बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 20
डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
मातृ वंदना,
हम भारतवासी
व्याख्या भाग
1. मातृ वन्दना
कंठ तेरे हैं अनेकों; स्वर तुम्हारा एक है,
स्वर तुम्हारे पूज्यपादों में भी मेरा एक है।
कंठ सारे एक होकर, गान तेरा ही करें,
भू- जगत् की पूज्यमाता, कष्ट-दुख सब ही हरें।
'माँ तुम्हारे शीश अगणित, एक सिर मेरा भी है,
चरण-कमलों में तेरे माँ, एक यह चेहरा भी है।
सैकड़ों मस्तक चढ़े माँ मैं भी उनमें एक हूँ,
शब्दार्थ - पूज्यपाद = पूज्य चरण। भू जगत् = पृथ्वी और संसार अगणित = असंख्य।
सन्दर्भ - प्रस्तुत काव्यांश कवि डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' द्वारा रचित 'मातृ वन्दना' शीर्षक कविता से ली गई है। यह इनके 'मातृभूमि के लिए' संग्रह से संकलित है।
प्रसंग - यहाँ कवि ने मातृभूमि के प्रति नमन करते हुए बताया है कि उनके अनेक भक्तों में से वह भी भक्त है और मातृभूमि पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करना चाहते हैं।
व्याख्या - कवि कहता है कि कि हे मातृभूमि! तेरे अनेक कण्ठ हैं लेकिन उन सबका स्वर एक है। तुम्हारे पूजनीय चरणों की वन्दना में गाए गीतों में मेरा भी स्वर समाहित है। सारे कण्ठ एक होकर तेरा गुणगान करते हैं, तेरा सम्मान करते हैं, स्तुति गाते हैं। तुम सारी धरती और संसार की पूजय माता हो, जो सबके कष्टों और दुःखों को हरने वाली हो। कवि कहता है कि हे माता! तुम्हारे समक्ष झुकने वाले अनेक शीशों में एक शीश मेरा भी है। तेरे चरण कमलों के प्रति झुकने वाला एक चेहरा मेरा भी है। तुम्हारी रक्षा के लिए सैकड़ों मस्तक बलिदान हो गए, उनमें एक सिर मेरा भी है।
काव्यगत सौन्दर्य -
1. यहाँ कवि की मातृ भूमि के प्रति समर्पण का भाव लक्षित होता है।
2. भाषा - ओजमयी, प्रवाहयुक्त, खड़ी बोली।
3. शैली - वर्णनात्मक।
4. रस - वीर रस।
5. अलंकार - रूपक, अनुप्राय।
चाहता हूँ वंद्य माँ मैं, क्षण व कण प्रत्येक दूँ।
एक लय में गीत तेरे, सब पुकारें माँ तुम्हें,
सुरभि अमृतरस सभी, बाँट दो माता हमें।
हाथ अनगिन कर रहें हैं, वंदना माँ की अभी
हाथ हैं उनमें भी मेरे, पुत्र तेरे जो सभी।
कोटि चरणों से सुशोभित, पूत तेरे बढ़ रहे,
वत्सले! मन के हमारे, दीप सारे चढ़ रहे।
पुत्र मैं हूँ माँ तुम्हारा, तुम मुझे स्वीकार लो,
पूर्ण अर्पित बाल तेरा, माँ मुझे अब तार दो।
शब्दार्थ - वद्य = वन्दना योग्य। सुरभि = वन्दना योग्य। सुरभि सुगन्ध। पूत = सुपुत्र। वत्सले = ममता लुटाने वाली। तार दो = पार कर दो।
सन्दर्भ एवं प्रसंग - पूर्ववत्।
व्याख्या - यहाँ कवि अपनी इच्छा प्रकट करते हुए कहता है कि हे वन्दनीय माता! मैं अपना प्रत्येक क्षण और रोम-रोम तुम्हें समर्पित कर दूँ। मेरे गीतों की लय में तुम्हारा ही नाम हो, तुम्हारी ही पुकार हो। तुम्हारे पास जो भी सुगन्धित अमृत रस है, वह हम सभी वन्दना करने वाले हाथों में बाँट दो। उन सब हाथों में मेरे भी हाथ शामिल हैं। जो तुम्हारे पुत्र हैं, तुम्हारे कोटि-कोटि चरण है, जिनकी रक्षा के लिए तेरे सपूत आगे बढ़ रहे हैं। हे वात्सलमयी माता! तेरे चरणों में हमारे मन और दीपक सारे समर्पित हो रहे हैं। मैं भी तुम्हारा ही पुत्र हूँ, मुझे स्वीकार कर लो, क्योंकि मेरा रोम-रोम तुम्हें समर्पित है। हे माता! अपने चरणो में स्थान देकर मुझे स्वीकार करो और मुझे पार लगा दो।
