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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2786
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रथम विश्व युद्ध का परिचय दीजिए।
2. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान घटी प्रमुख घटनाओं का विवरण कीजिए।

उत्तर -

सूरत की फूट सन् 1907 ई. के बाद अगले कुछ वर्षों तक राष्ट्रीय आन्दोलन की गति धीमी पड़ गई। इसको पुनः गति प्रदान करने का कार्य किया सन् 1914 ई. के प्रथम विश्व युद्ध ने। विश्व युद्ध के प्रारम्भ होते ही विश्व राजनीति में तो तेजी से परिवर्तन हुए। भारतीय राष्ट्रवादी नेताओं ने सरकार के युद्ध प्रयासों का समर्थन करने का निर्णय किया। इस आशा के पीछे ठोस आधार भी था क्योंकि पहले तो ब्रिटिश प्रधानमंत्री एस्मिथन ने आश्वासन दिया भारत की समस्याओं पर विभिन्न दृष्टिकोणों से विचार किया जायेगा और उसके बाद आने वाले दूसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री लायड जॉर्ज ने भी यह घोषणा कि आत्म-निर्णय का सिद्धान्त समस्त राष्ट्रों पर लागू किया जायेगा।

डॉ. विपिन्न चन्द्र, ने लिखा कि "राष्ट्रवादियों ने मुख्य रूप से इस गलत धारणा के कारण सक्रिय रूप से ब्रिटिश समर्थक रूख अपनाया कि कृतज्ञ ब्रिटेन भारत की निष्ठा का बदला एहसान मंदी से चुकाएगा और भारत को स्वराज्य के रास्ते पर डग भरने में सहायता देगा। उनको इस बात का पूरा अहसास नहीं था कि विभिन्न शक्तियाँ इसलिये लड़ रही हैं कि वे अपने तत्कालीन उपनिवेशों की रक्षा कर सके।"

विश्वयुद्ध शुरू होते हुए भी भारतीयों की प्रथम प्रतिक्रिया जो हुई वह यह थी कि संकट की उस घड़ी में अंग्रेजी सरकार की पूरी मदद की जाएँ कांग्रेस के नेताओं ने धन एकत्रित किया तथा भारतीयों को सेना में भर्ती करने में ब्रिटिश सरकार की मदद की। यद्यपि कुछ लोगों ने ब्रिटिश सरकार पर दबाव डालने का यह अच्छा अवसर समझा।

यहाँ तक कि लोकमान्य तिलक की भी जो कि 6 वर्ष के बाद जेल से छूटे थे यही प्रतिक्रिया थी कि उस संकट के समय ब्रिटिश सरकार को अपनी सामर्थ्य के अनुसार सहायता देना अपना कर्त्तव्य है परन्तु बाद में उन्हें ब्रिटिश इरादों का यही आभास हो गया कि ब्रिटिश सरकार उन्हें कुछ प्रदान नहीं करेगी और अपने उद्देश्यों की पूर्ति में भारतीयों को केवल माध्यम बनाना चाहती थी।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान घटी प्रमुख घटनाएँ

(1) होमरूल लीग की स्थापना - तिलक अभी जेल से ही छूटे थे और वह समझते थे कि यदि सरकार से कुछ प्राप्त करना है तो राष्ट्रीय आन्दोलन की गति को तीव्र करना होगा। ऐनी बेसेन्ट का भी यह विचार था, परन्तु कांग्रेस इस समय तक निष्क्रिय और गतिहीन राजनीतिक संगठन बन गई थी जिसने जनता के बीच कोई सराहनीय राजनीतिक कार्य नहीं किया जा सका था। इसलिए इन नेताओं ने कांग्रेस के बाहर राष्ट्रीय आन्दोलन को गति प्रदान करने के लिये एक जन आन्दोलन चलाया जो होमरूल आन्दोलन के नाम से जाना जाता है। सन् 1915-16 ई. दो होमरूल लीगों की स्थापना हुई एक तिलक के नेतृत्व में और दूसरा ऐनी बेसेन्ट के नेतृत्व में, यद्यपि दोनों ने एक-दूसरे के साथ पूर्ण सहयोग से कार्य किया और बाद में दोनों मिलकर एक हो गई इन दोनों नेताओं के नेतृत्व व प्रयासों के कारण जल्दी ही स्वराज्य का नारा सारे देश में गूँज गया।

(2) उदारवादियों व उग्रवादियों का पुनर्मिलन - सूरत की फूट के बाद उग्रवादी कांग्रेस से अलग हो गये थे, परन्तु तिलक की यह इच्छा थी कि उग्रवादी पुनः कांग्रेस में मिल जाए जिससे कांग्रेस एक अखिल भारतीय संस्था के रूप में प्रभावशाली ढंग से राष्ट्रीय आन्दोलन का नेतृत्व कर सके। प्रारम्भ में फिरोज शाह मेहता जैसे कुछ उदारवादियों के विरोध के कारण यह सम्भव न हो सका परन्तु सन् 1915 ई. में फिरोज शाह मेहता व गोखले दोनों की मृत्यु के कारण कोई प्रभावशाली उदारवादी नेता नहीं बचा। ऐनी बेसेन्ट व तिलक के प्रयत्नों के परिणामस्वरूप कांग्रेस के संविधान में इस प्रकार परिवर्तन किया गया कि उग्रवादी भी कांग्रेस में शामिल हो सके। इस प्रकार 9 वर्षों बाद उग्रवादी पुनः कांग्रेस में सम्मिलित हो गए।

