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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2786
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने का निर्णय कांग्रेस द्वारा कब और क्यों किया गया?
2. 'दाण्डी यात्रा' पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
3. सविनय अवज्ञा आन्दोलन के विस्तृत कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ 14 से 16 फरवरी 1930 ई. को कांग्रेस कार्यकारिणी की एक बैठक साबरमती में आयोजित की गई। इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके गाँधी जी को सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने के सम्पूर्ण अधिकार दे दिये गये।

यद्यपि कार्यकारिणी ने गाँधी जी को आन्दोलन प्रारम्भ करने के सम्पूर्ण अधिकार दे दिये थे, तथापि शान्ति और समझौते में विश्वास करने वाले गाँधी जी ने वायसराय को आन्दोलन प्रारम्भ करने से पूर्व एक अवसर और दिया। उन्होंने एक पत्र लिखकर गवर्नर जनरल को अवगत कराया कि यदि सरकार पत्र में उल्लिखित शर्तों को मान ले तो उसे सविनय अवज्ञा आन्दोलन का नाम भी सुनना पड़ेगा। पत्र में उल्लिखित शर्तें निम्नप्रकार थीं-

1. भारत में पूर्ण नशाबन्दी लागू की जाए।
2. मुद्रा विनिमय में एक रुपया एक शिलिंग चार पेंस के बराबर माना जाए।
3. मालगुजारी आधी कर दी जाए और उसे विधानमण्डल के नियन्त्रण में रखा जाए।
4. नमक पर लगने वाला 'कर' बन्द किया जाये।
5. सैनिक व्यय में कमी की जाये और प्रारम्भ में इसे आधा कर दिया जाये।
6. बड़े- बड़े अधिकारियों के वेतन कम से कम आधे कर दिये जायें।
7. विदेशी वस्त्रों पर तट कर लगाया जाए ताकि देशी उद्योगों को संरक्षण प्राप्त हो।
8. तटीय व्यापार संरक्षण कानून पारित किया जाये।

9. हत्या या हत्या की चेष्टा में दण्डित व्यक्तियों को छोड़कर सभी राजनीतिक बन्दियों को रिह कर दिया जाये एवं सभी मुकदमें वापस ले लिये जायें

10. खुफिया पुलिस तोड़ दी जाये या उसे जन नियन्त्रण में रखा जाये।

11. आत्मरक्षा के लिये आम नागरिकों को बन्दूक इत्यादि हथियारों के लाइसेंस दिये जायें।

शासन द्वारा गाँधी जी की उपर्युक्त माँगों की उपेक्षा की गयी। सरकार ने कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं की गिरफ्तारी भी प्रारम्भ कर दी। गाँधी जी ने पुनः एक पत्र अपने मित्र रेनाल्ड्स के हाथों वायसराय को भेजा। इसका उत्तर वायसराय ने बहुत ही निराशाजनक दिया और उल्टे गाँधी जी को ही सावधान करते हुए कहा कि - "मुझे दुःख है कि गाँधी जी वह रास्ता अपना रहे हैं जिसमें कानून और सार्वजनिक शान्ति भंग होना स्वाभाविक है।" इसके प्रत्युत्तर में गाँधी जी ने कहा कि "मैने घुटने टेककर रोटी माँगी थी परन्तु मुझे उसके स्थान पर पत्थर मिले। ब्रिटिश राष्ट्र केवल शक्ति के सामने झुकता है, इसीलिए वायसराय के पत्र से मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ। मैं उन ब्रिटिश कानूनों का कार्य समझता हूँ और मैं उस शोकमय शान्ति को भंग करना चाहता हूँ जो राष्ट्र के दिल को कष्ट दे रही है। इस प्रकार गाँधी जी और वायसराय की वार्ता विफल होने के फलस्वरूप गाँधीजी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने का निर्णय किया गया !

