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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।

उत्तर -

भौगोलिक सूचना तंत्र आँकड़े में डाले जाते हैं। यदि भौगोलिक सूचना प्रणाली उन आँकड़ों की संरचना को स्वीकृत करती है, जो हमेशा उपयोग होते हैं, तो उपयोगकर्त्ता को सुविधा होती है। किन्तु कम्प्यूटर प्रोग्राम आँकड़ों को इसी संरचना के आधार पर प्रदर्शित करता है। अन्तिम रूप से आँकड़े मैग्नेटिक उपकरण में लिखे एवं संग्रहीत किये जाते हैं। विभिन्न आँकड़ों की पहचान के लिए इन्हें अलग-अलग नाम, पता या संकेत दिया जाता है। इन्हें हम निम्नलिखित चरणों में प्रदर्शित कर सकते हैं-

(1) बिन्दु, रेखा और क्षेत्र - सभी भौगोलिक आँकड़ों को तीन आधारभूत टोपोलॉजिकल सिद्धान्तों में विभाजित किया जा सकता है, बिन्दु, रेखा एवं क्षेत्र। प्रत्येक भौगोलिक आकृति सिद्धान्ततः बिन्दु, रेखा एवं क्षेत्र में लेबिल सहित प्रदर्शित की जा सकती है। तेल कुँआ को एक बिन्दु द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है, जिसके निर्देशांक x-y एक ही होंगे एवं तेल कुआँ लेबिल होगा रेलवे लाइन एक रेखा के रूप में प्रदर्शित होगी, जिसमें प्रारम्भ x-y निर्देशांक एवं अन्तिम x-y निर्देशांक होंगे एवं रेलवे लाइन लेबिल होगा। बाढ़ को क्षेत्र के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है, जिसमें x-y निर्देशांक के समूह सम्मिलित होंगे एवं बाढ़ क्षेत्र द्वारा लेबिल किया जायेगा।

किसी भी आँकड़ा संग्रहण प्रणाली का आवश्यक गुण यह है कि वह आँकड़ा प्राप्ति और सन्दर्भों की जांच शीघ्रता से कर सके जिसके लिए विभिन्न तरीके हैं। कुछ की कार्यक्षमता ज्यादा होती है, किन्तु ऐसी कोई विधि उपलब्ध नहीं है, जो सभी परिस्थितियों में उपयुक्त हो। प्रभावशाली डाटाबेस प्रबन्धन में काफी धन और श्रम लगता है। कम्प्यूटर प्रोग्राम, आँकड़ा निवेश नियन्त्रण, निर्गम, संग्रहण एवं पुनः प्राप्ति डिजिटल डाटाबेस के रूप में होता है।

(2) डाटाबेस - जी.आई.एस. के लिए आँकड़े ही कच्चा माल हैं, जिनके द्वारा भू सूचना प्रणाली तैयार होती है। ये आँकड़े फाइलों या रिकार्ड के रूप में एकत्र होते हैं। डाटाबेस आँकड़ों का संग्रह है, जो विभिन्न उपयोगकर्त्ताओं द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं। डाटाबेस इस तरह व्यवस्थित किये जाते हैं जिससे इनकी पुन: प्राप्ति में परेशानी कम से कम हो।

(i) डाटाबेस संरचना - डाटाबेस में आँकड़े कई फाइलों में इस तरह से व्यवस्थित होते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सरलता से प्राप्त किया जा सके। इसके लिए आवश्यक है विशेष प्रकार की संरचना या व्यवस्था की मुख्य रूप से डाटाबेस संरचनाएँ तीन प्रकार की होती हैं: पदानुक्रमिक (Hierarchical), नेटवर्क आधारित (Network based) एवं सम्बन्धपरक (Relational )।

(3) पदानुक्रमिक आँकड़ा संरचना - जब आँकड़ों में पिता / पुत्र या इसी प्रकार से एक से अधिक सम्बन्ध हों तो इसे पदानुक्रमिक आँकड़ा संरचना कहते हैं, जैसे मिट्टी की विभिन्न श्रेणियाँ। इस प्रकार किसी क्षेत्र विशेष के अन्दर पदानुक्रमिक आँकड़ा संरचना द्वारा शीघ्र एवं सुगमता से आँकड़े प्राप्त किये जा सकते हैं।

