बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
अथवा
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम की प्रगति की विवेचना कीजिए।
उत्तर -
अथवा
अमेरिकी स्वतन्त्रता संग्राम की प्रगति
अमेरिका की क्रान्ति के घटना चक्र अथवा इसकी प्रगति को निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से भली-भाँति समझा जा सकता है-
1. क्रान्ति का तात्कालिक कारण - लॉर्ड नॉर्थ की चाय नीति- अमेरिका के धनिक व्यापारी अपने व्यापार के कारण इंग्लैण्ड के प्रति काफी सद्भावना रखते थे, परन्तु अमेरिका के देशभक्त और आदिवासी चाय पर लगने वाले भारी कर को हटाने की माँग पर अड़े थे। इन देशभक्तों का नेतृत्व 'सेम्यूल एडम्स' कर रहा था। एडम्स एक साहसी एवं कुशाग्र बुद्धि का व्यक्ति था। उसके लेख एवं भाषण प्रभावयुक्त एवं विश्वासप्रद होते थे। उसने अंग्रेज विरोधी चालीस लेख छापे। उसके प्रस्ताव पर "पत्र व्यवहार समितियों" का गठन हुआ। सबसे पहले बोस्टन में नवम्बर, 1772 ई. में पत्र व्यवहार समिति का गठन हुआ। सेम्यूल एडम्स जनता की रोषाग्नि को तब तक दहकाता रहा, जब तक लॉर्ड नॉर्थ की एक भारी भूल ने उसे प्रज्वलित न कर दिया।
अमेरिका में चाय भारत से इंग्लैण्ड होकर आती थी। इंग्लैण्ड इस चाय पर चुंगी कर लगाता था एवं इंग्लैण्ड होकर आने के कारण दूरी बहुत बढ़ जाती थी, जिसके कारण अमेरिका में चाय बहुत महँगी मिलती थी। अमेरिका के लोगों ने एडम्स के नेतृत्व में कर हटाने एवं भारत से सीधे चाय मंगाने की माँग की। इंग्लैण्ड द्वारा इन शर्तों को न मानने पर अमेरिकियों ने चाय मँगवाना बंद कर दिया। इंग्लैण्ड एवं भारत में चाय के गोदाम भरे पड़े थे जिससे इंग्लैण्ड को बहुत क्षति होने लगी। लॉर्ड नॉर्थ ने परिस्थिति देखकर सीधे भारत से अमेरिका चाय ले जाने की अनुमति दे दी और इंग्लैण्ड में लगने वाला चुंगी कर भी हटा लिया। 'नार्थ चाय योजना' को इंग्लैण्ड की नई शरारत बताकर उपनिवेशवादियों ने उसकी तीव्र भर्त्सना की। उनका कहना था कि इंग्लैण्ड सस्ती चाय के माध्यम से 'बाहरी कर' लगाने के अपने अधिकार को बनाये रखना चाहता था। पूरे देश में चाय के विरुद्ध एक जबरदस्त आन्दोलन चलाया गया।
नॉर्थ चाय योजना के विरुद्ध विरोध का स्वर प्यूरिटन बस्ती मेसाचुसेट्स के बन्दरगाह बोस्टन में कुछ ज्यादा ही उग्र था। 16 दिसम्बर, 1773 ई. को एडम्स के नेतृत्व में कुछ अमेरिकी कुलीनों का भेष बनाकर बोस्टन बन्दरगाह में खड़े ईस्ट इण्डिया कम्पनी के जहाजों पर चढ़ गये और उन्होंने चाय की 340 पेटियाँ समुद्र में फेंक दीं। इस घटना को 'बोस्टन टी पार्टी' के नाम से जाना जाता है। इस घटना ने अमेरिकी क्रांति का बिगुल फूंक दिया।
2. लॉर्ड नॉर्थ के दमनकारी कानून - 'बोस्टन टी पार्टी एक ऐसी घटना थी जिसने इंग्लैण्ड और उपनिवेशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया। यह घटना ब्रिटिश संसद के लिए चुनौती थी। इसके द्वारा संसद की सर्वोच्चता को चुनौती दी गयी थी। संसद का विचार था कि उपनिवेशों के प्रति नरम व्यवहार से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। जॉर्ज तृतीय तथा लॉर्ड नॉर्थ ने इस घटना को एक चुनौती के रूप में लिया। संसद ने पांच निष्ठुर कदम उठाये, जिनका उद्देश्य विरोध का दमन था। ये कदम निम्नवत् थे-
(i) बोस्टन बन्दरगाह को तब तक के लिए बन्द कर दिया गया जब तक नष्ट चाय का हर्जाना न दे दिया जाये। इसका तात्पर्य था - बोस्टन का आर्थिक विनाश।
(ii) मेसाचुसेट्स के परामर्शदाताओं को सम्राट ही नियुक्त करेगा। इससे पूर्व उन्हें उपनिवेशी निर्वाचित करते थे।
(iii) अमेरिकी न्यायालयों से हत्या सम्बन्धी मुकदमे इंग्लैण्ड या अन्य उपनिवेशों को स्थानान्तरित कर दिये गये।
(iv) मेसाचुसेट्स के किसी भी नगर में सेना रखना वैद्य बना दिया गया तथा ब्रिटिश सैनिकों के ठहरने के लिए समुचित आवास की व्यवस्था का भार स्थानीय अधिकारियों पर डाल दिया गया।
