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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2782
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।

उत्तर -

सांगानेरी छपाई राजस्थान की प्रमुख छपाई है। राजस्थान को रंगाई तथा छपाई का घर माना जाता है, यहाँ की रंगाई, छपाई तथा कढ़ाई विश्व तथा भर में प्रसिद्ध है। राजस्थान की रंगाई तथा छपाई से निर्मित वस्त्र अपने अनुपम सौन्दर्य के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान में सांगानेर एक स्थान का नाम है, जो जयपुर के पास में बसा हुआ है। इस स्थान पर जो छपाई होती है, उसे सांगानेरी छपाई कहा जाता है।

सांगानेरी छपाई - यह राजस्थान की अद्वितीय कलाकृति है। सांगानेरी छपाई में मुख्य रूप से पशु, पक्षियों, फूल, पतियों तथा ज्यामितीय नमूने बनाये जाते हैं। इस छपाई में लकड़ी के ठप्पे का प्रयोग नमूने बनाने के लिए किया जाता है। इस छपाई के द्वारा बने हुए वस्त्र अत्यन्त सुन्दर तथा आकर्षक दिखाई देते हैं। सांगानेरी छपाई में सफेद तथा क्रीम रंग के वस्त्रों का प्रयोग किया जाता है। इस छपाई में प्रयोग होने वाले ठप्पे (Block) को परम्परागत विधि से तैयार किया जाता है। इन लकड़ी के ठप्पों में ही पशु-पक्षियों, फूल-पत्तियों के नमूने खुदे रहते हैं। इस छपाई में इन ठप्पों के द्वारा ही प्राकृतिक रंगों के द्वारा छपाई का कार्य किया जाता है। अब इस छपाई में संश्लेषित रंगों का प्रयोग भी किया जाने लगा है तथा अब स्क्रीन प्रिंटिंग के माध्यम से भी छपाई का कार्य किया जाने लगा है। इस छपाई के द्वारा अद्भुत नमूने तैयार किया जाते हैं। इस छपाई के द्वारा सुन्दर-सुन्दर रंग संयोजन से अनोखे नमूने तैयार किए जाते हैं। आज सागांनेरी छपाई की बाजार में माँग को देखते हुए हरे, नारंगी, पीले, बैगनी, गुलाबी, हरा रंग, तथा सुनहरे रंगों के मेल से वस्त्रों पर अत्यन्त मनभावन, आकर्षक तथा सुन्दरं छपाई की जाती है।

सांगानेरी छपाई का इतिहास - इस छपाई का इतिहास अत्यन्त ही पुराना है। सांगानेरी छपाई 16वीं तथा 17वीं शताब्दी से ही पूरे यूरोपीय देशों में निर्यात किए जाते थे। भारत में 'ईस्ट इण्डियाँ कम्पनी के द्वारा इन वस्त्रों का थोक में विदेशों में व्यापार किया जाता था। सांगानेर में वर्तमान में 150 से भी ज्यादा इस छपाई की इकाई है तथा इन इकाई में 20,000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं। इस कला को आगे बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है।

सांगानेरी छपाई - पूर्व में इस छपाई के अन्तर्गत सफेद तथा हल्के रंग की पृष्ठभूमि का प्रयोग किया जाता था। इस छपाई में परम्परागत रूप से पशु-पक्षियों, फूल-पत्तियों तथा ज्यामितीय नमूनों का प्रयोग किया जाता है। इन नमूनों में सूरजमुखी का फूल तथा गुलाब के फूलों वाले नमूनों को अत्यन्त ही पसन्द किया जाता है। परम्परागत सांगानेरी छपाई के अन्तर्गत जन-समूह वाले नमूनों को थी छापा जाता है। देवी देवताओं के चित्र वाले नमूनों को भी इस छपाई में प्रयोग किया जाता है। सागांनेरी छपाई में कैलिको छपाई का भी प्रयोग किया जाता है। इस छपाई के द्वारा बने हुए वस्त्रों में घाघरा तथा लहंगा चोली पूरे राजस्थान में अत्यन्त ही प्रसिद्ध है। इसे बहुत ही सुन्दर तरीके से तैयार किया जाता हैं। इन वस्त्रों में कढ़ाई करके इन वस्त्रों के सौन्दर्य को और भी बढ़ा दिया जाता हैं। सांगानेरी छपाई से बने हुए वस्त्रों की मांग फैशन की दुनिया में भी खूब होती है।

