बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
उत्तर -
कैथोलिक धर्म का सुधार करने तथा प्रोटेस्टेन्ट धर्म के बढ़ते हुए प्रभाव पर नियन्त्रण लगाने के उद्देश्य से प्रारम्भ किया गया आन्दोलन मुख्यतः निम्नलिखित कारकों से सहयोग से सफल हो सका था
(1) धार्मिक न्यायालय - नास्तिकता का दमन करने तथा प्रोटेस्टेन्ट धर्म की प्रगति को रोकने की दिशा में धार्मिक न्यायालयों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सर्वप्रथम पोप पॉल तृतीय ने रोम में धार्मिक न्यायालयों की स्थापना की थी। इन न्यायालयों के माध्यम से कैथोलिक जनता के धार्मिक आचरण को ऊँचा उठाने का प्रयास किया गया। जो व्यक्ति निर्धारित स्तर से नीचे मापदण्ड पर आचरण करते अथवा चर्च की आलोचना करते थे, इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत करके अभियोग चलाया जाता था। धार्मिक न्यायालय ऐसे व्यक्तियों के मुकदमों की सुनवाई करने के उपरान्त उनके विरुद्ध दण्ड की घोषणा करता था यथा-सम्बन्धित व्यक्ति को कारावास की सजा उसकी सम्पत्ति को जब्त करना अथवा उसे मृत्यु - दण्ड देना। धार्मिक न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध कोई भी व्यक्ति पोप के समक्ष अपील कर सकता था और उनका निर्णय अन्तिम होता था।
(2) जेसुइट संघ - कैथोलिक सुधार कार्यों के लिए प्रारम्भ किए गए आन्दोलन को सफल बनाने में जेसुइट संघ की भूमिका सर्वप्रथम थी। इस संघ की स्थापना इग्नेशियस लॉयोला नामक स्पेनी सैनिक ने की थी, फ्रांस के विरुद्ध युद्ध लड़ते हुए एक टाँग में चोट लग जाने के कारण इग्नेशियस लॉयोल को सैनिक सेवा के लिये अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उसके पश्चात् उसने धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया और अपना सम्पूर्ण जीवन धर्म सुधार के प्रति समर्पित कर दिया। सन् 1534 ई. में उसने अपने कुछ साथियों के सहयोग से जेसुइट संघ के नाम से एक धार्मिक धर्म की सेवा करना, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह 'आज्ञा पालन तथा पोप के प्रति स्वामिभक्ति के व्रत का अनुपालन करना' कैथोलक धर्म प्रचार व प्रसार में सहयोग करना तथा प्रोटेस्टेन्ट धर्म के प्रभाव को समाप्त करना था। सन् 1540 ई. में पोप पॉल तृतीय ने जेसुइट संघ को मान्यता प्रदान कर दी थी।
जेसुइट संघ के संगठन और कार्य पद्धति को सैन्य संगठन के आधार पर निश्चित किया गया था। इस संघ के सर्वोच्च अधिकारी को 'जनरल' कहा जाता था। पोप के कथनों और आदेशों का अन्धानुकरण करना इस संघ के सदस्यों की पहली प्राथमिकता थी। इस संघ के कर्मठ एवं निष्ठावान सदस्यों ने अपनी सेवा और धर्म प्रचार कार्य के द्वारा कैथालिक चर्च को नवजीवन प्रदान करने का प्रयास किया था। इस संघ के योगदान की चर्चा करते हुए ऐ. जे. ग्राण्ट ने लिखा था।
"उत्तरी यूरोप में धर्म बदलने वालों के कारण कैथोलिक धर्म के अनुयायियों की संख्या में जो कमी हुई थी। वह जेसुइट संघ के सदस्यों के प्रयासों से भारत-चीन और दोनों अमेरिका में पूरी कर ली गयी।"
(3) ट्रेन्ट की काउन्सिल - पोप लोगों के प्रगतिशील विचारों के फलस्वरूप कैथोलिक धर्म में सुधारों का कार्य प्रारम्भ हुआ था। इसी श्रृंखला में ट्रेन्ट की सभा की भूमिका विशेष महत्त्वपूर्ण थी। कैथोलिक चर्च में आमूल सुधार करने, इसके आधारभूत सिद्धान्तों का स्पष्टीकरण और सरलीकरण करने कैथोलिक चर्च के संगठनात्मक ढाँचे को सुदृढ़ बनाने तथा विभिन्न यूरोपीय देशों के कैथोलिक चर्चों के मध्य एकता, एकरूपता एवं सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से पोप पॉल तृतीय के कार्यकाल में सन् 1545 ई. में जर्मनी के ट्रेन्ट नामक नगर में एक समिति का गठन किया गया। इस समिति ने उपर्युक्त उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में कार्य करना प्रारम्भ किया। 13 दिसम्बर, सन् 1545 ई. को इस समिति की प्रथम बैठक प्रारम्भ हुई थी। इस समिति ने इस क्षेत्र में लगभग बीस वर्ष की लम्बी अवधि तक कार्य किया था।
समिति ने मुख्य रूप से निम्नलिखित सुधारात्मक निर्णय लिये थे-
1. बाईबिल को धर्म का मूल आधार मानते हुए उस ग्रन्थ के लैटिन संस्करण को ही प्रामाणिक माना गया।
2. सप्त संस्कारों की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया गया।
3. पोप की प्रतिष्ठा और गौरव को स्थापित किया गया और उस धर्म के क्षेत्र में सर्वोच्च अधिकारों तथा ईसा मसीह का प्रतिनिधि बताया गया।
4. क्षमा- पत्रों के दुरुपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया।
5. चर्च के संगठन से सम्बन्धित विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों का क्रय-विक्रय बन्द कर दिया गया और योग्यता के आधार पर नियुक्ति की व्यवस्था की गयी।
6. धार्मिक पदों पर नियुक्त किये गये पदाधिकारियों के प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