पदानुक्रमिक प्रणाली में प्रत्येक हिस्से में पहुँचने हेतु एक कुंजी का उपयोग किया जाता है, जो आँकड़ा संरचना के बारे में पूरी जानकारी देती है।

पदानुक्रमिक प्रणाली के फायदे इस प्रकार हैं- इसे आसानी से समझा जा सकता है और सरलता से परिवर्तित किया जा सकता है एवं विस्तार किया जा सकता है। यदि वांछित जानकारी का मूल विषय पहले से ज्ञात हो, तब आँकड़ा प्राप्ति हेतु पदानुक्रमिक प्रणाली बहुत अच्छी हैं।

सामान्यतः ग्रन्थ सूची, बैंक या एयरलाइन में आँकड़ा प्राप्ति हेतु पदानुक्रमिक प्रणाली का ही उपयोग किया जाता है।

पदानुक्रमिक डाटाबेस संरचना की एक समस्या बड़ी फाइल को सम्भालना है। इसमें कुछ लक्षणों की कई बार पुनरावृत्ति होती है, जिससे आँकड़ों की मात्रा बढ़ती जाती है, जिससे आँकड़ा संग्रह भी बढ़ता है और लागत भी।

(4) नेटवर्क आधारित प्रणाली - पदानुक्रमिक आँकड़ा प्रणाली वाले डाटाबेस में इधर-उधर आँकड़े खोजने पड़ते हैं। यह खोज ऊपर दिए गए आँकड़ों से होकर नीचे तक आती है। बहुत से मामलों में आँकड़ों में परस्पर और ज्यादा सम्बन्ध की आवश्यकता होती है, विशेषकर ग्राफिक गुणों वाले आँकड़ों में, जिनमें आसपास के सभी होता है। नेटवर्क प्रणाली इन सभी समस्याओं को दूर करती हैं।

(5) सम्बन्धपरक डाटाबेस संरचना - सम्बन्धपरक डाटाबेस संरचना बहुत ही सरल है। न तो इसमें कुँजी दिखाने वाली जानकारी की और

विषय आपस में सम्बन्ध रखते हैं। हालांकि उनके निर्देशांक डाटाबेस में रखना मुश्किल काम न ही पदानुक्रम की आवश्यकता होती है।

आँकड़े साधारण रिकार्ड के रूप में संग्रहीत होते हैं, जिसे ट्पल (Tuples) कहते हैं। इन समूहों में क्रम से विभिन्न लक्षणों के मान सारणियों में संग्रहीत होते हैं। प्रत्येक सारणी या सम्बन्ध की सामान्यतः अलग फाइल होती है। नेटवर्क मॉडल में दृश्य संरचना एवं पदानुक्रमिक मॉडल में कुंजी की परेशानी को इसमें दूर किया गया है पहचान कोड के रूप में एकल कुंजी द्वारा फाइल के सभी रिकार्ड पहचाने जाते हैं।

एक विधि के द्वारा आँकड़े सम्बन्ध डाटाबेस से प्राप्त किये जाते हैं, जिसमें उपयोगकर्त्ता सम्बन्ध परिभाषित करते हैं। यह आवश्यक नहीं कि यह सम्बन्ध, फाइल में पहले से हो, इसलिए नियन्त्रण प्रोग्राम का उपयोग करके बीजगणित लगाकर नई सम्बन्ध सारणी बनाई जाती है।

सम्बन्ध डाटाबेस के बहुत फायदे हैं इसमें बुलियन तार्किक एवं गणितीय संक्रिया द्वारा सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया जा सकता है।

इन मॉडलों में विभिन्न आँकड़ों की खोज एवं तुलना की जा सकती है और उन्हें मिश्रित भी किया जा सकता है। इसमें आँकड़े जोड़ना एवं हटाना अत्यन्त सरल है, क्योंकि इसमें ट्पल को मिटाना या जोड़ना भर होता है। इसका एक नुकसान यह है कि इसमें बहुत सी खोजें श्रेणीक्रम में करनी होती हैं: जिसमें बहुत सारे आँकड़ों में से वांछित आँकड़े खोजने में बहुत समय लगता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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