सांगानेरी छपाई में प्रयुक्त लकड़ी के ठप्पे - इस छपाई में मुख्य रूप से परम्परागत लकड़ी के ठप्पों का प्रयोग किया जाता है। इस ठप्पे को बनाने के लिए सागवान की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है इसको छापा कहा जाता है। इन लकड़ी के ठप्पों को विभिन्न आकारों में तैयार किया जाता है। इन लकड़ी के ठप्पों में नमूने को खोदकर तैयार किया जाता है। इन लकड़ी के ठप्पों के द्वारा ही सावधानीपूर्वक वस्त्रों पर नमूनों को अंकित किया जाता है। इस विधि से छापने का कार्य अनुभवी व्यक्ति के द्वारा किया जाता है ताकि वस्त्र पर नमूना अच्छे से आए तथा वस्त्र पर रंग ना फैले। इस छपाई में प्रयोग होने वाले लकड़ी के ठप्पों को बनाने के लिए सर्वप्रथम सागवान की लकड़ी को 10-15 दिन तक तेल में डुबोकर रखा जाता है इससे इस लकड़ी के दाने मुलायम हो जाते हैं तथा इसके बाद ही इसमें नमूनों की खुदाई का कार्य किया जाता है। लकड़ी के ठप्पे बन जाने के बाद इससे छपाई का कार्य किया जाता है।

छपाई की विधि - इस विधि के द्वारा छपाई में सूती वस्त्रों का प्रयोग किया जाता है। सर्वप्रथम सूती वस्त्रों को पानी में भिगोकर 6-8 घण्टे के लिए छोड़ दिया जाता है। जिसके द्वारा कपड़े का पूरा मांड बाहर निकल जाता हैं, इसके पश्चात् कपड़े को ब्लीच किया जाता है तथा ब्लीच के बाद कपड़े को सुखाया जाता है तथा कपड़ा छपाई के लिए तैयार हो जाता है। कपड़े पर छपाई के लिए सर्वप्रथम कपड़े को मेज पर फैला दिया जाता है फिर लकड़ी के ठप्पे को गेरू को में डुबाकर फिर वस्त्र पर रंग के द्वारा छपाई का कार्य सम्पन्न किया जाता है। गेरू के द्वारा वस्त्र पर मनचाहे रंगों से रंगा जा सकता है। गेरू बनाने के लिए भूरी व पीली मिट्टी को जल में मिलाकर तैयार किया जाता है। गेरू छपाई में एक अवरोधक के तरीके से कार्य करता हैतथा रंग उसमें अन्दर प्रवेश होने से रोकता है। छपाई का कार्य करते समय नमूने पहले बाहर की तरफ छापे जाते हैं तथा इसके बाद अन्दर की तरफ नमूनों को छापा जाता है।

सांगानेरी छपाई में दो - रूखी शैली (Dou-Rukhi Style) का प्रयोग किया जाता है इसमें वस्त्र के दोनों तरफ नमूने को छापा जाता है। इसकी यह शैली अपनी सुन्दरता के लिए विश्वभर में विख्यात है।

