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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2786
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 5

स्वदेशी आन्दोलन तथा सूरत में काँग्रेस का विभाजन

(Swadeshi Movement and Congress Split at Surat)

प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।

अथवा
स्वदेशी आन्दोलन के काल को जुनूनी राष्ट्रवादियों के युग के नाम से भी जाना जाता है। स्पष्ट कीजिए।
अथवा
स्वदेशी आन्दोलन का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा? यह क्यों असफल हो गया? वर्णन कीजिए।

उत्तर -

स्वदेशी आन्दोलन
(Swadeshi Movement)

स्वदेशी आन्दोलन, गाँधी युग से पूर्व के सबसे सफल आन्दोलनों में से एक था जो बंगाल विभाजन के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ। इस आन्दोलन की जड़ें विभाजन विरोधी आन्दोलन (Anti- Partition Movement) में थीं, जो लॉर्ड कर्जन के बंगाल प्रांत को विभाजित करने के फैसले का विरोध करने के लिए शुरू किया गया था। इसके अन्तर्गत सरकार को लिखित में याचिकाएँ दी गईं, जनसभाओं का आयोजन किया गया तथा हितावादी (Hitabadi ), संजीवनी (Sanjibani) और बंगाली (Bengalee) जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से विचारों का प्रसार किया गया जिसके तहत सबसे पहले विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प लिया गया।

स्वदेशी आन्दोलन की उद्घोषणा-

1 अगस्त 1905 में कलकत्ता के टाउनहॉल में एक विशाल बैठक आयोजित की गई जिसमें स्वदेशी आन्दोलन (Swadeshi Movement) की औपचारिक घोषणा की गई।

2. मैनचेस्टर में निर्मित कपड़ों तथा लिवरपूल के नमक जैसे सामानों के बहिष्कार का संदेश प्रचारित किया गया।

3. विभाजन के लागू होने के बाद बंगाल के लोगों ने वंदे मातरम् (Vande Mataram) गीत गाकर व्यापक विरोध प्रदर्शित किया।

4. रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा 'आमार शोनार बांग्ला' ( Amar Sonar Bangla ) की रचना की गई।

5. लोगों ने एकता के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे के हाथों में राखी बाँधी।

हालांकि यह आन्दोलन मुख्य रूप से बंगाल तक ही सीमित था, लेकिन भारत के कुछ अलग-अलग हिस्सों में भी जैसे - बालगंगाधर तिलक के नेतृत्व में पूना और बॉम्बे में, लाला लाजपत राय और अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में, सैयद हैदर रजा के नेतृत्व में दिल्ली में तथा चिदंबरम पिल्लई के नेतृत्व में मद्रास में भी इसका प्रसार देखा गया।

काँग्रेस की प्रतिक्रिया-

1. वर्ष 1905 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (Indian National Congress- INC) द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बंगाल विभाजन की निंदा करने और विभाजन विरोधी और स्वदेशी आन्दोलन का समर्थन करने हेतु संकल्प किया गया।

2. कट्टरपंथी राष्ट्रवादी (Radical Nationalists) चाहते थे कि आन्दोलन का प्रसार बंगाल के बाहर भी हो तथा इसे विदेशी सामानों के बहिष्कार से आगे भी बढ़ाया जाए। हालांकि, काँग्रेस में हावी नरमपंथी इस आन्दोलन को बंगाल से बाहर प्रसारित करने के पक्ष में नहीं थे।

3. वर्ष 1906 में दादाभाई नौरोजी (Dadabhai Naoroji) की अध्यक्षता में कलकत्ता में काँग्रेस का अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें स्वशासन या स्वराज को INC के लक्ष्य के रूप में घोषित किया गया।

उग्रवादी / कट्टरपंथी राष्ट्रवादियों का उदय - वर्ष 1905 से 1908 तक बंगाल में स्वदेशी आन्दोलन पर चरमपंथियों / उग्रवादी (या गरम दल) का प्रमुख प्रभाव रहा, इसे "जुनूनी राष्ट्रवादियों के युग' (Era of Passionate Nationalists) के रूप में भी जाना जाता है। लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल ( लाल-बाल-पाल) इस कट्टरपंथी समूह के महत्वपूर्ण नेता थे।

इनके द्वारा बहिष्कार के अलावा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों, सरकारी सेवाओं, अदालतों, विधान परिषदों, नगरपालिकाओं, सरकारी उपाधियों आदि के बहिष्कार का आह्वान किया गया। इसी क्रम में, तिलक ने नारा दिया "स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे मैं लेकर रहूँगा " (Freedom is my birthright and I shall have it).

