BA Semester-5 Paper-2A History - History of Modern World (1453 A.D-1815 A.D) - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2787
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से  1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 1

15वीं सदी के आरम्भ में यूरोप की राजनैतिक एवं धार्मिक संरचना

(Political and Religious Structure of Europe in the Early 15th Century)

प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए

उत्तर -

यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों का उदय

1. पुनर्जागरण और धर्म सुधार के समय यूरोप में एक नवीन राजनीतिक चेतना जागृत हुई जिसकी परिणति स्वतन्त्र एवं संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्रीय राज्यों के रूप में हुई। राष्ट्रीय राज्यों का निर्माण उपयुक्त अवसर एवं वातावरण के कारण संभव हुआ। राष्ट्र-राज्यों के उदय ने सामन्तकाल की व्यवस्था को समाप्त कर दिया तथा आर्थिक विकास में योगदान दिया। उत्पादन के सुधरे तरीकों का इस्तेमाल हुआ। राष्ट्रों की सीमाएँ अधिक तर्कसंगत हो गई। राष्ट्रीय राज्य एक संस्कृति के व्यक्तियों को संगठित करने में सहायक सिद्ध हुआ। निम्न राष्ट्रीय राज्यों का उदय हुआ

1. इंग्लैण्ड - (1066 से 1087) तक विलियम ने बड़ी सख्ती के साथ राजकीय शक्ति को मजबूत बनाया एवं केन्द्रीकृत शासन की नीति अपनाई। बाद के शासकों ने उसके कार्यों को आगे बढ़ाया। शतवर्षीय युद्ध (1337-1453 ई.) में अंततः इंग्लैण्ड परास्त हुआ। युद्ध की अवधि में राजा को केन्द्र मानकर प्रबल देशभक्ति की लहर इंग्लैण्ड में उठी तथा राष्ट्रीयता की भावनाओं का प्रादुर्भाव हुआ। इस युद्ध की समाप्ति के बाद इंग्लैण्ड में सामन्तों का युद्ध शुरू हुआ जो 'गुलाबों का युद्ध' कहलाता है।

गुलाबों के युद्ध (1455-1485) - गुलाबो युद्ध की समाप्ति हेनरी ट्यूडर की विजय से हुई ट्यूडर के सिंहासन पर बैठने से इंग्लैण्ड में एक नये युग की शुरूआत हुई। देश की सभी प्रगतिशील शक्तियों ने राजतन्त्र को समर्थन दिया। हेनरी को सामंतों के युद्ध से दो लाभ हुए (i) प्रभावशाली सामन्तों का पतन व (ii) नए मध्यम वर्ग का उदय जो अपने हितों के लिए राजा का समर्थन करने लगे। हेनरी ने विभिन्न अधिनियमों द्वारा सामन्तवाद को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।

हेनरी सप्तम ने पार्लियामेण्ट के आर्थिक नियन्त्रण से मुक्त रखने के उददेश्य से ठोस आर्थिक नीति अपनाई तथा राजकोष में वृद्धि के लिए हेनरी ने पार्लियामेण्ट पर निर्भर नहीं रहने की नीति अपनायी। यह निरंकुशता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था। उसने कई देशों के साथ व्यापारिक व वैवाहिक संबंध बनाए। जेम्स II (1603-1688) के शासनकाल में रक्तहीन गौरवपूर्ण क्रान्ति हुई जिसमें संसद की जीत हुई। इस तरह लोकतंत्र ने निरंकुशता पर विजय प्राप्त की।

2. फ्रांस - शतवर्षीय युद्ध ने फ्रांस की बड़ी बर्बादी की किन्तु राजा की शक्ति पहले की अपेक्षा अधिक हो गई। फ्राँसीसी राजाओं ने युद्ध की आवश्यकताओं के कारण 'एस्टेट जनरल' को बुलाए बिना भी लोगों पर कर लगाने का अधिकार प्राप्त कर लिया। इस प्रकार वे एक स्थायी सेना रखने में समर्थ हुए। निरंकुश राजसत्ता की स्थापना को लुई ग्यारहवें (1461-83) ने सुदृढ़ आधार प्रदान किया। उसके शासनकाल में फ्राँस का एकीकरण व राष्ट्रीयकरण हुआ, व्यापार की वृद्धि हुई तथा चर्च पर अंकुश लगाया तथा फ्राँसीसी राज्य सीमाएँ विस्तृत करके निरंकुश राजतन्त्र की नींव रखी। लुई XI के शासनकाल में फ्राँस का इतनी तेजी से विकास हुआ कि उसे फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता की उपाधि दी गई। जब लुई मरा तब फ्राँस का नक्शा बहुत कुछ आजकल जैसा था।