(v) कनाडा में रहने वाले कैथोलिकों को सहिष्णुता प्रदान की गयी और क्वीबेक की सीमा ओहियो नदी तक बढ़ा दी गयी।
उक्त कानूनों का अमेरिका में जबर्दस्त विरोध हुआ। कुछ ब्रिटिशवासियों, जैसे विलियम पिट, राकिंघम आदि ने भी इन कानूनों का इंग्लैण्ड में विरोध किया।
3. महाद्वीपीय कांग्रेस अधिवेशन - लॉर्ड नॉर्थ के कानूनों को लोगों ने दमनकारी कानून की संज्ञा दी। इन कानूनों के खिलाफ वर्जीनिया के निवासियों ने सभी उपनिवेशों के प्रतिनिधियों का फिलाडेल्फिया में एक सम्मेलन बुलाने का सुझाव रखा, जिसे अन्य उपनिवेशों ने स्वीकार कर लिया। 5 सितम्बर, 1774 ई. को महाद्वीप की इस प्रथम कांग्रेस का अधिवेशन शुरू हुआ, जिसमें जार्जिया को छोड़कर सभी उपनिवेशों की विधान सभाओं ने प्रतिनिधि भेजे। सम्मेलन का उद्देश्य पूर्ण स्वराज की मांग नहीं वरन् आन्तरिक मामलों में पूर्ण स्वेच्छा का अधिकार प्राप्त करना था। अधिवेशन के निर्णयानुसार एक घोषणा-पत्र तैयार करके इंग्लैण्ड भेजा गया। इसमें अधिकारों एवं शिकायतों की घोषणा थी जिसमें 1765 ई. के बाद के सभी कानूनों को रद्द करने की प्रार्थना की गई थी। साथ ही ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का निर्णय लिया गया था। 22 अक्टूबर, 1774 ई. को यह सम्मेलन इस निर्णय के साथ समाप्त हो गया कि आगे भी विचार- विमर्श हेतु बुलाया जायेगा।
कांग्रेस का दूसरा सम्मेलन होने से पूर्व ही सरकार और नागरिकों के बीच युद्ध आरम्भ हो गया। 19 अप्रैल, 1775 ई. को कानकार्ड और लेक्सिंगटन गाँव में अंग्रेज सेना व स्वतंत्रता सेनानियों के मध्य हिंसक झड़प हुई। ऐसी परिस्थितियों में 10 मई, 1775 ई. को फिलाडेल्फिया में द्वितीय महाद्वीपीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ। बोस्टन के एक धनी व्यापारी जॉन हैनकांक ने काँगेस की अध्यक्षता की। इसमें जॉर्ज वाशिंगटन का चयन अमेरिकी सेनाध्यक्ष के रूप में किया गया। सम्मेलन में यह स्पष्ट कर दिया गया कि गुलामी के जीवन की अपेक्षा स्वतंत्रता के लिए प्राण दे देना अधिक श्रेष्ठ है। यह निश्चय किया गया कि स्वतंत्रता की रक्षा के लिए शस्त्रों का प्रयोग किया जायेगा।
उपनिवेशवादी अब भी केवल ब्रिटिश संसद को ही अपना शत्रु मानते थे। जॉर्ज तृतीय ने एक के बाद एक भूल करके अमेरिकी उपनिवेशों को विद्रोही घोषित कर दिया। उस समय बुद्धिमत्तापूर्ण और सहानुभूतिपूर्ण राजनीतिज्ञता की आवश्यकता थी परन्तु हठी सम्राट जॉर्ज तृतीय और प्रधानमंत्री लॉर्ड नॉर्थ में इन गुणों का नितान्त अभाव था। वे स्वाधीनता और लोकतन्त्रप्रिय लोगों से निपटने में अयोग्य थे, फलस्वरूप फिलाडेल्फिया में संघर्ष अनिवार्य हो गया।
4. अमेरिकी क्रान्ति का समापन - 1776 ई. में उपनिवेशवादियों ने ब्रिटेन के खिलाफ संघर्ष की घोषणा कर दी। फिलाडेल्फिया में एकत्र प्रतिनिधियों ने 4 जुलाई, 1776 ई. को 13 बस्तियों की इंग्लैण्ड से स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी और स्वतंत्रता के घोषणा-पत्र का अनुमोदन कर दिया। फलस्वरूप युद्ध प्रारम्भ हो गया। अंग्रेज़ जनरल विलियम हो ने 1776 ई. में जॉर्ज वाशिंगटन को बंकरहिल की लडाई में पराजित किया। लेकिन 1777 ई. में दूसरे प्रमुख अंग्रेज जनरल बुर्गोयन को जॉर्ज वाशिंगटन ने सारागोटा नामक स्थान पर घेर लिया और बुर्गेयन को हथियार डालने पर विवश किया। अंग्रेजों की इस पराजय ने युद्ध की दिशां ही बदल डाली। 1778 ई. में फ्रांस ने, 1779 ई. में स्पेन ने एवं 1780 ई. में हॉलैण्ड ने अमेरिकियों के समर्थन में ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। अब अमेरिकी एवं फ्रांसीसी सेना मिलकर युद्ध कर रही थीं। अंततः अंग्रेजी सेनाध्यक्ष लॉर्ड कार्नवालिस को 19 अक्टूबर, 1781 ई. को यार्कटाउन में हथियार डालकर आत्मसमर्पण करना पड़ा। यार्कटाउन में कर्नवालिस का पराजित होना महत्वपूर्ण घटना थी। अन्त में 1783 ई. में पेरिस की संधि में अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम की समाप्ति हुई।
