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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2786
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।

उत्तर -

सूरत की फूट ( 1907 ई.)

1907 ई. में काँग्रेस का अधिवेशन सूरत में हुआ। सूरत अधिवेशन में उग्रवादी लोकमान्य तिलक को सभापति पद पर आसीन करना चाहते थे लेकिन उदारवादियों ने अपने बहुमत से डॉ. रास बिहारी घोस को सभापति निर्वाचित किया। परिणामस्वरूप, अध्यक्ष के भाषण के पहले ही हंगामा हो गया और अधिवेशन स्थगित करना पड़ा। श्रीमती ऐनी बेसेंट ने इस घटना को कॉंग्रेस के इतिहास में शोकपूर्ण घटना कहा।

सूरत की फूट के कारण - यह घटना विभिन्न कारणों के संचय होने का परिणाम थी। वास्तव में 1885 से 1907 तक भारतीय राजनीति में बहुत से परिवर्तन आ गये थे। शासन की रीति-नीति में भी परिवर्तन आये थे। विरोध और आन्दोलन के तौर-तरीकों पर कॉंग्रेस में कई मतभेद थे जिनके कारण यह घटना घटी। इस परिप्रेक्ष्य में सूरत की फूट के निम्नलिखित कारण थे -

1. राजनीतिक कारण - 1892 से 1906 ई. तक ब्रिटेन में अनुदारवादी दल का शासन था। इस दल की प्रतिक्रियावादी नीति के कारण 1892 ई. के अधिनियम में किये गये सुधार अपर्याप्त और निराशाजनक थे। कॉंग्रेस की किसी भी माँग को इसमें शामिल नहीं किया गया था। नरमपंथी नेताओं के साथ-साथ बहुत से उदारवादी नेता भी सरकार के कार्यों से दुखी थे। लार्ड एल्गिन की सरकार ने कठोर दमनात्मक नीति का प्रयोग कर भारत के राजनैतिक वातावरण को और अधिक उत्तेजित कर दिया। 1897 में जब तिलक को गिरफ्तार कर 18 माह की कठोर कारावास की सजा दी गयी तो सारे देश में क्रोध और प्रतिशोध की भावना उमड़ पड़ी। कर्जन के काल में राजनीति के तरीकों पर बहस और तीव्र जब कर्जन काँग्रेस के विरोध पर कार्य कर रहा था। नरमपंथी राजनेता अभी भी अपने आदर्शों पर टिके थे जबकि कर्जन ने इस राजभक्ति का प्रतिकार बंगाल के विभाजन के माध्यम से दिया। बंग-भंग के बाद नरमपंथी और चरमपंथी के बीच दूरियाँ और बढ़ीं।

2. आर्थिक कारण - तत्कालीन अंग्रेजी सरकार की अर्थनीति भारत विरोधी थी। 19वीं सदी के अन्तिम चरण में सर्वत्र आर्थिक असन्तोष का साम्राज्य छाया हुआ था। अकाल, महामारी और भूचालों के कारण जनता की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही थी। अंग्रेजों का उद्देश्य भारतवासियों का हित साधन न होकर अंग्रेज व्यापारियों और उद्योगपतियों का हित साधन था। बाहर से आने वाली कपास की वस्तुओं में आयात कर घटा दिया गया था तथा भारतीय वस्तुओं पर उत्पादन कर बढ़ा दिया गया था। इससे भारत की दरिद्रता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। उन दिनों उग्रवादी विचारकों ने यह प्रचार किया कि विदेशी शासन ही भारत की दरिद्रता का मुख्य कारण है। इससे उग्र राष्ट्रीयता की भावना सुदृढ़ हो गई।