16वीं सदी में धार्मिक युद्ध से उत्पन्न अव्यवस्था से निरंकुश राजतन्त्र को बल मिला। बूब वंश के संस्थापक हेनरी चतुर्थ (1585-1610) ने फ्रांस को ही नहीं यूरोप को भी सबसे शक्तिशाली राजा प्रदान किए। उसने राजाओं की शक्ति को पुनः स्थापित किया। इसके बाद लुई तेरहवाँ फ्रॉस का शासक बना। लुई तेरहवें के प्रधानमंत्री रिशलु ने अपनी सरकार के संबंध में दो लक्ष्य रखे- राजा को फ्राँस में संप्रभु बनाना तथा फ्राँस को यूरोप में सर्वश्रेष्ठ बनाना। इसके बाद लुई चौदहवें (1643-1715) के समय कार्डिनल मजारे ने रिशल्यू की नीतियों को जारी रखा और जन विरोध के बावजूद लुई के निरंकुश राजतन्त्र को दृढ़ किया। लेकिन लुई सोलहवें के समय हुई फ्राँसीसी क्रान्ति ने फ्रांस में निरंकुशता का अन्त किया।

3. स्पेन - 16वीं सदी में स्पेन में राष्ट्रीय राजतंत्र का उदय हुआ। 1669 में अराकान के युवराज फर्डिनेण्ड एवं कास्तील की उत्तराधिकारी इसाबेला के मध्य विवाह सम्पन्न हुआ। जिससे दोनों राज्य एकीकृत हो गयी। इनकी संयुक्त सेना ने मूरों को परास्त कर ग्रेनेडा पर 1492 में अधिकार कर लिया। इसके साथ स्पेन को राष्ट्रीय एकता प्राप्त हुई। फर्डिनेण्ड ने अपने पुत्र एवं पुत्रियों का विवाह पुर्तगाल, आस्ट्रिया एवं इंग्लैण्ड के राजघरानों से कर अपनी स्थिति मजबूत की। फर्डिनेण्ड ने राज्य के समस्त राजनीतिक अधिकारों को अपने अधीन कर राज्य में एकता स्थापित करने की कोशिश की। सभी वर्गों के लोगों के साथ सख्ती के साथ कर वसूला और स्पेनी चर्च पर पोप के अधिकार को सीमित कर दिया। इसाबेला और फर्डिनेण्ड के संयुक्त प्रयासों से आधुनिक स्पेन राष्ट्र का निर्माण हुआ। इसके बाद चार्ल्स स्पेन का शासक बना। चार्ल्स के शासनकाल में स्पेन का गौरव चरम पर पहुँच गया। 1519 ई. में चार्ल्स पवित्र रोमन साम्राज्य का सम्राट चुना गया। उसने स्पेन के अलावा पवित्र रोमन साम्राज्य- नीदरलैण्ड, नेपल्स, सिसली, सार्डीनिया, फिलीपाइन्स तथा अफ्रीका के कुछ भागों पर शासन किया। इतने बड़े भू-भाग पर शासन करने से भी राज्य की आर्थिक कमजोरियों को दूर नहीं किया जा सका। इसका मुख्य कारण था चार्ल्स को दीर्घकालीन युद्ध लड़ने पड़े थे। साथ ही राज्य में राजनीतिक एवं धार्मिक कारणों से भी अशान्ति थी। इसलिए चार्ल्स ने साम्राज्य में विभाजन कर दिया जो, स्पेन के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ।

4. रूस - रूस में निरंकुश राजतंत्र की स्थापना 17वीं सदी में हुई जब पीटर ने रूस का शासन भार सम्हाला। पीटर चतुर, दूरदर्शी किन्तु निरंकुश सम्राट था। पीटर (1682-1728) ने रूस में सैन्यवाद शासन का निर्माण, रूसी चर्च की स्वतन्त्रता व सत्ता का अन्त, रूसी समाज की कायापलट, रूसी रहन- सहन, व्यवहार तथा परम्पराओं का यूरोपीयकरण, सुदृढ़ निरंकुशशाही जारशाही की स्थापना तथा साम्राज्यवादी विस्तार किया। उसे आधुनिक रूस का जन्मदाता कहा जाता है। उसने रूसी संसद 'डयूमा' समाप्त कर दी और आर्थिक क्षेत्र में सुसंगठित नीति अपनाकर उद्योगों का विकास किया। पीटर ने रूस में यूरोपीय शिक्षा पद्धति को लागू किया तथा फ्रेंच शैक्षणिक भाषा बनी। देश में सर्वप्रथम रूसी समाचार पत्र का प्रकाशन हुआ तथा यूरोपीय पंचांग लागू किया गया। यह सब पीटर की निरंकुशता के कारण संभव हो सका।