5. पेरिस की संधि (3 सितम्बर, 1783 ई.) - इस सन्धि में निम्नलिखित शर्तें थीं-
1. इंग्लैण्ड ने 13 अमेरिकी बस्तियों की स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान कर दी। इस नये राष्ट्र (संयुक्त राष्ट्र अमेरिका) को अलगानी पहाड़ों और मिसीसिपी नदी के बीच के अंग्रेजी क्षेत्र भी सौंप दिए गये।
2. फ्रांस को इंग्लैण्ड से वेस्टइंडीज में सेंट लूसिया, टोबागो, अफ्रीका में सेनीगाल बगोरी तथा भारत के कुछ क्षेत्र प्राप्त हुए।
3. स्पेन को फ्लेरिडा तथा भू-मध्य सागर में माइनारका का टापू मिला।
4. इंग्लैण्ड व हॉलैण्ड में युद्ध पूर्व स्थिति लायी गयी।
5. नये अमेरिकी राष्ट्र की सीमा ओहायो नदी के साथ-साथ तय की गयी।
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- प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
- प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
- प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
- प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
- प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
- प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
- प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
- प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
- प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
- प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
- प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
- प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
- प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
- प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
- प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
- प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
- प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
- प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
- प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
- प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
- प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
- प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
- प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
- प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
- प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
- प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
- प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
- प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
- प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
- प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
- प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
- प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
- प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
- प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
- प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
- प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
- प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
- प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
- प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
- प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
- प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
- प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
- प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?