काव्यगत सौन्दर्य -
1. यहाँ कवि में मातृभूमि से पार होने की कामना की है।
2. भाषा - सहज सरल, ओजमयी, खड़ी बोली।
3. रस - वीर रस।
4. अलंकार - रूपक, अनुप्राय, उपमा।
2. हम भारतवासी
हम भारतवासी दुनिया को पावन
धाम बनायेंगे।
मन में श्रद्धा और प्रेम का
अद्भुत दृश्य दिखायेंगे ॥
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर,
दिल में प्यार बसायेंगे।
नफ़रत का हम तोड़ कुहासा,
अमृत रस सरसायेंगे ॥
हम निराशा दूर भगाकर,
फिर विश्वास जगायेंगे।
हम भारतवासी दुनिया को
पावन धाम बनायेंगे ॥
शब्दार्थ - पावन धाम = पवित्र स्थान। अद्भुत अनोखा। कुहासा = कोहरा, धुंधा
सन्दर्भ - प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और कवि डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' द्वारा रचित 'हम भारतवासी' शीर्षक कविता से उद्धृत है।
प्रसंग - इन पंक्तियों में कवि 'निशंक जी' ने अपने देश भारत को एवं पूरी दुनिया को पवित्र स्थान बनाना चाहते हैं। इसके लिए वह प्रत्येक भारतवासी को प्रेरणा देने का कार्य कर रहे हैं।
व्याख्या - कवि कहता है कि हम सब भारतवासी मिलकर पूरी दुनिया को पवित्र स्थान बनाने का प्रयास करेंगे। हम सबके हृदय में श्रद्धा और प्रेम की भावना भर देंगे, तब यह अद्भुत दृश्य होगा, जो हम सबको दिखला देंगे। कवि आगे कहता है कि हम ऊँच-नीच का भेद मिटाकर दिल में प्रेम की भावना भर देंगे, जिससे दिलों में बसे नफ़रत के कुहासे या आवरण को छोड़कर एक अमृत रस भर देंगे। हमारे इस कार्य से लोगों की निराशा की भावना दूर होगी और उन्हें उनका विश्वास पुनः लौटा देंगे अर्थात् उनमें आशा का संचार कर देंगे। कवि कहता है कि हम भारतवासी मिलकर पूरी दुनिया को पवित्र स्थान बना देंगे।
काव्यगत सौन्दर्य -
1. कवि द्वारा रचित ये पंक्तियाँ मनुष्य के लिए प्रेरणा का कार्य करती हैं।
2. कवि 'विश्व बन्धुतव' की भावना जाग्रत करना चाहता है। इसलिए वह केवल अपने देश को नहीं, पूरी दुनिया को पावन धाम बनाने की बात कहता है।
3. प्रेम ही ऐसी भावना है, जो ऊँच-नीच, भेद-भाव और नफ़रत को मिटा सकती है।
4. भाषा - सरल, सहज, खड़ी बोली।
5. रस - वीर रस।
6. Deuebkeáej - रूपक, अनुप्राय।
उलझन में उलझे लोगों को,
तथ्य दीप समझायेंगे।
भटक रहे जो जीवन पथ से,
उनको राह दिखायेंगे ॥
हम खुशियों के दीप जला,
जीवन ज्योत जलायेंगे।
हम भारतवासी दुनिया को
पावन धाम बनायेंगे ॥
शब्दार्थ - तथ्य = वास्तविकता। जीवन पथ जीवन रूपी मार्ग राह = मार्ग ज्योत = ज्योति, प्रकाश। पावन धाम पवित्र स्थान।
सन्दर्भ एवं प्रसंग - पूर्ववत्।
व्याख्या - कवि कहता है कि जो लोग अपनी उलझनों में घिरे हैं अर्थात् वह सही-गलत का नहीं समझ पा रहे हैं, ऐसे कल्पना लोक में जीने वाले लोगों को वास्तविकता का दीपक दिखाकर उन्हें समझायेंगे। और उनकी उलझन दूर करेंगे। कवि कहता है कि जो लोग जीवन रूपी मार्ग से भटक गए हैं, हम उन्हें सही रास्ता दिखाने का प्रयास करेंगे। हम सब मिलकर अन्य लोगों, जो खुशियों से वंचित हैं, उनके जीवन में खुशियाँ के दीपक जलाकर नया प्रकाश भर देंगे अर्थात् उनके जीवन में भी खुशियाँ होगी, आशा का प्रकाश होगा।
