बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कल्याणवादी अर्थशास्त्र में पैरेटो अनुकूलतम की शर्तें पूर्ण प्रतियोगिता में कैसे पूरी होती हैं? .आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(Pareto Optimality Conditions under Perfect Competition)
पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत पैरेटो की अनुकूलतम शर्तें निम्नलिखित दशाओं में पूरी होती हैं -
(1) सम्पत्तियों के अन्तःकालिक अनुकूलतम आवंटन की दशा- किन्हीं दो समयावधियों के मध्य भुगतान करने वाली सम्पत्तियों के बीच किन्हीं दो व्यक्तियों के बीच प्रतिस्थापन की सीमान्त दर समान होनी चाहिए। इसलिए जोखिम या अनिश्चितता के न होने पर उत्पादकों के मध्य ऋण लेने तथा ऋण देने से दशा का सम्बन्ध है। इस दशा का तात्पर्य ब्याज की उस दर से है जिस पर व्यक्तिगत उत्पादन एक दी हुई पूँजी की मात्रा उधार लेने के लिए तैयार हो, उधार लेने वाले उत्पादक के लिए पूँजी की सीमान्त उत्पादकता के बराबर होनी चाहिए।
(2) विनिमय की इष्टतम दशा प्रत्येक व्यक्ति के लिए किन्हीं दो वस्तुओं के बीच स्थानापन्नता की सीमान्त दर का समान होना आवश्यक है जिनका कि वह उपभोग करता है। इसका तात्पर्य यह है कि दो उपभोक्ता वस्तुओं के मध्य स्थानापन्नता की सीमान्त दर उनकी कीमतों के अनुपात के समान होनी आवश्यक है। MRS किसी भी बिन्दु पर उदासीनता वक्र का ढलान है जो कि एक वस्तु मान लीजिए X उस मात्रा को प्रदर्शित करता है जिसे एक व्यक्ति के उसी उदासीनता वक्र पर रहने के लिए Y की प्रत्येक इकाई के लिए स्थानापन्न करना आवश्यक है।
(3) उत्पादन के अनुकूलतम नियन्त्रण की दशा - समाज के दो वस्तुओं के बीच स्थानान्तरण की सीमान्त दर वह होनी चाहिए जो उन्हीं दो वस्तुओं का प्रयोग करने वाले दो उपभोक्ताओं के मध्य हो। यह दशा आर्थिक कुशलता से सम्बन्धित है, इसका तात्पर्य यह है कि विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन इस प्रकार के संयोग में किया जाये जो उपभोक्ताओं की पसन्द से अधिक मेल खाता हो।
(4) साधनों के अनुकूलतम वितरण की दशा- किसी एक वस्तु के उत्पादन के लिए दो साधनों के मध्य तकनीकी प्रतिस्थापन की स्थापन दर का समान होना उन दोनों फर्मों के लिए आवश्यक है। दो साधनों के मध्य प्रतिस्थापन की सीमान्त दर का तात्पर्य साधन की उस मात्रा से है जो उसी उत्पादक के स्तर को बनाये रखने हेतु दूसरे साधन में कमी के कारण उत्पादन में होने वाली कमी को पूरा करने के लिए आवश्यक हो।
(5) साधन प्रयोग की तीव्रता के लिए इष्टतम दशा एक निश्चित समयावधि में एक व्यक्ति को काम तथा अवकाश में से किसी एक का चुनाव करने की समस्या का सामना हमेशा करना पड़ता है। यदि वह अवकाश अधिक करता है तो उसे प्राप्त होने वाली आय कम हो जाती है। क्योंकि अवकाश तथा आय में विपरीत सम्बन्ध है। एक उदासीनता वक्र पर प्रत्येक बिन्दु अवकाश और आय के बीच स्थानापन्नता की सीमान्त दर को दर्शाता है। इसी प्रकार साधन इकाई के प्रत्येक मालिक का वस्तु तथा उत्पादन में सहायक साधन इकाई के बीच खर्च किये गये समय का एक स्थानान्तरण वक्र होता है। वह वक्र प्रत्येक बिन्दु वस्तु और काम के घण्टों के बीच रूपान्तरण की सीमान्त दर को व्यक्त करता है। इस दशा में सन्तुष्टि के लिए काम और अवकाश के मध्य स्थानापन्नता की सीमान्त दर, काम और वस्तु के बीच रूपान्तरण की सीमान्त दर के बराबर होनी चाहिए। यदि अवकाश और काम के बीच स्थानापन्नता की सीमान्त दर की अपेक्षा काम और वस्तु के बीच रूपान्तरण की सीमान्त दर अधिक है तो साधन इकाई के समय को अवकाश से काम में स्थानान्तरित करके वस्तु के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इष्टतम दशा उस समय होती है जब एक साधन - स्वामी को भुगतान किया गया पुरस्कार साधन की सीमान्त उत्पादकता के मूल्य के बराबर होता है।