3. धार्मिक तथा सामाजिक कारण - ब्रिटिश सरकार की दमनात्मक तथा घृणित नीति से 19वीं सदी के अन्तिम चरण में शिक्षित भारतीयों में पाश्चात्य शिक्षा, सभ्यता एवं संस्कृति के विरुद्ध एक भयंकर प्रतिक्रिया हुई। काँग्रेस के उदारवादी नेता पाश्चात्य संस्कृति के हिमायती थे। उधर विदेशों में भी भारतीयों के साथ अभद्र व्यवहार प्रारम्भ हो गया था। इससे भारतीय अंग्रेजों के व्यवहार से दुखी होकर उग्रवादी नेताओं के सम्पर्क मं  आने लगे और उन्हें इन नेताओं की राजनीति से घृणा हुई, इसका चरम परिणाम 1907 की फूट थी।

4. लार्ड कर्जन का प्रतिगामी शासन - लार्ड कर्जन जिस समय भारत का वायसराय नियुक्त किया गया उस समय देश का राजनीतिक वातावरण अशान्त था। वह स्वयं कट्टर साम्राज्यवादी था और भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन को समूल उखाड़ फेंकना चाहता था, किन्तु उसमें राजनीतिक दूरदर्शिता का अभाव था। उसने कलकत्ता कारपोरेशन एक्ट, भारतीय विश्वविद्यालय एक्ट तथा सरकारी गोपानीयता एक्ट जैसे कुटिल कानून जारी किए। उसने साम्राज्यवादी नीति के तहत भारतीय सेना को चीन, अफ्रीका आदि देशों में भेजकर भारतीय जनता को दुःखी बना दिया। 1905 का बंग-भंग और प्रतिक्रिया में चलाया गया स्वदेशी आन्दोलन राजनीति के नये तौर-तरीकों पर जोर दे रहा था। यह स्पष्ट हो गया था कि अब नरम व गरम पंथी राजनेताओं में अधिक समय तक एकता न रह सकेगी।

सूरत की फूट की परिस्थितियाँ - 1907 की इस घटना से पूर्व भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के राजनेताओं में नरमपंथ और चरमपंथ का स्पष्ट विभाजन हो गया था। इस स्थिति में नरमपंथी नेताओं को दूसरे वर्ग के नेता भिक्षावृत्ति की राजनीति करने वाले कहते थे। मूलतः चरमपंथियों से उनका अन्तर।

बहिष्कार, स्वदेशी और राष्ट्रीय शिक्षा के बिन्दु पर था। 1905 में बंग-भंग के बाद 1906 में हुए अधिवेशन में नरमपंथियों ने स्वदेशी को कॉंग्रेस के कार्यक्रम में शामिल कर लिया, किन्तु अन्य दो माँगों को नहीं माना। चरमपंथी इस अधिवेशन में इन दो माँगों सहित बाल गंगाधर तिलक को अध्यक्ष पद पर बैठाना चाहते थे। उनकी जब माँगें नहीं मानी गईं तो तिलक ने लाला लाजपतराय की अध्यक्षता पर सहमति प्रकट कर दी। जब यह भी नहीं हुआ तो अधिवेशन में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हुई। ब्रिटिश पुलिस ने हस्तक्षेप कर अधिवेशन स्थल में पुलिस कार्यवाही की और यह अधिवेशन रद्द कर दिया गया। लाल-बाल-पाल को काँग्रेस से निष्कासित कर दिया गया और काँग्रेस 1914 तक मृत्प्राय रही क्योंकि चरमपंथी युवा नेताओं को अंग्रेजों ने या तो जेल में डाल दिया था या वे जनता और राजनीति की मुख्य धारा में उपेक्षित हो गये थे।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
  3. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
  5. प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
  6. प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
  8. प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
  11. प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
  14. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
  15. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
  16. प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  17. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
  18. प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
  19. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
  22. प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
  23. प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  28. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  29. प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
  30. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  33. प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
  34. प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
  35. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
  41. प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
  42. प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
  43. प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
  47. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  49. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  50. प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
  51. प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
  53. प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
  54. प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
  55. प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
  56. प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  57. प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
  58. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
  61. प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
  68. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
  69. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  70. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  71. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
  75. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
  76. प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
  77. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
  78. प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
  79. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
  81. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
  82. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
  83. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
  85. प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  87. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
  88. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
  89. प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
  91. प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
  92. प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
  93. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  94. प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  97. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
  100. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
  102. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।

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