बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन
प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
उत्तर -
(British Legislative Procedure)
ब्रिटेन की संसद विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संसद है अतः इसकी विधि निर्माण प्रक्रिया का प्रभाव भी संपूर्ण विश्व पर पड़ा है। ब्रिटेन की व्यवस्थापन प्रक्रिया अध्ययन निम्नांकित आधारों पर किया जा सकता है -
विधेयकों के प्रकार
(Types of Bills)
ब्रिटेन में प्रमुख रूप से दो प्रकार के विधेयक होते हैं-
1. सार्वजनिक विधेयक ( Public Bills) - ये वे विधेयक होते हैं जिनका संबंध सार्वजनिक विषयों से होता है। यह सरकार के किसी मंत्री या सदस्य के द्वारा रखे जाते हैं। सार्वजनिक विधेयक दो प्रकार के होते हैं-
(अ) वित्त विधेयक (Money Bills) - ये धन संबंधी विषयों से संबंधित होते हैं।
(ब) अवित्तीय विधेयक (Non-Money Bills) - ये धन के अतिरिक्त अन्य किसी सार्वजनिक हित के विषय से संबंधित होते हैं। ये विधेयक दो प्रकार के होते हैं -
(i) सरकारी विधेयक (Government Bills) - ये विधेयक सरकार की ओर से प्रस्तुत किये जाते हैं-
(ii) व्यक्तिगत सदस्य विधेयक ( Private Member's Bills) - ये सार्वजनिक विधेयक होते हैं परन्तु सरकार की ओर से प्रस्तुत न होकर किसी गैर सरकारी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत किये जाते हैं।
2. व्यक्तिगत विधेयक ( Private Bills) - ये विधेयक सार्वजनिक हित से संबंधित नहीं होते बल्कि क्षेत्र या वर्ग के हित से संबंधित होते हैं।
निम्नांकित तालिका विधेयकों के वर्गीकरण को स्पष्ट करती है-
व्यवस्थापन प्रक्रिया (Legislative Procedure) - विधि निर्माण प्रक्रिया के निम्नांकित स्तर होते हैं-
1. प्रस्तुतीकरण एवं प्रथम वाचन ( Introduction and First Reading) - ब्रिटेन में व्यवस्थापन प्रक्रिया का प्रथम विधेयक का प्रस्तुतीकरण एवं प्रथम वाचन होता है। सभी महत्वपूर्ण विधेयक किसी मंत्री के द्वारा और धन विधेयक वित्त मंत्री के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। वित्त विधेयक कामन्स सभा में ही प्रारम्भ हो सकता है अन्य विधेयकों का प्रस्तुतीकरण किसी भी सदन में हो सकता है।
ब्रिटेन में प्रथा है कि विधेयक का प्रस्तुतीकरण और प्रथम वाचन एक साथ होता है। प्रस्तुतीकरण की तीन विधियां हैं -
(i) साधारण प्रस्तुतीकरण - इसमें विधेयक के प्रस्तुतीकरण की सूचना लिपिक को दी जाती है जो केवल विधेयक शीर्षक पढ़कर सुना देता है। इसके लिए किसी भाषण की आवश्यकता नहीं होती।
(ii) दस मिनट का प्रस्तुतीकरण - इस विधि का प्रयोग उन महत्वपूर्ण विधेयकों के लिए किया जाता है जो विवादपूर्ण होते हैं। इसमें प्रस्तावक को विधेयक का महत्व बताने, विपक्ष के प्रतिनिधि को आलोचना के लिए दस मिनट का समय दिया जाता है और उसके बाद प्रस्ताव होता है कि प्रथम वाचन पूरा समझा जाये और उसे छपवाने की आज्ञा दी जाये।
(iii) विधेयक की व्यवस्था पर प्रकाश डालने वाला प्रस्तुतीकरण - इसके अन्तर्गत प्रस्ताव विधेयक के सिद्धान्तों व महत्व को विस्तार से बताता है और सदन में विधेयक प्रस्तुत करने का प्रस्ताव रखता है। विरोधी पक्ष के सदस्य विधेयक का विरोध करते हैं। अंत में मतदान द्वारा निर्णय होता है। यदि मतदान का निर्णय प्रस्तावक के पक्ष में होता है तो प्रस्ताव रखा जाता है कि विधेयक का प्रथम वाचन पूर्ण समझा जाये व उसे छपवाया जाये।