इस छपाई में रंगों का प्रयोग हल्के से गहरे रंगों की ओर किया जाता है जैसे अगर वस्त्र को पीला, लाल या काले रंग में रंगना है तो पहले वस्त्र को पीले रंग में रंगना होगा। इसके बाद लाल रंग में तथा सबसे बाद में काले रंग में रंगा जाएगा तथा इसको छाया में सुखाया जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- विभिन्न प्रकार की बुनाइयों को विस्तार से समझाइए।
  2. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 1. स्वीवेल बुनाई, 2. लीनो बुनाई।
  3. प्रश्न- वस्त्रों पर परिसज्जा एवं परिष्कृति से आप क्या समझती हैं? वस्त्रों पर परिसज्जा देना क्यों अनिवार्य है?
  4. प्रश्न- वस्त्रों पर परिष्कृति एवं परिसज्जा देने के ध्येय क्या हैं?
  5. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (1) मरसीकरण (Mercercizing) (2) जल भेद्य (Water Proofing) (3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing) (4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
  6. प्रश्न- परिसज्जा-विधियों की जानकारी से क्या लाभ है?
  7. प्रश्न- विरंजन या ब्लीचिंग को विस्तापूर्वक समझाइये।
  8. प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabrics) का वर्गीकरण कीजिए।
  9. प्रश्न- कैलेण्डरिंग एवं टेण्टरिंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
  10. प्रश्न- सिंजिइंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- साइजिंग को समझाइये।
  12. प्रश्न- नेपिंग या रोयें उठाना पर टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - i सेनफोराइजिंग व नक्काशी करना।
  14. प्रश्न- रसॉयल रिलीज फिनिश का सामान्य परिचय दीजिए।
  15. प्रश्न- परिसज्जा के आधार पर कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- कार्य के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
  17. प्रश्न- स्थायित्व के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
  18. प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabric) किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
  19. प्रश्न- स्काउअरिंग (Scouring) या स्वच्छ करना क्या होता है? संक्षिप्त में समझाइए |
  20. प्रश्न- कार्यात्मक परिसज्जा (Functional Finishes) किससे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
  21. प्रश्न- रंगाई से आप क्या समझतीं हैं? रंगों के प्राकृतिक वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए एवं विभिन्न तन्तुओं हेतु उनकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- वस्त्रोद्योग में रंगाई का क्या महत्व है? रंगों की प्राप्ति के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  23. प्रश्न- रंगने की विभिन्न प्रावस्थाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कपड़ों की घरेलू रंगाई की विधि की व्याख्या करें।
  25. प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा रंगों द्वारा कैसे की जाती है? बांधकर रंगाई विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- बाटिक रंगने की कौन-सी विधि है। इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
  27. प्रश्न- वस्त्र रंगाई की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? विस्तार से समझाइए।
  28. प्रश्न- वस्त्रों की रंगाई के समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  29. प्रश्न- डाइरेक्ट रंग क्या हैं?
  30. प्रश्न- एजोइक रंग से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- रंगाई के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? संक्षिप्त में इसका वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dye) के लाभ तथा हानियाँ क्या-क्या होती हैं?
  33. प्रश्न- प्राकृतिक रंग (Natural Dyes) किसे कहते हैं?
  34. प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dyes) के क्या-क्या उपयोग होते हैं?
  35. प्रश्न- छपाई की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- इंकजेट (Inkjet) और डिजिटल (Digital) प्रिंटिंग क्या होती है? विस्तार से समझाइए?
  37. प्रश्न- डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) के क्या-क्या लाभ होते हैं?
  38. प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
  39. प्रश्न- स्क्रीन प्रिटिंग के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्टेन्सिल छपाई का क्या आशय है। स्टेन्सिल छपाई के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक रंगाई प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में बताइए।
  42. प्रश्न- ट्रांसफर प्रिंटिंग किसे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक छपाई (Polychromatic Printing) क्या होती है? संक्षिप्त में समझाइए।
  44. प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  46. प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
