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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।

उत्तर -

रूढ़ियों का पालन क्यों होता है?
(Why are Conventions followed?)

रूढ़ियों के पीछे कानून की भाँति बाध्यकारी शक्ति नहीं होती न ही इन्हें न्यायालयों का संरक्षण प्राप्त होता है फिर भी किसी भी सरकार के लिये इनकी उपेक्षा करना कठिन होता है। रूढ़ियों की इस मान्यता के क्या कारण हो सकते हैं? इस पर विचार करना समीचीन होगा।

रूढ़ियों के पालन के विषय में अनेक विचारकों ने मत व्यक्त किये हैं जिनमें प्रमुख मत निम्न प्रकार हैं-

(अ) कानून व रूढ़ियाँ परस्पर संबद्ध हैं - ब्रिटिश विचारक ए. बी. डायसी मानते हैं कि रूढ़ियाँ और कानून परस्पर इस प्रकार आबद्ध हैं कि यदि किसी रूढ़ि का उल्लंघन किया जाता है तो स्वयं ही किसी न किसी कानून का भी उल्लंघन हो जाता है चूँकि कानून का उल्लंघन नहीं किया जा सकता अतः रूढ़ि का भी पालन करना पड़ता है। डायसी अपने मत के समर्थन में एक रूढ़ि का हवाला दिया कि 'संसद की बैठक वर्ष में एक बार अवश्य होनी चाहिये यदि इस रूढ़ि का उल्लंघन किया जाये तो दो कानूनी व्यवस्थाओं का खंडन होता है

1. प्रतिवर्ष बजट स्वीकृत होना चाहिए और
2. सेना के बजट का प्रतिवर्ष नवीनीकरण होना चाहिये।

अतः डायसी मानते हैं कि अप्रत्यक्ष रूप से रूढ़ियों के पीछे कानूनी शक्ति प्राप्त हो जाती है। उसके शब्दों में "जिस शक्ति के कारण अंत में संवैधानिक नैतिकता का पालन करना पड़ता है, स्वयं कानून की शक्ति के अतिरिक्त कुछ नहीं है। किसी विशुद्ध परम्परागत नियम या किसी पूर्णतः अज्ञात एवं वास्तविक रूप से कानून के सिद्धान्त के विपरीत प्रथा के उल्लंघन से अंत में देश के कानून के साथ संघर्ष की स्थिति आ ही जाती है।"

डायसी के इस मत की आलोचना निम्नांकित आधार पर की गई है -

1. सभी रूढ़ियों का उल्लंघन करने पर कानून का उल्लंघन नहीं होता जैसे ब्रिटेन में रूढ़ि है कि जब लार्ड सभा सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय के रूप में भाग लें तो किसी कानून का उल्लंघन नहीं होता। इसी प्रकार यह भी रूढि है कि प्रत्येक विधेयक के तीन वाचन प्रत्येक सदन में होने चाहिये। यदि संसद का मत कुछ ही रूढ़ियों पर लागू होता है सब पर नहीं।

2. यदि डायसी का यह मत स्वीकार कर लिया जाये कि रूढ़ियों को कानून का समर्थन प्राप्त है तो संसद की व्यवस्थापन संबंधी सर्वोच्चता समाप्त हो जायेगी क्योंकि संसद कानून में तो परिवर्तन कर सकती है परन्तु रूढ़ियों में नहीं जबकि संसद की संप्रभुता का विचार डायसी की ही देन है।

(ब) रूढ़ियों के पीछे लोकमत का समर्थन है - अमेरिकन लेखक लावेल (Lowell) का मत है कि रूढ़ियों का पालन इसलिये किया जाता है कि उनके पीछे लोकमत का समर्थन होता है। वह डायसी के मत का खंडन नहीं करता बल्कि उसे अपर्याप्त पाता है एवं वह कहता है अनेक रूढ़ियाँ तोड़ी जातीं हैं पर उनसे किसी कानून का उल्लंघन नहीं होता उदाहरणतः यदि कोई प्रधानमंत्री 'हाउस आफ कामन्स' में पराजित हो जाता है और त्यागपत्र नहीं देता तो उस पर किसी कानून के उल्लंघन का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता लेकिन जनमत विरुद्ध हो जाने के भय से कोई भी प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर सकता। अतः रूढियों के पीछे जनमत का समर्थन और विश्वास है अतः उनका उल्लंघन करना सहज नहीं होता।

(स) ब्रिटिश जनता का रूढ़िवादी रुझान - रूढ़ियों के पालन का एक प्रमुख कारण ब्रिटिश जनता का रूढ़िवादी चरित्र है। वे अपनी प्राचीन संस्थाओं व परम्पराओं को समुचित महत्व देते हैं एवं उन पर गर्व करते हैं। यही कारण है कि ब्रिटिश व्यवस्था निरंकुश राजतंत्र से संवैधानिक राजतंत्र में परिवर्तित हो गई राजतंत्र बना रहा और 'लोकतंत्र की जननी का श्रेय भी ब्रिटेन को ही है।

(द) रूढ़ियाँ संवैधानिक व्यवस्था की पूरक हैं - प्रसिद्ध ब्रिटिश संविधान विचारक सर आइवर जेनिंग्स मानते हैं कि संवैधानिक व्यवस्था के लिये लिखित और खत दोनों ही नियमों का सहयोगी रूप में रहना आवश्यक है केवल कानूनी नियमों से ही व्यवस्था का रूपन नहीं हो सकता। रूढ़ियाँ अलिखित नियमों का प्रतिनिधित्व करती हैं जनता को लिखित अलिखित दःमें ही नियमों के पालन की आदत होती है।

हरमन फाइनर लावेल और जेनिंग्स के मत से सहमति व्यक्त करते हुये कहते हैं- "सच यह है कि ये बाध्यतायें प्रतिरोध की अंतिम रेखा है। ब्रिटेन के राजनीतिक नेताओं न इन रूढ़ियों का उसी प्रकार पालन किया है जिस प्रकार अन्य राष्ट्रों के नेताओं ने अपने राजनैतिक गतिविधियों के लिखित नियमों का पालन किया है।

(य) रूढ़ियाँ तर्क पर आधारित हैं - रूढ़ियों का पालन इसलिये भी होता है क्योंकि वे तर्क पर आधारित होती हैं। उदाहरणतः एक रूढ़ि यह है कि संप्रभु को सदैव मंत्रिमंडल की सलाह पर कार्य करना चाहिये। यदि राजा ऐसा न करें तो उसके गम्भीर परिणाम होंगे। मंत्रिमंडल त्याग पत्र दे देगा। संप्रभु विरोधी दल के नेता को मंत्रिमंडल बनाने के लिये बुलायेगा। साधारणतया ऐसा आमंत्रण स्वीकार नहीं किया जाता लेकिन यदि वह स्वीकार भी करता हो तो कामन्स सभा की पहली बैठक में ही वह पराजित हो जायेगा। राजा को चुनाव कराना पड़ेगा, लेकिन यदि निर्वाचन में वही दल पुनः जीत कर आ जाता है तो संप्रभु को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में राजपद के अधिकारों पर नई बहस छिड़ जायेगी। जनमत राजपद के विरुद्ध भी हो सकता है। अतः रूढियों का पालन करना ही श्रेयस्कर होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

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