द्वितीय वाचन (Second Reading) - द्वितीय वाचन तब प्रारम्भ होता है जब सदन का कोई सदस्य या विधेयक का प्रस्तावक प्रस्ताव राखता है कि विधेयक को दूसरी बार पढ़ा जाये। यहाँ पर विधेयकों के उद्देश्यों व उसके गुण-दोषों पर खुलकर वाद-विवाद होता है। इसके बाद इसे स्वीकार या अस्वीकार किया जाता है। विधेयक को अस्वीकृत करने की दो विधियां हैं-
(i) विधेयक को दोषपूर्ण बताते हुए सीधे अस्वीकृत करने का प्रस्ताव रखा जाये।
(ii) जब द्वितीय वाचन का प्रस्ताव रखा जाये तो विपक्ष उसे दोबारा पढ़ने के संशोधन इतनी बार रखे कि सत्र समाप्त हो जाये तब विधेयक समाप्त हो जाता है। द्वितीय वाचन में विधेयक अस्वीकार होने पर सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।
3. समिति स्तर (Committee Stage) - द्वितीय वाचन मे जब विधेयक स्वीकार कर लिया जाता है तो उसे सदन की किसी समिति के सुपुर्द कर दिया जाता है। शेष सभी विधेयकों को किसी न किसी स्थाई समिति को भेज दिया जाता है।
विधेयक के लिये 'समिति स्तर' महत्वपूर्ण होता है। समिति में विधेयक की प्रत्येक धारा पर विस्तृत विचार होता है।
4. प्रतिवेदन स्तर (Report Stage ) - प्रत्येक समिति विधेयक पर पूर्ण विचार करने के बाद अपने प्रतिवेदन सहित विधेयक को सदन में विचारार्थ वापस करती है। समिति के संशोधनों एवं सुझावों पर निर्णय लेना सदन का कार्य होता है। प्रतिवेदन स्तर पर व्यापक बहस होती है। सदन विधेयक को पुनः किसी समिति को भेज सकता है। विधेयक स्वीकार होने के के बाद तृतीय वाचन प्रारम्भ होता है।
5. तृतीय वाचन (Third Reading) - तृतीय वाचन में सदन का सभापति यह प्रस्ताव करता है कि विधेयक को तीसरी बार पढा जाये।
इस स्तर पर भी विधेयक के उद्देश्यों व सिद्धान्तों पर राजनीतिक वाद-विवाद होता है, विधेयक के रूप पर कोई विवाद नहीं होता। इस वाचन मे नियमित संशोधन स्वीकार नहीं किये जाते। केवल शाब्दिक परिवर्तन हो सकता है। आवश्यकता पड़ने पर मतदान भी होता है। विधेयक स्वीकार होने पर दूसरे सदन में भेज दिया जाता है।
6. द्वितीय सदन की प्रक्रिया (Procedure of other House) - एक सदन में पारित विधेयक दूसरे सदन में भेज दिया जाता है। अधिकतर सरकारी विधेयक पहले कामन्स सभा में प्रेषित किये जाते हैं तत्पश्चात लाई सभा में।
द्वितीय सदन में भी प्रथम वाचन व प्रस्तुतीकरण, द्वितीय वाचन, समिति स्तर, प्रतिवेदन स्तर तथा तृतीय वाचन होते हैं। परन्तु द्वितीय सदन में समिति स्तर पर स्थाई समितियों का प्रयोग नहीं होता बल्कि 'सम्पूर्ण सदन की समिति का प्रयोग किया जाता है।
द्वितीय सदन द्वारा विधेयक स्वीकृत होने पर विधेयक को क्राउन के पास हस्ताक्षर के लिये भेज दिया जाता है।
7. राजकीय स्वीकृति (Royal Assent) - यह औपचारिक स्तर होता है। जब विधेयक क्राउन की स्वीकृति के लिये भेजा जाता है तो उसका शीर्षक अध्यक्ष की उपस्थिति में पढ़ा जाता है। क्राउन का प्रतिनिधि यह घोषणा करता है कि 'राजा ऐसा चाहते हैं इस प्रकार विधेयक कानून बन जाता है।
इस प्रकार ब्रिटेन में व्यवस्थापन कार्य बड़े ही वैज्ञानिक ढंग से होता है। धन विधेयक सरकार के द्वारा और लोक सदन में ही प्रारम्भ होते हैं।
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- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
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- प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
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- प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
- प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
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- प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।