  47. प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  48. प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
  49. प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
  50. प्रश्न- कसूती कढ़ाई का विस्तृत रूप से उल्लेख करिए।
  51. प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।
  52. प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
  53. प्रश्न- मधुबनी चित्रकारी के प्रकार, इतिहास तथा इसकी विशेषताओं के बारे में बताईए।
  54. प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- जरदोजी कढ़ाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  56. प्रश्न- इकत शब्द का अर्थ, प्रकार तथा उपयोगिता बताइए।
  57. प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- बगरू (Bagru) छपाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  59. प्रश्न- कश्मीरी कालीन का संक्षिप्त रूप से परिचय दीजिए।
  60. प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
  63. प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
  64. प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
  65. प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए |
  66. प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- पटोला वस्त्रों का निर्माण भारत के किन प्रदेशों में किया जाता है? पटोला वस्त्र निर्माण की तकनीक समझाइए।
  68. प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
  69. प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  70. प्रश्न- पुरुषों के वस्त्र खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगी? विस्तार से समझाइए।
  71. प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- फैशन के आधार पर वस्त्रों के चुनाव को समझाइये।
  73. प्रश्न- परदे, ड्रेपरी एवं अपहोल्स्ट्री के वस्त्र चयन को बताइए।
  74. प्रश्न- वस्त्र निर्माण में काम आने वाले रेशों का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  75. प्रश्न- रेडीमेड (Readymade) कपड़ों के चुनाव में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  76. प्रश्न- अपहोल्सटरी के वस्त्रों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  77. प्रश्न- गृहोपयोगी लिनन (Household linen) का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है?
  78. प्रश्न- व्यवसाय के आधार पर वस्त्रों के चयन को स्पष्ट कीजिए।
  79. प्रश्न- सूती वस्त्र गर्मी के मौसम के लिए सबसे उपयुक्त क्यों होते हैं? व्याख्या कीजिए।
  80. प्रश्न- अवसर के अनुकूल वस्त्रों का चयन किस प्रकार करते हैं?
  81. प्रश्न- मौसम के अनुसार वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करते हैं?
  82. प्रश्न- वस्त्रों का प्रयोजन ही वस्त्र चुनाव का आधार है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- बच्चों हेतु वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करेंगी?
  84. प्रश्न- गृह उपयोगी वस्त्रों के चुनाव में ध्यान रखने योग्य बातें बताइए।
  85. प्रश्न- फैशन एवं बजट किस प्रकार वस्त्रों के चयन को प्रभावित करते हैं? समझाइये |
  86. प्रश्न- लिनन को पहचानने के लिए किन्ही दो परीक्षणों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- ड्रेपरी के कपड़े का चुनाव कैसे करेंगे? इसका चुनाव करते समय किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है?
  88. प्रश्न- वस्त्रों की सुरक्षा एवं उनके रख-रखाव के बारे में विस्तार से वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- वस्त्रों की धुलाई के सामान्य सिद्धान्त लिखिए। विभिन्न वस्त्रों को धोने की विधियाँ भी लिखिए।
  90. प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।
  91. प्रश्न- निम्नलिखित दागों को आप किस प्रकार छुड़ायेंगी - पान, जंग, चाय के दाग, हल्दी का दाग, स्याही का दाग, चीनी के धब्बे, कीचड़ के दाग आदि।
  92. प्रश्न- ड्राई धुलाई से आप क्या समझते हैं? गीली तथा शुष्क धुलाई में अन्तर बताइये।
  93. प्रश्न- वस्त्रों को किस प्रकार से संचयित किया जाता है, विस्तार से समझाइए।
  94. प्रश्न- वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ हैं?
  95. प्रश्न- धुलाई की कितनी विधियाँ होती है?
  96. प्रश्न- चिकनाई दूर करने वाले पदार्थों की क्रिया विधि बताइये।
  97. प्रश्न- शुष्क धुलाई के लाभ व हानियाँ लिखिए।
  98. प्रश्न- शुष्क धुलाई में प्रयुक्त सामग्री व इसकी प्रयोग विधि को संक्षेप में समझाइये?
  99. प्रश्न- धुलाई में प्रयुक्त होने वाले सहायक रिएजेन्ट के नाम लिखिये।
  100. प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचित करने का क्या महत्व है?
  101. प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचयित करने की विधि बताए।

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