काव्यगत सौन्दर्य -
1. यहाँ कवि लोगों से वास्तविकता को जानने की प्रेरणा देता है।
2. उलझने मनुष्य की प्रगति की राह में सदैव रोड़ा अटकाती हैं, इनसे बचना चाहिए।
3. आशा मनुष्य को सही मार्ग और खुशियाँ प्रदान करने वाली भावना है।
4. भाषा - सहज सरल, खड़ी बोली।
5. रस - वीर रस एवं शान्त रस।
6. अलंकार - रूपक, उपमा, अनुप्राय।
सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण की बगिया
महकायेंगे।
जग के सारे क्लेश मिटाकर, धरती को
स्वर्ग बनायेंगे।
विश्वबंधुत्व का मूल मंत्र हम, दुनिया में
सरसायेंगे।
हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम
बनायेंगे।।
शब्दार्थ - क्लेश = कष्ट। सरसायेंगे फैलाना। जग = संसार।
सन्दर्भ एवं प्रसंग - पूर्ववत्।
व्याख्या - कवि कहता है कि हम भारतवासी मिलकर इस दुनिया में सत्य, अहिंसा, त्याग और समर्पण रूपी उपवन को महका देगे। संसार के सब कष्टों को दूर कर इस धरती को स्वर्ग के समान बनाने का प्रयास करेंगे। 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना व्याप्त कर पूरे विश्व में बंधुत्व अर्थात भाईचारा और सौहार्द्र की भावना का प्रसार करेंगे। इस प्रकार हम भारतवासी मिलकर पूरी दुनिया को पावन स्थान बना देंगे।
काव्यगत सौन्दर्य -
1. यहाँ कवि सत्य, अहिंसा, त्याग एवं समर्पण जैसे मूल्यों की स्थापना करना चाहता है।
2. यहाँ कवि 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना का प्रसार कर रहा है।
3. भाषा - सहज सरल, खड़ी बोली।
4. रस - वीर रस, शान्त रस।
5. अलंकार - रूपक, उपमा, अनुप्राय
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- अध्याय - 1 चंदबरदाई : पृथ्वीराज रासो के रेवा तट समय के अंश
- प्रश्न- रासो की प्रमाणिकता पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो महाकाव्य की भाषा पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो को जातीय चेतना का महाकाव्य कहना कहाँ तक उचित है। तर्क संगत उत्तर दीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो के सत्ताइसवें सर्ग 'रेवा तट समय' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- रासो शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में प्राप्त मतों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो' में अभिव्यक्त इतिहास पक्ष की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यापति भोग के कवि हैं? क्यों?
- अध्याय - 2 जगनिक : आल्हा खण्ड
- प्रश्न- जगनिक के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- जगनिक कृत 'आल्हाखण्ड' का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आल्हा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक द्वारा आल्हा ऊदल की कथा सृजन का उद्देश्य वर्णित कीजिए। उत्तर -
- प्रश्न- 'आल्हा' की कथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- अध्याय - 3 गुरु गोविन्द सिंह
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह की रचनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह' की भाषा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिख धर्म में दशम ग्रन्थ का क्या महत्व है?