(6) वस्तुओं के अनुकूलतम वितरण की दशा - पैरेटों ने बताया कि पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत यदि उत्पादित वस्तुओं की मात्रा दी हुई हो तो उपभोक्ताओं के मध्य वस्तुओं का अनुकूलतम वितरण इस तरह किया जाना चाहिए जिससे किसी भी उपभोक्ता के संतुष्टि में कमी हुए बिना दूसरे किसी उपभोक्ता की उपयोगिता में वृद्धि लायी जा सके। उदासीनता रेखा में यह स्थिति उस समय उत्पन्न होगी जब एक उपभोक्ता को निम्नतर उदासीनता वक्र पर पहुँचाये बिना दूसरे उपभोक्ता को उच्चतर उदासीनता वक्र पर न पहुँचाया जा सके। यह स्थिति तभी प्राप्त होगी जब प्रत्येक व्यक्तिगत उपभोक्ता के लिए किन्हीं दो वस्तुओं के बीच प्रतिस्थापन की सीमान्त दर समान हो।
कल्याणकारी अर्थशास्त्र की आलोचनाएँ
परेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र में कुछ त्रुटियाँ भी पायी जाती हैं जो निम्नलिखित हैं :
1. परेटो द्वारा प्रस्तुत मापदण्ड की मुख्य त्रुटि यह है कि यह केवल "स्पष्ट" कल्याण सम्बन्धी परिवर्तनों का मूल्यांकन करने में ही सहायक होता है। यह मापदण्ड उन सरकारी नीतियों का मूल्यांकन नहीं करता जो कुछ व्यक्तियों को लाभ और कुछ को हानि पहुँचाती है। इस प्रकार परेटो द्वारा प्रतिपादित मापदण्ड 'अस्पष्ट' कल्याणकारी परिवर्तनों का मूल्यांकन करने में असफल रहता है।
2. परेटो द्वारा प्रतिपादित विश्लेषण का कोई अधिक व्यावहारिक महत्व नहीं है। नीति- निर्माण के क्षेत्र में इसका महत्व सीमित ही है। दूसरे शब्दों में परेटो के विश्लेषण की प्रयोज्यता (applicability) सैद्धान्तिक क्षेत्र तक ही सीमित है / सरकारी नीतियों के निर्माण में यह कोई अधिक सहायता प्रदान नहीं करता / कल्याणकारी अर्थशास्त्र कुछ सीमा तक उस ऊसर भूमि की भाँति है जिसमें भरसक प्रयत्नों के बाद भी कुछ नहीं पैदा होता। हाल ही के वर्षों में काल्डोर, हिक्स तथा स्किटोवोस्की जैसे अर्थशास्त्रियों ने क्षतिपूरक भुगतान की धारणा का समावेश करके परेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र की आलोचना की है।
3. परेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र की प्रमुख त्रुटि यह है कि इसके अन्तर्गत कोई एक अनुकूलतम स्थिति नहीं होती / इसमें कोई सन्देह नहीं है कि परेटो द्वारा प्रतिपादित अनुकूलतम स्थिति 'शिखर स्थिति' अथवा अधिकतम कल्याण की स्थिति होती है / लेकिन कठिनाई यह है कि परेटो के विश्लेषण के अन्तर्गत कोई एक 'शिखर स्थिति नहीं होती बल्कि अनेक ऐसी 'शिखर स्थितियाँ' होती हैं।
4. परेटो के अनुयायी यह दावा प्रस्तुत करते हैं कि उनका कल्याणात्मक विश्लेषण अधिक श्रेष्ठ एवं अधिक वैज्ञानिक है क्योंकि इसमें न तो उपयोगिता की अन्तः व्यैक्तिक तुलनाओं और न ही नैतिक मापदण्डों की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन परेटो के अनुयायियों का यह दावा आधार रहित है।
5. परेटो के विश्लेषण की सबसे बड़ी त्रुटि यह है कि यह समाज में आय वितरण की समस्या का उल्लेख नहीं करता है / आय वितरण की अनुकूलतम व्याख्या के बारे में चुप्पी साधे रखना परेटो के विश्लेषण की जबरदस्त कमजोरी थी। यही कारण है कि परेटो के विश्लेषण पर अनिश्चितता एवं अपूर्णता के आरोप लगाये जाते हैं।
|
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की विषय सामग्री बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी संरचना को समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की संरचना बताइए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र के प्रकार बताइए तथा पारिस्थितिक तन्त्र के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विकास में पारिस्थितिक तन्त्र का महत्व क्या है?
