बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 भूगोल बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- दक्षिणी भारत की नदियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
दक्षिणी भारत की नदियों का वर्णन निम्न प्रकार किया जा सकता है-
दक्षिण भारत में अनेक छोटी-बड़ी नदियाँ पायी जाती हैं। इनमें अधिकांश बंगाल की खाड़ी में, कुछ अरब सागर में और कुछ उत्तर प्रदेश की ओर बहती हुई गंगा नदी प्रणाली में गिरती हैं। कुछ नदियाँ अरावली तथा मध्य प्रदेश के पहाड़ी भागों से निकलकर कच्छ के रन अथवा खम्भात की खाड़ी में गिरती हैं।
गोदावरी - यह नदी दक्षिण पठार की सबसे बड़ी नदी है जो पश्चिमी घाट में महाराष्ट्र राज्य में नासिक से दक्षिण-पश्चिम की ओर किलोमीटर दूर त्र्यंबक गाँव से 1,067 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। बेनगंगा, मंजरा और पैनगंगा के कारण गोदावरी में जल की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है।
महानदी - यह नंदी मध्य प्रदेश के रायपुर जिले में सिहावा के निकट से 42 मीटर की ऊँचाई से निकलती है और दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है। यह नदी मध्य प्रदेश के आधे भाग और आन्ध्र प्रदेश के कुछ भाग का जल लेकर लगभग 858 किलोमीटर बहकर उड़ीसा में बड़ा डेल्टा बनाती है। डेल्टा के पास ही बायीं ओर से ब्राह्मणी नदी आ मिलती है। यह नदी कोयल और साख नदियों से मिलकर बनी है जो बोनाई, तलचर और बालासोर जिले में होकर बहती है तथा आगे चलकर वैतरणी नदी से मिल जाती है। वैतरणी और ब्राह्मणी दोनों नदियाँ संयुक्त होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
कृष्णा - यह महाबलेश्वर के पास पश्चिमी घाट से 1,337 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। ऊँचे पठार को पीछे छोड़कर कृष्णा शोलापुर और रायचूर के दोआब में पहुँचती है। यह दोआब तुंगभद्रा ने कृष्णा से मिलकर बनाया है। तुंगभद्रा में उत्तरी मैसूर, बलारी और कर्नूल जिले का जल आता है। कृष्णा की मुख्य सहायक नदियाँ कोरना, येरला, वरणा, पंचगंगा,
दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगभद्रा और मूसी हैं।
कावेरी - कावेरी नदी दुर्ग जिले में 1,341 मीटर की ऊँचाई से निकलती है और दक्षिण पूर्व की ओर कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में होकर बहती है। यह नदी 805 किलोमीटर लम्बी है। इसका अपवाह क्षेत्र 80,290 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कर्नाटक में इसके किनारों पर उपजाऊ भूमि है। इसलिए इसके अपवाह को रोकने के लिए कई स्थानों पर बाँध बनाये गये हैं। कावेरी भी दक्षिणी गंगा कहलाती है।
तुंगभद्रा - यह तुंगा और भद्रा नदियों के मिलने से बनी है। तुंगा कर्नाटक में पश्चिमी घाट की गंगामूल चोटी (1,200 मीटर) के नीचे से निकलती है और पास ही काडूर जिले से भद्रा निकलती है। शिमोगा जिले में कुदाली में दोनों का संगम है। तुंगभद्रा योजना के बन जाने से सिंचाई का क्षेत्र और अधिक बढ़ गया है। इसके अपवाह क्षेत्र का क्षेत्रफल 69,562 वर्ग किलोमीटर है।
माही - नर्मदा तथा तापी के बाद यह गुजरात की तीसरी बड़ी नदी है। यह विन्ध्याचल के पश्चिमी भाग से समुद्रतल से 545 मीटर की ऊँचाई पर अमझरा में मेहद झील से निकलती है। 225 किलोमीटर के बाद बागड़ की पहाड़ियाँ इसे पश्चिम की ओर मोड़ देती हैं। 40 किलोमीटर के बाद फिर इसे मेवाड़ की पहाड़ियाँ दक्षिण-पश्चिम की ओर मोड़ देती हैं। इसी दिशा में बहकर यह खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
नर्मदा - अमरकंटक से 1,057 मीटर की ऊँचाई से निकल कर नर्मदा एक तंग, गहरी और सीधी घाटी में पश्चिम की ओर बहती है। यह भड़ौंच के निकट अरब सागर में गिरती है। जबलपुर के नीचे भेड़ाघाट की संगमरमर की चट्टानों और कपिलधारा (धुँआधार) प्रपात का दृश्य बड़ा मनोहर है जहाँ 23. मीटर ऊँचाई से जल गिरता है। नर्मदा का उत्तरी भाग नाव चलाने और सिंचाई करने के लिए अनुकूल नहीं है। गंगा की भाँति नर्मदा नदी भी पवित्र मानी जाती है।