7. पोप ने सर्वप्रथम अपने आचरण को शुद्ध किया तत्पश्चात् पादरियों को निर्देश दिया गया कि वे निष्ठापूर्वक धार्मिक दायित्वों को सम्पादित करें तथा पवित्र एवं सदाचारपूर्ण जीवन व्यतीत करें ताकि जनसाधारण उनकी ओर आकर्षित हो सके।
8. पादरियों और विभिन्न धार्मिक अधिकारियों को चेतावनी दी गयी कि उनके चरित्र और आचरण में दोष अथवा कर्त्तव्यनिष्ठा के अभाव की शिकायत मिलने पर उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।
इस प्रकार ट्रेन्ट की सभा के कार्यों के फलस्वरूप कैथोलिक जगत में फैले हुए भ्रम और मतभेदों को दूर करने में सहायता मिली इस सभा ने कैथोलिक सिद्धान्तों की व्याख्या करके कैथोलिकों में एकता की भावना को मजबूत किया था। इतिहासकार साउथगेट ने ट्रेन्ट सभा की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए लिखा है
ट्रेन्ट की कैथोलिक की मुख्य सफलता कैथोलिक सिद्धान्तों की स्पष्ट व्याख्या थी। उसने कैथोलिक चर्च को मजबूत तथा निश्चित स्थिति प्रदान की थी। उसने पोपशाही की विजय घोषणा की। इसके पश्चात् पोप की सत्ता सर्वभौमिक रूप से बनी रही।
ट्रेन्ट की सभा ने ईसाई जगत की एकता को विच्छिन्न कर दिया और कैथोलिक संगठन में उच्च आदर्श अनुशासन की स्थापना की।
(4) पोप पॉल तृतीय के आन्तरिक सुधार - कैथोलिक चर्च में सुधार कार्य का वास्तविक प्रारम्भ पोप पॉल तृतीय के कार्यकाल (सन् 1534-1549 ई.) में हुआ था। वह अपने पूर्ववर्ती पोप लोगों की तुलना में अधिक सदाचारी, पवित्र, सच्चरित्र, योग्य तथा सुशिक्षित व्यक्तियों को ही नियुक्त किया तथा अनैतिकता, विलासिता, भ्रष्टाचार, व्यभिचार आदि बुराइयों का दमन करने की ओर विशेष ध्यान दिया था। पोप पॉल तृतीय के उत्तराधिकारी पोप पॉल चतुर्थ (सन् 1555-1559 ई.) पोप पॉयस पंचम (सन् 1566-1572 ई.) तथा पोप सिक्सटम पाँचम (सन् 1585-1590 ई.) ने भी इसी नीति पर चलकर कैथोलिक धर्म सुधार की दिशा में विशेष प्रयास किये थे और इस आन्दोलन को सफल बनाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
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- प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
- प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
- प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
- प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
- प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
- प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
- प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
- प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
- प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
- प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
- प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
- प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
- प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
- प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
- प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
- प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
- प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
- प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
- प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
- प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
- प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
- प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
- प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
- प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
- प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
- प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
- प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
- प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
- प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
- प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
- प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
- प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
- प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
- प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
- प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
- प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
- प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
- प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
- प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
- प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
- प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
- प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?