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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

कामन्स सभा का स्पीकर
(Speaker of the House of Commons)

ब्रिटेन में 'हाउस ऑफ कामन्स' के अध्यक्ष को स्पीकर कहा जाता है। ब्रिटेन में स्पीकर को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यह स्थान उसे अपनी निष्पक्षता के कारण प्राप्त हुआ है।

ब्रिटेन में तीन शाही बग्घियां हैं प्रथम पर क्राउन निकलता है, दूसरी स्पीकर के लिए है और तीसरी लंदन के मेयर के लिए। विश्व के किसी भी देश में प्रथम सदन के अध्यक्ष को वह सम्मान प्राप्त नहीं है जो ब्रिटेन में प्राप्त है।

स्पीकर पद की विशेषतायें (Characteristics of the Chair of Speaker ) - ब्रिटेन में 'स्पीकर' पद की निम्नांकित विशेषतायें हैं -

प्रथम, उसका निर्वाचन निर्विरोध होता है। वह निर्वाचन क्षेत्र से भी निर्विरोध चुना जाता है और सदन में भी कुछ अपवादों को छोड़कर ब्रिटेन में यह सुस्थापित परम्परा बन गई है।

द्वितीय, वह जितनी बार चाहे, पुनर्निर्वाचित हो सकता है।

तृतीय, सरकार बदलने के साथ वह पद नहीं छोड़ता। वह तब तक पद पर रहता है जब तक कि सदन भंग नहीं हो जाता और उसका उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता।

चतुर्थ, स्पीकर दल निरपेक्ष होता है। एक बार स्पीकर बनने के बाद वह दल से त्याग पत्र दे देता है।

पाँचवें, वह वाद-विवाद में भाग नहीं लेता। वह केवल बराबर मत होने पर निर्णायक मत देता जो यथास्थिति के पक्ष में होता है।

स्पीकर का पद 1396 से अस्तित्व में है। जब थामस हंगरफोर्ड देश के पहले स्पीकर बने थे। वह 'वेस्टमिन्स्टर भवन में रहता है, उसका प्रशासन पूरी तरह उसके हाथ में होता है। 1919 के लंदन गजट के अनुसार उसका पद काउन्सिल के लार्ड प्रेसीडेन्ट के बाद आता है इर्सकिन ने उसके महत्व का वर्णन करते हुए कहा है 'हाउस आफ कामन्स' का स्पीकर सदन की शक्ति व सदन का प्रतिनिधि माना जाता है। वह सदन का एक अत्यन्त विशिष्ट व्यक्ति होता है।'

निर्वाचन, वेतन व भत्ते (Election, Salary and Allowances) - स्पीकर का निर्वाचन निर्विरोध होता है। वह निर्वाचन क्षेत्र से भी निर्विरोध चुना जाता है और कुछ अपवादों को छोड़कर सदन में भी वह सर्वसम्मति से चुना जाता है।

उसे ब्रिटेन की संचित निधि से 13000 पौण्ड वार्षिक वेतन तथा 3000 पौण्ड भत्ता मिलता है।

शक्तियाँ एवं कार्य
(Powers and Functions)

कामन सभा के स्पीकर के कार्य व शक्तियों की विवेचना निम्नांकित आधारों पर की जा सकती है-

1. सदन का प्रतिनिधित्व (Representation of the House) - कामन सभा के स्पीकर के रूप में वह सदन से बाहर सदन का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रतिनिधित्व निम्नांकित रूप में होता है -

(i) स्पीकर कामन्स सभा व क्राउन के मध्य कड़ी का कार्य करता है। संयुक्त अधिवेशन में सभी सदस्य स्पीकर के नेतृत्व में ही जाते हैं।

(ii) क्राउन के संदेश को वही सदन में पढ़कर सुनाता है।
(iii) नववर्ष पर उसी के नेतृत्व में सदन के सदस्य चर्च जाते हैं।
(iv) वित्त विधेयकों को वही क्राउन की स्वीकृति के लिये प्रस्तुत करता है।
(v) अन्य देशों में ससदीय प्रतिनिधि मंडलों का वही नेतृत्व करता है।

(vi) वह कामन्स सभा व लार्ड सभा के मध्य की भी कड़ी है। वित्त विधेयक वही प्रमाणित करता है। 1911 के संसदीय अधिनियम के बाद से उसे अधिकार है कि यदि लार्ड सभा द्वारा प्रेषित संशोधित विधेयकों में उसे संशोधनों पर यह निर्णय करने का अधिकार है कि वे कामन्स सभा के अधिकारों पर आघात नहीं करते। वह ऐसे संशोधनों को हटा सकता है।

2. सदन का संरक्षक (Guardian of the House) - सदन के संरक्षक के रूप में वह निम्नांकित कार्यों को सम्पन्न करता है -

(i) वह सदन के नियमों व अधिकारों की रक्षा करता है। सदन में विशेषाधिकार संबंधी नियम उसी की अनुमति से उठाया जा सकता है।

(ii) उसकी अनुमति के बिना वेस्टमिन्स्टर पैलेस से किसी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, फौजादारी के जुर्म में किसी सदस्य को सजा देने से पहले स्पीकर के हस्ताक्षर आवश्यक हैं।

3. सदन का सभापतित्व (Chairmanship of the House) - सदन के सभापति के रूप में वह निम्नांकित कार्य करता है-