ताप्ती या तापी - ताप्ती या तापी नदी मध्य प्रदेश के बेतूल जिले में मुल्ताई (मूल - ताप्ती) नगर से पास से 762 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। ताप्ती नदी की घाटी सतपुड़ा के दक्षिण में है। यह मध्य प्रदेश का जल लेकर 724 किलोमीटर बहने के बाद खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
|
- प्रश्न- प्रादेशिक भूगोल में प्रदेश (Region) की संकल्पना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रदेशों के प्रकार का विस्तृत वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रदेश को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रदेश को परिभाषित कीजिए एवं उसके दो प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक प्रदेश से क्या आशय है?
- प्रश्न- सामान्य एवं विशिष्ट प्रदेश से क्या आशय है?
- प्रश्न- क्षेत्रीयकरण को समझाते हुए इसके मुख्य आधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीयकरण के जलवायु सम्बन्धी आधार कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीयकरण के कृषि जलवायु आधार कौन से हैं? इन आधारों पर क्षेत्रीयकरण की किसी एक योजना का भारत के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के क्षेत्रीयकरण से सम्बन्धित मेकफारलेन एवं डडले स्टाम्प के दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- क्षेत्रीयकरण के भू-राजनीति आधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- डॉ० काजी सैयदउद्दीन अहमद का क्षेत्रीयकरण दृष्टिकोण क्या था?
- प्रश्न- प्रो० स्पेट के क्षेत्रीयकरण दृष्टिकोण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के क्षेत्रीयकरण से सम्बन्धित पूर्व दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- प्रादेशिक नियोजन से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य भी बताइए।
- प्रश्न- प्रादेशिक नियोजन की आवश्यकता क्यों है? तर्क सहित समझाइए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में नियोजन पद्धतियों पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- नियोजन तथा आर्थिक नियोजन से आपका क्या आशय है?
- प्रश्न- प्रादेशिक नियोजन में भूगोल की भूमिका पर एक निबन्ध लिखो।
- प्रश्न- हिमालय पर्वतीय प्रदेश को कितने मेसो प्रदेशों में बांटा जा सकता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रायद्वीपीय उच्च भूमि प्रदेश का मेसो विभाजन प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय तट व द्वीपसमूह को किस प्रकार मेसो प्रदेशों में विभक्त किया जा सकता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "हिमालय की नदियाँ और हिमनद" पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- दक्षिणी भारत की नदियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूर्वी हिमालय प्रदेश का संसाधन प्रदेश के रूप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में गंगा के मध्यवर्ती मैदान भौगोलिक प्रदेश पर विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारत के उत्तरी विशाल मैदानों की उत्पत्ति, महत्व एवं स्थलाकृति पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- मध्य गंगा के मैदान के भौगोलिक प्रदेश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- छोटा नागपुर का पठार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रादेशिक दृष्टिकोण के संदर्भ में थार के मरुस्थल की उत्पत्ति, महत्व एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय दृष्टिकोण के महत्व से लद्दाख पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राजस्थान के मैदान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विकास की अवधारणा को समझाइये |
- प्रश्न- विकास के प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के स्वरूप को समझाइये |
- प्रश्न- सतत् विकास के क्षेत्र कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के महत्वपूर्ण सिद्धान्त एवं विशेषताओं पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- अल्प विकास की प्रकृति के विभिन्न दृष्टिकोण समझाइए।
- प्रश्न- अल्प विकास और अल्पविकसित से आपका क्या आशय है? गुण्डरफ्रैंक ने अल्पविकास के क्या कारण बनाए है?