(3) माण्टेग्यू की घोषणा - प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुई घटनाओं के सम्बन्ध में यह तथ्य है कि यद्यपि अपने उद्देश्य की पूर्ति में तो वे असफल रही पर राष्ट्रीय आन्दोलन पर उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ दी।

यद्यपि होमरूल आन्दोलन अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुआ और कांग्रेस लीग समझौता भी अस्थाई सिद्ध हुआ परन्तु इन दोनों घटनाओं ने एक ओर तो देश में महान उत्साह पैदा किया और दूसरी ओर ब्रिटिश सरकार को भारतीयों की कुछ माँगों को पूरा करने के लिए बाध्य किया। 20 अगस्त, सन् 1917 ई. को माण्टेग्यू ने भारत में ब्रिटिश सरकार की नीति की इन शब्दों में घोषणा की- "ब्रिटिश साम्राज्य के अभिन्न अंग के रूप में विकास हो।" यह एक महत्त्वपूर्ण घोषण थी। जिसके सुधार पर सन् 1919 ई. के माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधारों की घोषणा की, यद्यपि ये सुधार राष्ट्रवादियों को संतुष्ट नहीं कर पाये परन्तु संबैधानिक विकास के दृष्टिकोण से यह अधिनियम महत्त्वपूर्ण था। जिसके पारित होने का श्रेय प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुई राष्ट्रीय आन्दोलन की प्रगति को ही दिया जाना चाहिए।

(4) क्रान्तिकारियों के प्रयास - प्रथम विश्व युद्ध के दौरान क्रान्तिकारी आन्दोलनों का भी विकास हुआ और क्रान्तिकारियों को ब्रिटिश शासन से अपनी मातृभूमि को मुक्त कराने का यह एक स्वर्ण अवसर प्रतीत हुआ। इसलिए अनेक भारतीयों ने अंग्रेजी राज्य का तख्ता उलटने के लिए हिंसात्मक विद्रोह की योजना बनांनी प्रारम्भ कर दी। यह योजनायें केवल देश में ही नहीं बनी वरन् विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने भी बनाई। लाला हरदयाल ने सन् 1913 ई. में अमेरिका में गदर पार्टी की स्थापना की और सन् 1915 ई. में भारत में क्रांति करने की योजना बनाई, लाला हरदयाल ने अमेरिका में बसे भारतीयों में अपनी मातृभूमि को स्वतंत्रा कराने के लिए उत्साह का संचार किया। गदर पार्टी वालों ने सुदूरपूर्व, दक्षिण - पूर्व, एशिया व सारे भारत में भारतवासियों व भारतीय सैनिकों से सम्पर्क स्थापित किया तथा कई रेजीमेन्टों को विद्रोह करने के लिये तैयार किया गया। रास बिहारी बोस, करतार सिंह, शचिन्द्र सान्याल, गणेशचन्द्र पिंगले, उधम सिंह आदि ने इस दौरान अंग्रेजों के विरुद्ध कई कार्य किये, ऐसे कई भारतीय जिन्होंने भारत के बाहर क्रान्तिकारी गतिविधियाँ चलाई व प्रचार कार्य किये।

इस प्रकार निष्कर्ष स्वरूप हम यह कह सकते हैं कि राष्ट्रीय आन्दोलन को एक गति प्रदान की जिसके कारण यह आन्दोलन एक नये दौर में प्रवेश कर सका। प्रथम विश्व युद्ध का राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रभाव इस रूप में पड़ा कि राष्ट्रवादी, युद्ध के बाद जिन महत्त्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धियों की आशा कर रहे थे, उन पर पानी फिर गया और सन् 1919 ई. के बाद राष्ट्रीय आन्दोलन ने जो दिशा या गति पकड़ी उसमें यह महत्त्वपूर्ण रहा।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
  3. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
  5. प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
  6. प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
  8. प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
  11. प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
  14. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
  15. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
  16. प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  17. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
  18. प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
  19. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
  22. प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
  23. प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  28. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  29. प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
  30. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  33. प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
  34. प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
  35. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
  41. प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
  42. प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
  43. प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
  47. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  49. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  50. प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
  51. प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
  53. प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
  54. प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
  55. प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
  56. प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  57. प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
  58. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
  61. प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
  68. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
  69. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  70. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  71. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
  75. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
  76. प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
  77. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
  78. प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
  79. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
  81. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
  82. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
  83. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
  85. प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  87. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
  88. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
  89. प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
  91. प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
  92. प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
  93. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  94. प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  97. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
  100. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
  102. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।

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