बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
स्वतन्त्र व्यापार एवं संरक्षण
(Free Trade and Protection)
प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार की अवधारणा का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर -
(Concept of Free Trade)
ऐसी व्यापार नीति जो विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं के विनिमय पर किसी प्रकार का प्रतिबन्ध नहीं लगाती, स्वतन्त्र व्यापार की नीति कही जाती है। एडम स्मिथ महोदय के अनुसार स्वतन्त्र व्यापार की नीति की अवधारणा का सम्बन्ध "एक ऐसी वाणिज्य नीति से है जो घरेलू और विदेशी वस्तुओं के मध्य किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती है तथा जो न तो घरेलू वस्तुओं को किसी प्रकार की विशेष छूट देती है और न विदेशी वस्तु पर कोई अतिरिक्त भार डालती है।' इस प्रकार स्वतन्त्र व्यापार नीति किसी कृत्रिम बाधा को उत्पन्न किये बिना वस्तुओं और सेवाओं के अन्तर्राष्ट्रीय प्रवाह को स्वीकृति प्रदान करती है। परन्तु हेबरलर मामूली सरकारी हस्तक्षेप को स्वतन्त्र नीति का उल्लंघन नहीं मानते हैं। उनके अनुसार, "स्वतन्त्र व्यापार उदारतावाद की बाह्य व्यापार प्रणाली है। किन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि एक ओर अप्रतिबन्धित व्यापार तथा दूसरी ओर बाजार की शक्तियों के स्वतन्त्र क्रियाकलाप पर निश्चित हस्तक्षेप जैसे श्रम बाजार में हस्तक्षेप, दोनों की साथ-साथ वकालत तर्कसंगत नहीं है।' जगदीश भगवती ने उस स्थिति को स्वतन्त्र व्यापार माना है, जिसमें किसी प्रकार का तटकर न हो, कोटे न निर्धारित किये गये हों, विनिमय प्रतिबन्ध न हों, उत्पादन पर आर्थिक सहायताओं की पद्धति न हो और न ही घटक प्रयोग तथा उपभोग पर किसी प्रकार की बंदिश हो।
फिर भी स्वतन्त्र व्यापार नीति के लिए यह आवश्यक नहीं है कि आयातों अथवा निर्यातों पर किसी प्रकार के प्रतिबन्ध न हो। स्वतन्त्र व्यापार के अन्तर्गत कर तो लगाये जाते हैं। किन्तु उनका अभिप्राय केवल आय प्राप्त करना होता है; संरक्षण देना या भेदभाव करना नहीं होता।
अठारहवीं एवं उन्नीसवीं शताब्दी में स्वतन्त्र व्यापार के पक्ष में दिये गये तर्क व्यक्तिवाद के दर्शन पर आधारित थे, जिसकी अभिव्यक्ति जॉनलाक, डेविड ह्यूम एवं एडम स्मिथ सरीखे विद्वानों के लेखों में पायी जाती है। एडम स्मिथ ने वणिकवादियों की व्यापारिक नीति का यह तर्क प्रस्तुत करते हुए कटु आलोचना की थी कि स्वतन्त्र व्यापार के कारण व्यापार में संलग्न राष्ट्र अपनी समृद्धि में वृद्धि करने में सफल होते हैं, क्योंकि स्वतन्त्र व्यापार के कारण श्रम विभाजन और विशिष्टीकरण सम्भव होता है और ये दोनों सम्मिलित होकर व्यापार से लाभ के द्वार खोलते है। स्मिथ ने कड़े परिश्रम के बाद यह दिखाया कि श्रम विभाजन द्वारा प्राप्त लाभ की सीमा बाजार के आकार का विस्तार करके राष्ट्रों को इस योग्य बनाता है कि वे श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण के लाभों का पूर्ण शोषण कर सके। स्मिथ महोदय ने स्वतन्त्र व्यापार के लाभों को अपने ख्याति प्राप्त गद्यांश में निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत किया है - "एक देश द्वारा किन्हीं निश्चित वस्तुओं के उत्पादन में उपलब्ध प्राकृतिक सुविधा कभी-कभी दूसरे देश के ऊपर इतनी अधिक होती है कि सम्पूर्ण विश्व द्वारा यह अनुभव किया जाता है कि उन वस्तुओं के उत्पादन के लिए संघर्ष करना व्यर्थ है। घासों, खाद देकर तैयार की गयी भूमि तथा कृत्रिम गर्म दीवारों के माध्यम से स्काटलैंड में बहुत अंगूर उगाया जा सकता है और इस अंगूर से बहुत अच्छी शराब, विदेशी शराब से करीब तीस गुना महंगी, बनायी जा सकती है। ऐसी स्थिति में क्या फ्रांस में बनी मदिरा का स्काटलैंड में केवल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए समस्त विदेशी मदिरा के आयात को कानून रोक देना तर्कसंगत होगा।