5. प्रशा - फ्रेडरिक विलियम (1640-88) जिसे इलेक्टर महान भी कहा जाता है, ने प्रशा में निरंकुश राजतंत्र स्थापित कर प्रशासनिक सुधारों की शुरूआत की। निरंकुश राजतंत्र हेतु विशाल सेना का संगठन किया। प्रान्तीय प्रशासन में एस्टेस को खत्म कर दिया तथा आर्थिक सुधार किया। प्रशा के शासकों में फ्रेडरिक महान (1740-80) सर्वाधिक उल्लेखनीय है। उसने अपनी प्रबुद्धता का उपयोग निरंकुशता के उत्कर्ष के लिए किया। वह राज्याधिकार को पवित्र धरोहर समझता था और अक्सर कहा करता था कि में राजा का वही स्थान है जो शरीर में मस्तिष्क का होता है। उसने सेना को उचित प्रशिक्षण दिया। व्यापारिक व सांस्कृतिक उन्नति के साथ ही उसका उददेश्य सीमाओं का विस्तार करना था। उसने देश में कट्टर निरंकुशता स्थापित करके लोगों में राजनीतिक चेतना को विकसित नहीं होने दिया।

राष्ट्र राज्यों के पतन के कारण

राष्ट्र राज्यों के अवसान का प्रमुख कारण था वंशानुगत शासन प्रणाली क्योंकि वंशानुगत शासन व्यवस्था में यह जरूरी नहीं होता कि योग्य शासक का उत्तराधिकारी भी योग्य ही होगा। अतः राष्ट्र राज्यों के पतन में योग्य शासकों की कमी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही राज्यों में सब कुछ राजा के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है और कई शासक अपने कर्तव्यों को भूलकर विलासी जीवन व्यतीत करने लगे थे। कई शासकों ने राजकाज अपने मंत्रियों को सौंप दिया जिन्होंने जनता का शोषण किया। कई शासकों ने राज्य विस्तार के लिए कई युद्धों को जन्म दिया, जिससे आर्थिक स्थिति जर्जर हुई।

लोकप्रिय सरकारों का विचार यूरोप में नष्ट नहीं हुआ था। ब्रिटिश पार्लियामेण्ट ने 15वीं सदी में शासन व्यवस्था में अपना स्थान कुछ हद तक प्राप्त कर लिया था। इंग्लैण्ड में ही नहीं वरन यूरोप के कई -शहरों में प्रतिनिधि की सरकारें किसी न किसी रूप में कायम थीं। अतः 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में लोकप्रिय सरकारों की माँग उठी जिसने राजतंत्रों की निरंकुशता पर प्रहार किया। समय के साथ जनता ने निरंकुशता पर प्रत्यक्ष आक्रोश जताना शुरू कर दिया। जनता ने शासकों के निरंकुशता अधिकारों में कटौती तथा राजसत्ता में भागीदारी की माँग शुरू की। शासकों और जनता में परस्पर विरोध सबसे पहले 1688 ई. में इंग्लैण्ड में सामने आया। इसके बाद अमेरिका व फ्राँस की क्रान्ति ने निरंकुशता को आघात पहुँचाया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
  2. प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
  6. प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
  8. प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
  12. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
  13. प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
  14. प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  15. प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
  17. प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
  18. प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
  19. प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
  20. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
  22. प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
  24. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
  25. प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  26. प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
  28. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
  33. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
  37. प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
  39. प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
  40. प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
  44. प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  45. प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
  46. प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
  48. प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
  49. प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
  50. प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
  51. प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  52. प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
  53. प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  54. प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  55. प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
  57. प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  59. प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
  60. प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  61. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
  63. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
  65. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
  66. प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
  68. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
  70. प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
  72. प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
  73. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  74. प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
  76. प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
  79. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
  80. प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
  82. प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
  83. प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
  84. प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
  85. प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  86. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
  87. प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  88. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
  90. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  92. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
  93. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  94. प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  95. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
  96. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
  97. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
  98. प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  99. प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  100. प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
  102. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
  103. प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
  106. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
  107. प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
  108. प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
  109. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
  110. प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
  111. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
  113. प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  114. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
  115. प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
  116. प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
  118. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  119. प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  121. प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
  122. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
  124. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
  126. प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
  127. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  128. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  129. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
  132. प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  133. प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
  134. प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
  135. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
  136. प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
  137. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  138. प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
  141. प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
  142. प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
  143. प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
  144. प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
  145. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
  146. प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
  147. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
  148. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  149. प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
  150. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
  152. प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  153. प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
  154. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
  155. प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  156. प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
  157. प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  159. प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  160. प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  161. प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
  162. प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
  163. प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
  165. प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
  166. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
  167. प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  168. प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
  169. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
  170. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
  171. प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
  172. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  173. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
  174. प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  175. प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
  176. प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
  177. प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  178. प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
  179. प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
  180. प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
  181. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
  182. प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
  183. प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  184. प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
  185. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
  186. प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?

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