- प्रश्न- विकास के विभिन्न दृष्टिकोणों पर संक्षेप में टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास के लक्ष्य कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- आधुनिकीकरण सिद्धान्त की आलोचना पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- अविकसितता का विकास से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विकास के आधुनिकीकरण के विभिन्न दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- डॉ० गुन्नार मिर्डल के अल्प विकास मॉडल पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- अल्प विकास मॉडल विकास ध्रुव सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए तथा प्रादेशिक नियोजन में इसकी सार्थकता को समझाइये।
- प्रश्न- गुन्नार मिर्डल के प्रतिक्षिप्त प्रभाव सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विकास विरोधी परिप्रेक्ष्य क्या है?
- प्रश्न- पेरौक्स के ध्रुव सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- गुन्नार मिर्डल के सिद्धान्त की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय विषमता की अवधारणा को समझाइये
- प्रश्न- विकास के संकेतकों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत में क्षेत्रीय असंतुलन की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय विषमता निवारण के उपाय क्या हो सकते हैं?
- प्रश्न- क्षेत्रीय विषमताओं के कारण बताइये। .
- प्रश्न- संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए कुछ सुझाव दीजिये।
- प्रश्न- क्षेत्रीय असंतुलन का मापन किस प्रकार किया जा सकता है?
- प्रश्न- क्षेत्रीय असमानता के सामाजिक संकेतक कौन से हैं?
- प्रश्न- क्षेत्रीय असंतुलन के क्या परिणाम हो सकते हैं?
- प्रश्न- आर्थिक अभिवृद्धि कार्यक्रमों में सतत विकास कैसे शामिल किया जा सकता है?
- प्रश्न- सतत जीविका से आप क्या समझते हैं? एक राष्ट्र इस लक्ष्य को कैसे प्राप्त कर सकता है? विस्तारपूर्वक समझाइये |
- प्रश्न- एक देश की प्रकृति के साथ सामंजस्य से जीने की चाह के मार्ग में कौन-सी समस्याएँ आती हैं?
- प्रश्न- सतत विकास के सामाजिक घटकों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सतत विकास के आर्थिक घटकों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के लिए यथास्थिति दृष्टिकोण के बारे में समझाइये |
- प्रश्न- सतत विकास के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- विकास और पर्यावरण के बीच क्या संबंध है?
- प्रश्न- सतत विकास के लिए सामुदायिक क्षमता निर्माण दृष्टिकोण के आयामों को समझाइये |
- प्रश्न- सतत आजीविका के लिए मानव विकास दृष्टिकोण पर संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सतत विकास के लिए हरित लेखा दृष्टिकोण का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- विकास का अर्थ स्पष्ट रूप से समझाइये |
- प्रश्न- स्थानीय नियोजन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में नियोजन के विभिन्न स्तर कौन से है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नियोजन के आधार एवं आयाम कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में क्षेत्रीय उद्देश्यों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में नियोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- भारत में नियोजन अनुभव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत में क्षेत्रीय नियोजन की विफलताओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नियोजन की चुनौतियां और आवश्यकताओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बहुस्तरीय नियोजन क्या है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पंचायती राज व्यवस्था के ग्रामीण जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ग्रामीण पुनर्निर्माण में ग्राम पंचायतों के योगदान की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- संविधान के 72वें संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में जो परिवर्तन किये गये हैं उनका उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- पंचायती राज की समस्याओं का विवेचन कीजिये। पंचायती राज संस्थाओं को सफल बनाने हेतु सुझाव भी दीजिये।
- प्रश्न- न्यूनतम आवश्यक उपागम की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- साझा न्यूनतम कार्यक्रम की विस्तारपूर्वक रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- भारत में अनुसूचित जनजातियों के विकास हेतु क्या उपाय किये गये हैं?
- प्रश्न- भारत में तीव्र नगरीयकरण के प्रतिरूप और समस्याओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पंचायती राज व्यवस्था की समस्याओं की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- प्राचीन व आधुनिक पंचायतों में क्या समानता और अन्तर है?
- प्रश्न- पंचायती राज संस्थाओं को सफल बनाने हेतु सुझाव दीजिये।
- प्रश्न- भारत में प्रादेशिक नियोजन के लिए न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम के सम्मिलित कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के नगरीय क्षेत्रों के प्रादेशिक नियोजन से आप क्या समझते हैं?