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के पश्चात् सिख धर्म में किस परम्परा का प्रचलन हुआ?
- अध्याय - 4 भूषण
- प्रश्न- महाकवि भूषण का संक्षिप्त जीवन और साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भूषण ने किन काव्यों की रचना की?
- प्रश्न- भूषण की वीर भावना का स्वरूप क्या है?
- प्रश्न- वीर भावना कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- भूषण की युद्ध वीर भावना की उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
- अध्याय - 5 भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की शैलीगत विशेषताओं को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की भाव-पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषागत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु जी के काव्य की कला पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भीतर भीतर सब रस चूस पद की व्याख्या कीजिए।
- अध्याय - 6 अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के काव्य की भाव एवं कला की भाव एवं कलापक्षीय विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
- प्रश्न- हरिऔध जी का रचना संसार एवं रचना शिल्प पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रिय प्रवास की छन्द योजना पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- 'जन्मभूमि' कविता में कवि हरिऔध जी का देश की भूमि के प्रति क्या भावना लक्षित होती है?
- अध्याय - 7 मैथिलीशरण गुप्त
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'गुप्त जी राष्ट्रीय कवि की अपेक्षा जातीय कवि अधिक हैं। उपर्युक्त कथन की युक्तिपूर्ण विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त जी के काव्य के कला-पक्ष की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त की कविता मातृभूमि का भाव व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त किस कवि के रूप में विख्यात हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता में मैथिलीशरण गुप्त ने क्या पिरोया है?
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त के प्रथम काव्य संग्रह का क्या नाम है? साकेत की कथावस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त ने आर्य शीर्षक कविता में क्या उल्लेख किया है?
- अध्याय - 8 जयशंकर प्रसाद
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए "प्रसाद का प्रकृति-चित्रण बड़ा सजीव एवं अनूठा है।'
- प्रश्न- महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- 'प्रसाद' के कलापक्ष का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' कविता का सारांश / सार/ कथ्य अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी द्वारा रचित राष्ट्रीय काव्यधारा से ओत-प्रोत 'प्रयाण गीत' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- जयशंकर प्रसाद जी का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी के काव्य में नवजागरण की मुख्य भूमिका रही है। तथ्यपूर्ण उत्तर दीजिए।
- अध्याय - 9 सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'निराला ओज और सौन्दर्य के कवि हैं। इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य-भाषा पर एक निबन्ध लिखिए। यथोचित उदाहरण भी दीजिए।
- प्रश्न- निराला के जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में अभिव्यक्त वैयक्तिकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में प्रकृति का किन-किन रूपों में चित्रण हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निराला के साहित्यिक जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला की सांस्कृतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला की विद्रोहधर्मिता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि निराला जी की 'भारती जय-विजय करे' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 10 माखनलाल चतुर्वेदी
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में राष्ट्रीय चेतना लक्षित होती है।" इस कथन की सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- 'माखनलाल जी' की साहित्यिक साधना पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य रचना का महत्व किस प्रकार प्रकट किया?
- प्रश्न- साहित्य पत्रकारिता में माखन लाल चतुर्वेदी का क्या स्थान है
- प्रश्न- 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित 'जवानी' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 11 सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रश्न- कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुभद्रा कुमारी चौहान किस कविता के माध्यम से क्रान्ति का स्मरण दिलाती हैं?
- प्रश्न- 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- 'झाँसी की रानी' गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 12 बालकृष्ण शर्मा नवीन
- प्रश्न- पं. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी की राष्ट्रीय चेतना / भावना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विप्लव गायन' गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- नवीन जी के 'हिन्दुस्तान हमारा है' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' स्वाधीनता के पुजारी हैं। इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 13 रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रश्न- दिनकर जी राष्ट्रीय चेतना और जनजागरण के कवि हैं। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- 'दिनकर' के काव्य के कला पक्ष का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
- प्रश्न- दिनकर जी द्वारा विदेशों में किए गए भ्रमण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की काव्यधारा का क्रमिक विकास बताइए।
- प्रश्न- शहीद स्तवन (कलम आज उनकी जयबोल) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की 'हिमालय' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 14 श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
- प्रश्न- कवि श्यामलाल गुप्त का जीवन परिचय एवं राष्ट्र चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- झण्डा गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- पार्षद जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल होने के कारण क्या-क्या कष्ट सहन किये।
- प्रश्न- श्यामलाल गुप्त पार्षद के हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए क्या सम्मान मिला?