ऐतिहासिक दाण्डी यात्रा - शासन द्वारा माँगे ठुकराये जाने के उपरान्त गाँधी जी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने का निर्णय किया और इसका प्रारम्भ ऐतिहासिक दाण्डी यात्रा द्वारा किया गया। गाँधी जी के नेतृत्व में 11 मार्च, 1930 ई. को साबरमती के मैदान में 75 हजार व्यक्तियों ने एकत्रित होकर प्रण किया कि जब तक स्वाधीनता नहीं मिल जाती तब तक न तो हम स्वयं चैन लेंगे और न सरकार को चैन लेने देंगे। गाँधी जी ने इनमें से 79 कार्यकत्ताओं का चयन किया और साबरमती आश्रम से दाण्डी तट तक पैदल यात्रा करके नमक कानून को तोड़ने की योजना बनायी। 12 मार्च, 1930 ई. को गाँधी जी व उनके द्वारा चयनित 79 कार्यकर्त्ता साबरमती आश्रम से पैदल ही 200 मील की यात्रा पर निकल पड़े। इस यात्रा में कुल 24 दिन का समय लगा और जैसे-जैसे यात्रा एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बढ़ती गयी वैसे-वैसे लोगों का हुजूम इनके साथ होता चला गया। अन्ततः 5 अप्रैल, 1930 ई. को गाँधी जी और उनके साथ हजारों लोगों का हुजूम दाण्डी तट पर पहुँचा। अगले दिन 6 अप्रैल, 1930 ई. को प्रार्थना के उपरान्त दाण्डी के समुद्र तट पर गाँधी जी ने स्वयं अपने हाथ से नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून की अवज्ञा की। इस प्रकार विधिवत् रूप से सविनय अवज्ञा आन्दोलन का श्रीगणेश हो गया।

सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम - 6 अप्रैल, 1930 ई. को गाँधी जी द्वारा स्वयं ब्रिटिश सरकार के अनुचित नमक कानून की अवज्ञा के पश्चात् सविनय अवज्ञा आन्दोलन के निम्नलिखित व्यापक कार्यक्रम निर्धारित किये गये-

1. गाँव-गाँव में नमक कानून को तोड़कर नमक बनाया जाना चाहिए।

2. महिलाओं द्वारा शराब, अफीम और विदेशी वस्त्रों की दुकानों पर धरना दिया जाना चाहिए।

3. विदेशी वस्त्रों का प्रयोग बन्द करके सार्वजनिक रूप से विदेशी वस्त्रों की होली जलाई जानी चाहिए।

4. हिन्दुओं कों अस्पृश्यता का त्याग करना चाहिए।
5. विद्यार्थियों द्वारा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार कर दिया जाना चाहिए।

6. सरकारी कर्मचारियों को नौकरियों से त्याग पत्र देने चाहिए। 4 मई को महात्माजी की गिरफ्तारी के बाद 'करबन्दी' को भी आन्दोलन के कार्यक्रम में सम्मिलित कर लिया गया।

इस प्रकार व्यापक कार्यक्रम के साथ सविनय भावना आन्दोलन तेजी से प्रारम्भ हो गया। गाँधी जी द्वारा नमक कानून की आवज्ञा के साथ ही यह आन्दोलन तेजी से सम्पूर्ण देश में फैल गया। महात्मा गाँधी के आह्वान पर महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर इस आन्दोलन में भाग लिया। आन्दोलन प्रारम्भ होने के एक माह के भीतर ही 200 पटेल और पटवारियों के अतिरिक्त, अनेक सरकारी कर्मचारियों ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिये। इस प्रकार सविनय अवज्ञा आन्दोलन काफी हद तक अप्रत्याशित सफलता आर्जित करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा था परन्तु ब्रिटिश सरकार ने गोलमेज वार्ताओं के रूप में कूटनीतिक चालबाजी करते हुए आन्दोलन को शिथिल कर दिया और अन्ततः यह आन्दोलन भी बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
  2. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
  3. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  4. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
  5. प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
  6. प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
  8. प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
  11. प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
  14. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
  15. प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
  16. प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  17. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
  18. प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
  19. प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
  22. प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
  23. प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  24. प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
  25. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
  26. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  28. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  29. प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
  30. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  33. प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
  34. प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
  35. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
  39. प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में टैगोर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर टैगोर तथा गाँधी जी के विचारों की तुलना कीजिए।
  41. प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
  42. प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
  43. प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  44. प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
  47. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
  49. प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
  50. प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
  51. प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
  53. प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
  54. प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
  55. प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
  56. प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  57. प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
  58. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
  61. प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  67. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
  68. प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
  69. प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
  70. प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
  71. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
  75. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
  76. प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
  77. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
  78. प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
  79. प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- मुस्लिम लीग तथा हिन्दू महासभा जैसे राजनैतिक दलों ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध क्यों किया था?
  81. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे?
  82. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
  83. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा, संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
  85. प्रश्न- गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किया? वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लखनऊ समझौते के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  87. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था?
  88. प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध में रोमानिया का क्या योगदान था?
  89. प्रश्न- 'लखनऊ समझौता, पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  90. प्रश्न- 'रॉलेक्ट एक्ट' पर संक्षित टिपणी कीजिए।
  91. प्रश्न- राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे?
  92. प्रश्न- होमरूल आन्दोलन पर संक्षित टिपणी दीजिए।
  93. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवादी और प्रथम विश्वयुद्ध पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  94. प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  95. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
  96. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  97. प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
  100. प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
  102. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।

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