स्मिथ द्वारा इतनी दक्षतापूर्वक चर्चित स्वतंत्र व्यापार के लाभों को बाद में उनके योग्य अनुयायियों, जिनमें डेविड रिकार्डो, जान स्तुआर्ट मिल एवं बेस्टेबल का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है, ने और आगे बढ़ाया। फिर भी स्वतन्त्र व्यापार के सबसे प्रबल समर्थक डेविड रिकार्डो थे, जिन्होंने स्वतन्त्र व्यापार के कारण के समर्थक मुख्य यंत्र के रूप में तुलनात्मक लागत सिद्धान्त को विकसित किया। इस प्रकार स्वतन्त्र व्यापार के स्वर्णिम दिन लगभग एक शताब्दी तक रहे। किन्तु इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि उन्नीसवीं सदी में स्वतन्त्र व्यापार पर आकस्मिक छिट-पुट प्रहार नहीं हुए। वास्तव में जर्मनी नागरिक फ्रेडरिक लिस्ट ने स्मिथ को उनके पक्षपातों के लिए बुरा-भला कहा। किन्तु स्मिथ की लेखनी में इतनी जान थी कि लिस्ट उनका कुछ भी न बिगाड़ सके और स्वतन्त्र व्यापार नीति की कोई गंभीर हानि नहीं हुई। फिर भी 'तीसा की महामन्दी ने स्वतन्त्र व्यापार को जबरदस्त धक्का दिया। सभा राष्ट्रों के हितों की रक्षा करने वाले स्वतन्त्र व्यापार को लोगों ने संदेह की दृष्टि से देखना प्रारम्भ किया। अनेक अर्थशास्त्रियों ने स्वतन्त्र व्यापार की मान्यताओं के औचित्य की चुनौती दी। प्रतिष्ठित समुदाय में पले लार्ड कीन्स ने भी, अल्पविकसित देशों के विकास के लिए संरक्षण की वकालत करते हुए, प्रतिष्ठित सम्प्रदाय का साथ छोड़ दिया। महामन्दी के कारण विचारों में परिवर्तन हुआ। फिर भी अन्य भ्रान्तियों के मध्य व्यापार को नीति के रूप में अभी भी परित्याग नहीं किया गया है।
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- लागतों में अन्तर के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत सिद्धान्त अर्द्ध-विकसित देशों में लागू क्यों नहीं होता?
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- प्रश्न- मिल द्वारा प्रतिपादित अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों से क्या आशय है? व्यापार की शर्तों के प्रकार को समझाइये
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अर्द्धविकसित देशों की व्यापार की शर्तों के प्रतिकूल रहने के क्या कारण है? इनके सुधार हेतु सुझाव भी दीजिए।
- प्रश्न- अर्द्ध-विकसित देशों में व्यापार की शर्तों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- "व्यापार की शर्तें एवं आर्थिक विकास आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।" व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तें आर्थिक विकास को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
- प्रश्न- संरक्षण के लिए शिशु उद्योग तर्क का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों का महत्व समझाइये ।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- स्थिर अवसर लागत के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- स्थिर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कब लाभप्रद होता है?
