादेशों द्वारा न्यायाधिकरण स्थापित किए जाते हैं।
(5) नियामक प्राधिकरणों के अधिनिर्णय विषयक अधिकार - विभिन्न प्रशासनिक क्षेत्रों में न्यायिक नियन्त्रण स्थापित करने के लिए अनेक नियामकीय आयोग और बोर्ड हैं। चलचित्रों के आपत्तिजनक हिस्सों को काटने, पूरी फिल्म की समीक्षा के लिए फिल्म सेन्सर का केन्द्रीय बोर्ड है। इसी प्रकार के अन्य अधिकारी ट्रेडमार्क, पेटेण्ट व कॉपीराइट के रजिस्ट्रार एवं एकाधिकार तथा अवरोधक व्यापारिक व्यवहार आयोग है। बीमा नियामक विकास प्राधिकरण, केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग, भारती दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड आदि नवीनतम उदाहरण हैं। इन्हें अपने. अपने क्षेत्रों के विवादों के निपटाने के अधिनिर्णय करने के अधिकार हैं।
(6) परिवहन एवं रेलवे न्यायाधिकरण - राज्यों में मोटरवाहन कानून के अन्तर्गत परिवहन अधिकारियों को भाडे की दरों सम्बन्धी विवाद तय करने के अधिकारी होते हैं। 1949 में रेलवे पर न्यायाधिकरण की स्थापना की गई। 1957 से इसका अधिकार क्षेत्र सीमित कर दिया गया। वर्तमान में जिन नियमों का अनुगमन न्यायाधिकरण करता है, वे रेल दर न्यायाधिकरण 1959 द्वारा निर्धारित की गई है। भारत में यह न्यायाधिकरण उपयोगी कार्य कर रहा है। इसके द्वारा निर्मित सिद्धान्तों से रेल प्रशासन तथा उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है।
(7) सरकारी कर्मचारियों से सम्बन्धित न्यायाधिकरण - भारतीय संविधान के अनु. 323 (क) में केन्द्र तथा राज्यों की लोक सेवाओं तथा पदों पर नियुक्त किए गए व्यक्तियों की भर्ती तथा सेवा भर्ती से उत्पन्न विवादों का समाधान करने के लिए प्रशासनिक न्यायाधिकरण नियुक्त करने का प्रावधान है। प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 में अधिनियमित किया गया। अधिनियम में केन्द्र के लिए केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण तथा राज्यों के लिए राज्य प्रशासनिक अधिकरण की व्यवस्था की गई है। प्रशासनिक अधिकरणों को इस अधिनियम के तहत सेवा मामलों को निपटाने के लिए उच्च न्यायालय का दर्जा तथा शक्तियाँ प्राप्त हैं। केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की स्थापना 1 नवम्बर, 1985 को की गयी थी। इस अधिकरण में 1 अध्यक्ष, 16 उपाध्यक्ष तथा 49 सदस्य होते हैं। राज्य प्रशासनिक अधिकरण के अन्तर्गत वर्तमान में आन्ध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल में न्यायाधिकरण स्थापित हैं।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अनुशासन से क्या तात्पर्य है? लोक प्रशासन में अनुशासन के महत्व को दर्शाइए।
- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
- प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
- प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
- प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की हरबर्ट साइमन द्वारा प्रस्तुत आलोचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
- प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
- प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय क्षेत्र में सुशासन स्थापित करने की प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
- प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।