- अध्याय - 15 श्यामनारायण पाण्डेय
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डे के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय ने राष्ट्रीय चेतना का संचार किस प्रकार किया?
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित 'चेतक की वीरता' कविता का सार लिखिए।
- प्रश्न- 'राणा की तलवार' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 16 द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी
- प्रश्न- प्रसिद्ध बाल कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'उठो धरा के अमर सपूतों' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- वीर तुम बढ़े चलो गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 17 गोपालप्रसाद व्यास
- प्रश्न- कवि गोपालप्रसाद 'व्यास' का एक राष्ट्रीय कवि के रूप में परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि गोपाल प्रसाद व्यास किस भाषा के मर्मज्ञ माने जाते थे?
- प्रश्न- गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित खूनी हस्ताक्षर कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- "शहीदों में तू अपना नाम लिखा ले रे" कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 18 सोहनलाल द्विवेदी
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन और साहित्य क्या था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी के काव्य में समाहित राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- 'तुम्हें नमन' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने महात्मा गाँधी को अपने काव्य में क्या स्थान दिया है?
- प्रश्न- सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएँ राष्ट्रीय जागरण का पर्याय हैं। स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 19 अटल बिहारी वाजपेयी
- प्रश्न- कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अटल बिहारी वाजपेयी के कवि रूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अटल जी का काव्य जन सापेक्ष है। सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- अटल जी की रचनाओं में भारतीयता का स्वर मुखरित हुआ है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कदम मिलाकर चलना होगा कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- उनकी याद करें कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 20 डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निशंक जी के साहित्य के विषय में अन्य विद्वानों के मतों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हम भारतवासी कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- मातृवन्दना कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 21 कवि प्रदीप
- प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप की साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप किस विचारधारा के पक्षधर थे?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत का आधार क्या था?
- प्रश्न- गीतकार और गायक के रूप में कवि प्रदीप की लोकप्रियता कब हुई?
- प्रश्न- स्वतन्त्रता आन्दोलन में कवि प्रदीप की क्या भूमिका रही?
- अध्याय - 22 साहिर लुधियानवी
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी का साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'यह देश है वीर जवानों का' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी के गीतों में किन सामाजिक समस्याओं को उठाया गया है?
- अध्याय - 23 प्रेम धवन
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के गीत देशभक्ति से ओतप्रोत हैं। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'छोड़ों कल की बातें' गीत किस फिल्म से लिया गया है? कवि ने इसमें क्या कहना चाहा है?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे प्यारे वतन' गीत किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
- अध्याय - 24 कैफ़ी आज़मी
- प्रश्न- गीतकार कैफी आज़मी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया।" इस पंक्ति का क्या भाव है?
- प्रश्न- "कर चले हम फिदा जानोतन साथियों" गीत का प्रतिपाद्य / सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- सैनिक अपनी मातृभूमि के प्रति क्या भाव रखता है?
- अध्याय - 25 राजेन्द्र कृष्ण
- प्रश्न- गीतकार राजेन्द्र कृष्ण के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा' गीत का मूल भाव क्या है?
- अध्याय - 26 गुलशन बावरा
- प्रश्न- गीतकार गुलशन बावरा के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'मेरे देश की धरती सोना उगले गीत का प्रतिपाद्य लिखिए। '
- अध्याय - 27 इन्दीवर
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर के जीवन और फिल्मी कैरियर का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत का मुख्य भाव क्या है?
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर ने किन प्रमुख फिल्मों में गीत लिखे?
- अध्याय - 28 प्रसून जोशी
- प्रश्न- गीतकार प्रसून जोशी के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में गीतकार प्रसून जोशी ने क्या चित्रण किया है?
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में कवि ने इश्क का रंग कैसा बताया है?