- प्रश्न- बढ़ती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- घटती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- अवसर सिद्धान्त किन मायनों में परम्परागत तुलनात्मक लागत सिद्धान्त से श्रेष्ठ है?
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- प्रश्न- अल्पविकसित या विकासशील या गरीब देशों में संरक्षण व्यापार की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक ब्लॉक से क्या आशय है? इसके विकास का सिद्धान्त उद्देश्य तथा प्रकारों को समझाइये।
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- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के उद्देश्य तथा प्रकार बताइए।
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- प्रश्न- सीमा संघ के स्थैतिक तथा प्रावैगिक प्रभावों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- एसियान क्षेत्रों की प्रगति पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिक्स (BRICS) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- दक्षिण एशियाई अधिमान व्यापार ठहराव का क्या है? इसका औचित्य व प्रगति बताइये।
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- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन से क्या आशय है? भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- पूँजी खाता परिवर्तनशीलता क्या है? इसको लागू करने की पूर्व शर्तें क्या हैं?
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- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना तथा उद्देश्य बताइये।
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- प्रश्न- विश्व बैंक के कार्यों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
- प्रश्न- एशियन विकास बैंक की कार्यप्रणाली समझाइये ।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक के मुख्य उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
- प्रश्न- "विश्व बैंक की स्थापना अर्द्धविकसित देशों के लिये वरदान है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत तथा विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'तटकर एवं व्यापार समझौते' (गैट) पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार एवं प्रशुल्क पर हुए सामान्य समझौते (GATT) के प्रमुख उद्देश्य कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- गैट के मौलिक सिद्धान्त क्या थे?
- प्रश्न- गैट के प्रमुख कार्य बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाले सम्भावित लाभों एवं हानियों का विवेचन कीजिए।
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- प्रश्न- विकासशील देशों के दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संगठन समझौते की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारत को अंकटाड से होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर भूमण्डलीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को इंगित कीजिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आप क्या समझते हैं? प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सन्दर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए नीतियों का उल्लेख कीजिए?
- प्रश्न- गैट तथा अर्द्ध-विकसित राष्ट्रों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के समझौते बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन का संगठनात्मक ढाँचा प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- "विश्व व्यापार संगठन गैट (GATT) की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत एवं व्यापक वैधानिक अधिकार वाला संगठन है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
- प्रश्न- 'बहुपक्षीय मुद्दे तथा विश्व व्यापार संगठन' को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
- प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
- प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से अंकटाड की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर-दक्षिण व्यापार संवाद क्या है?
- प्रश्न- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Coorperation) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से आप क्या समझते हैं? यह एफडीआई से कैसे सम्बद्ध है?
- प्रश्न- विदेशी पूँजी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अभ्यंश से आप क्या समझते हैं? आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंशों के विभिन्न प्रकार बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयांत अभ्यंश के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अभ्यंश प्रणाली के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी संरक्षण पर टिप्पणी।
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से लाभ बताइये।
- प्रश्न- आयाल अभ्यंश एवं प्रशुल्क की तुलना कीजिए।
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- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- विदेशों में कम मूल्य पर बेचने की नीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गैर-प्रशुल्क बाधाएँ (Non-tariff Barriers) किसे कहते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध से क्या आशय है?
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत सरकार की प्रशुल्क नीतियाँ।
- प्रश्न- "अनुकूलतम प्रशुल्क की धारणा यह बताती है कि प्रशुल्क कितनी मात्रा में लगाये जायें ताकि देश का अधिकतम कल्याण हो।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलतम प्रशुल्क तथा कल्याण निहितार्थ पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर को प्रकाशित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय दर को प्रभावित करने वाले उन घटकों का वर्णन कीजिए जो विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाते हैं।
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
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- प्रश्न- विनिमय नियन्त्रण की अप्रत्यक्ष विधियों को समझाइये ।
- प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- अग्रिम विनिमय तथा तैयार सौदों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हेजिंग (Hedging) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अन्तर्पणन क्रियाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?