(अ) कार्यवाही का संचालन - इसे कई दृष्टियों से देखा जा सकता है-

(i) प्रश्न - स्पीकर ही इस बात का निर्णय करता है कि सदन के विचारार्थ कौन से प्रस्ताव रखे जायें। वह प्रश्न पूछने की अनुमति देता है। प्रश्न दो तरह के होते हैं तारांकित एवं साधारण। तारांकित प्रश्नों का उत्तर तुरन्त देना पड़ता है। साधारण प्रश्नों का उत्तर लिखित रूप में दिया जाता है। प्रश्न पूछने के बाद पूरक प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रायः सदस्य पूरक प्रश्न के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हैं स्पीकर प्रश्नों के दौरान वाद-विवाद को नियंत्रित करता है।

(ii) प्रस्तावों के संदर्भ में - ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्पीकर की स्वीकृति से ही प्रस्तावित हो सकते हैं। कोई भी सदस्य कार्य स्थगन प्रस्ताव रख सकता है। स्पीकर इसकी अनुमति देता है। वह यह भी देखता है कि विरोध पक्ष को पूरा अवसर मिले।

(iii) मतदान - मतदान की आवश्यकता होने पर समान मतों की स्थिति में वह यथास्थिति के पक्ष में मत देता है।

(iv) वाद-विवाद का संचालन - वाद-विवाद का संचालन स्पीकर का वर्तमान समय में महत्वपूर्ण कार्य है। प्रायः विभिन्न दलों के वक्ताओं की सूची पहले ही प्राप्त हो जाती है। अध्यक्ष को यह ध्यान रखना पड़ता है कि सत्तापक्ष के साथ-साथ विरोधी पक्ष को अपनी बात कहने का पूरा अवसर मिले तथा प्रमुख वक्ताओं की भी उपेक्षा न हो। उसे वाद-विवाद को सीमित करने का भी अधिकार है। पर्याप्त बहस होने के बाद वह वाद-विवाद को समाप्त करने की आज्ञा दे सकता है।

(ब) समितियों के संबंध में शक्तियां - स्पीकर विभिन्न समितियों के अध्यक्षों की नियुक्ति करता है। वह यह भी निश्चित करता है कि कौन-सा विषय किस समिति के पास भेजा जाये। स्थायी समिति के अध्यक्षों की नियुक्ति वह चयन समिति द्वारा तैयार की गई सूची से करता है।

(स) अनुशासन की स्थापना -  सदन में अनुशासन बनाये रखने के लिए वह नियम बनाता है और उनका क्रियान्वयन करता है। वह जब बोलता है तो सभी सदस्य बैठ जाते हैं। उसकी अनुमति से ही कोई सदस्य बोल सकता है। उसकी अवज्ञा करने वाले सदस्य को माफी मांगने व सदन से चले जाने को वह कह सकता है। वह किसी भी अशिष्ट सदस्य को बलपूर्वक सदन से निकलवा सकता है (सार्जेन्ट के द्वारा)। स्पीकर के आदेशों का पालन न करने वाले सदस्य के निलम्बन का प्रस्ताव सदन का नेता रखता है और मतदान के द्वारा प्रस्ताव पारित होने पर उसे निलम्बित कर दिया जाता है।
4. अधिनियमी अधिकार (Satutory Powers) - स्पीकर को कुछ संसदीय अधिनियमों के द्वारा भी अधिकार प्रदान किये गये हैं-

(i) 1911 के संसदीय अधिनियम के द्वारा उसे धन विधेयक को प्रमाणित करने का अधिकार है।

(ii) 1945 में पारित अधिनियम के द्वारा स्पीकर निर्वाचित क्षेत्रों का सीमांकन करने वाले बाउंड्री कमीशन का सभापति होता है।

(iii) वह विरोधी दल के नेता को प्रमाणित करता है।

(iv) वह अधिनियमों का संहिताकरण करता है और इस संबंध में कुछ प्राविधिका सुधार कर सकता है।

(v) वह व्यय के लेखों को प्रमाणित करता है और उसे कोष विभाग को भेजता है।

(vi) वह ब्रिटिश म्यूजियम का ट्रस्टी होता है।

(vii) उपनिर्वाचन कराने की शक्ति स्पीकर के पास है।

(viii) रीजेन्सी एक्ट के अन्तर्गत वह संप्रभु की शारीरिक क्षमता निश्चय करने वाले व्यक्तियों में एक होता है। साथ ही वह 'रीजेन्सी काउन्सिल का सदस्य भी होता है जो संप्रभु के नाबालिग होने पर राज्य प्रधान के अधिकार का प्रयोग करती है।

5. अन्य शक्तियाँ (Other Powers ) - स्पीकर कामन्स सभा के सचिवालय का प्रधान होता है। वह सचिवालय के सेवा संबंधी नियम बनाता है। वह संसद के पुस्तकालय का प्रधान होता है तथा जरनल के प्रकाशक को नियुक्त करता है।

इस प्रकार ब्रिटेन की कामन्स सभा का स्पीकर अत्यन्त सम्मानपूर्ण स्थिति रखता है। वह ब्रिटेन की लोकतांत्रिक परम्पराओं का प्रतीक है। वह गौरव शक्ति व दायित्व तीनों से ही युक्त होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

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