स्वदेशी आन्दोलन का प्रभाव

स्वदेशी आन्दोलन के प्रभाव को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है-

1. आयात में गिरावट - आन्दोलन के परिणामस्वरूप 1905-1908 के दौरान विदेशी आयात में उल्लेखनीय गिरावट आई।

2. उग्रवाद का विकास - आन्दोलन के परिणामस्वरूप युवाओं में चरम राष्ट्रवाद का विकास हुआ जो हिंसा के माध्यम से ब्रिटिश प्रभुत्व को तुरन्त समाप्त करना चाहता था।

3. मॉर्ले-मिंटो सुधार - वर्ष 1909 में मॉर्ले-मिंटो सुधारों (Morley - Minto Reforms) के रूप में बिटिश शासन को भारतीयों को कुछ रियायतें देने हेतु मजबूर किया। इसके अन्तर्गत गोपाल कृष्ण गोखले ने इन सुधारों की रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

4. स्वदेशी संस्थानों की स्थापना - रवीन्द्रनाथ टैगोर के शांति निकेतन से प्रेरित होकर, बंगाल नेशनल कॉलेज और देश के विभिन्न हिस्सों में कई राष्ट्रीय स्कूल और कॉलेज स्थापित किये गए। अगस्त 1906 में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को व्यवस्थित करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा परिषद (National Council of Education) की स्थापना की गई तथा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु बंगाल प्रौद्योगिकी संस्थान (Bengal Institute of Technology) की स्थापना की गई।

5. स्वदेशी उद्योगों में वृद्धि - इससे देश में स्वदेशी कपड़ा मिलों, साबुन और माचिस की फैक्ट्रियों, चर्मशोधन कारखानों, बैंकों, बीमा कम्पनियों, दुकानों आदि की स्थापना हुई। इसने भारतीय कुटीर उद्योग को भी पुनर्जीवित किया। भारतीय उद्योगों ने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को पुनर्जागरण के साथ उत्थान से भी जोड़कर देखा।

6. विदेशी खरीदारों और विक्रेताओं का बहिष्कार - कपड़े, चीनी, नमक और विभिन्न अन्य विलासिता की वस्तुओं सहित विदेशी वस्तुओं का न केवल बहिष्कार किया गया, बल्कि उन्हें जलाया भी गया। स्वदेशी आन्दोलन में न केवल खरीदारों बल्कि विदेशी सामानों के विक्रेताओं का भी सामाजिक बहिष्कार किया गया।

स्वदेशी आन्दोलन का क्रमिक दमन

1. सरकार द्वारा दमन - वर्ष 1908 तक सरकार की हिंसक कार्यवाही द्वारा स्वदेशी आंदोलन के एक चरण को लगभग समाप्त कर दिया गया।

2. नेताओं और संगठन की अनुपस्थिति - आन्दोलन एक प्रभावी संगठन बनाने में विफल रहा। सरकार द्वारा अधिकांश नेताओं को या तो गिरफ्तार कर लिया गया था या निर्वासित कर दिया गया जिससे आन्दोलन नेतृत्वविहीन हो गया। प्रभावी नेताओं की अनुपस्थिति के कारण आन्दोलन में उच्च जन- भागीदारी को बनाए रखना एक कठिन कार्य था।

3. आंतरिक संघर्ष - नेताओं के मध्य आंतरिक संघर्षों और विचारधाराओं में अन्तर ने आन्दोलन को नुकसान पहुँचाया।

4. सीमित विस्तार - आन्दोलन किसानों तक पहुँचने में विफल रहा तथा यह केवल उच्च और मध्यम वर्ग तक ही सीमित था।

बंगाल विभाजन की घोषणा को वापिस लेना - वर्ष 1911 में लॉर्ड हार्डिंग द्वारा बंगाल विभाजन को मुख्य रूप से क्रांतिकारी आतंकवाद पर अंकुश लगाने हेतु रद्द कर दिया गया था। बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर दिया गया तथा असम को एक अलग प्रांत बना दिया गया। मुस्लिम वर्ग इस घोषणा से खुश नहीं था, परिणामस्वरूप अंग्रेजों ने अपनी प्रशासनिक राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित कर दिया, क्योकि यह स्थान मुस्लिम गौरव से जुड़ा था।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
  3. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
  5. प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
  6. प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
  8. प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
  11. प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
  14. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
  15. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
  16. प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  17. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
  18. प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
  19. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
  22. प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
  23. प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  28. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  29. प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
  30. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  33. प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
  34. प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
  35. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
  41. प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
  42. प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
  43. प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
  47. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  49. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  50. प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
  51. प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
  53. प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
  54. प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
  55. प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
  56. प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  57. प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
  58. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
  61. प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
  68. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
  69. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  70. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  71. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
  75. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
  76. प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
  77. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
  78. प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
  79. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
  81. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
  82. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
  83. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
  85. प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  87. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
  88. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
  89. प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
  91. प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
  92. प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
  93. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  94. प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  97. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
  100. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
  102. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।

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