- प्रश्न- पेरेटो की सामान्य कल्याण की इष्टतम् दशाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणवादी अर्थशास्त्र में पैरेटो अनुकूलतम की शर्तें पूर्ण प्रतियोगिता में कैसे पूरी होती हैं? .आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की अवधारणाएँ समझाइए।
- प्रश्न- पेरेटो के कल्याण अर्थशास्त्र की अथवा इससे सम्बद्ध अनुकूलतम शर्तों की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं का आशय बताइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय नीतियों के संक्षिप्त अवलोकन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत की पर्यावरणीय नीति के सिद्धान्त बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण नीति बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरणीय नीति, 2006 क्या हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण में वृहत आर्थिक नीति की भूमिका की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जल नीति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में वन नीति को समझाइए।
- प्रश्न- सतत विकास को प्राप्त करने में पर्यावरणीय नीति कहाँ तक सहायक रही है?
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रदूषण नियंत्रण हेतु नीतिगत उपकरण बताइये।
- प्रश्न- पीगूवियन कर क्या है?
- प्रश्न- सीमा पार पर्यावरणीय मुद्दों से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्थव्यवस्था पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? इसके मूल्यांकन की विधियों को बताइये। पर्यावरणीय मूल्यांकन की स्पष्ट अधिमान विधियों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की विभिन्न विधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की अभिव्यक्त अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की प्रकरित अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आनन्द कीमत विधि क्या है? रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए तथा इसकी आलोचनाएँ भी बताइए।
- प्रश्न- प्रतिबन्धात्मक व्यय विधि को समझाइये।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए - (a) प्रतिनिधि बाजार रीति तथा (b) सम्पत्ति मूल्य रीति।
- प्रश्न- मजदूरी-विभेदात्मक उपागम बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की लागत आधारित विधियाँ का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुनः स्थानीयकरण लागत रीति विशेषताएँ क्या है?
- प्रश्न- प्रतिस्थापन लागत विधि क्या है? इस विधि को रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकास मॉडल की सामाजिक सीमाएँ सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हरित लेखांकन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- परिमाण प्रत्युत्तर विधि को बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी अथवा पूर्वानुमानित विधि को समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अधिप्रभाव आंकलन के निर्देशक सिद्धान्त क्या हैं?
- प्रश्न- पर्यावरण नीति व विनियमों का लागत लाभ विश्लेषण का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों की माप में आने वाली कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों के मापन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय क्षति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- सतत् विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास को प्राप्त करने के लिए उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के अवरोधक घटकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के संकेतकों या मापकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के लिए भारत द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास की रणनीति पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं का पीगूवियन विश्लेषण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- उत्पादन की सकारात्मक बाह्यताओं को पीगू के विश्लेषण के अनुसार समझाइए।
- प्रश्न- पीगू के विश्लेषण के अनुसार उत्पादन की नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- उपभोग में सकारात्मक बाह्यताओं पर टिप्पणी लिखिए तथा इसमें नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए। बाह्यताओं तथा बाजार विफलताओं को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सार्वजनिक खराबी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुएँ क्या विशेषताएँ रखती हैं?
- प्रश्न- बाह्यताओं एवं बाजार विफलताओं को दूर करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए। कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
- प्रश्न- पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
- प्रश्न- बाजार असफलता किन दशाओं में सम्भव है?
- प्रश्न- पीगूवियन सब्सिडी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं के समाधान हेतु सुझाव क्या हैं?
- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
- प्रश्न- सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में प्रो. रोनाल्ड कोज की प्रमेयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रो. आर. कोज द्वारा सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में बतायी गयी द्वितीय प्रमेय को समझाइये।
- प्रश्न- कोज द्वारा बताए गए प्रमेयों का महत्व समझाइए।
- प्रश्न- सम्पदा अधिकार के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी के अवयव लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है। समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय गुणवत्ता का आशय एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- इको लेबलिंग (Eco Labelling) का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- पर्यावरण दक्षता (Eco Efficiency) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसके लक्षण बताइए। इसके लक्ष्यों को भी लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ बताइये। सतत् सुधार चक्र को समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यक्षेत्र तथा आवृत्ति को बताइए। पर्यावरणीय अंकेक्षण के क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण की आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण का कार्यक्षेत्र समझाइए। यह किसे करना चाहिए?
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण के लाभ बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में भारतीय संविधान के प्रावधान बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्धन क्या है?
- प्रश्न- प्राकृतिक संसाधन प्रबन्ध से आपका क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण कार्यक्रम पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण प्रोटोकॉल का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के प्रमुख तत्व बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा का आशय एवं परिभाषा बताइये। पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को स्पष्ट करते हुए इसके क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य-आधारित पर्यावरणीय शिक्षा क्या है? इसका महत्व एवं आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य आधारित पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व एवं आवश्यकता समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय शिक्षा को प्रभावी बनाने हेतु उपायों का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय जागरूकता से आप क्या समझते हैं? पर्यावरणीय जागरूकता / शिक्षा के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय शिक्षा पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के प्रसार के अवरोधों को दूर करने के उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय विधान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन एवं पर्यावरण पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के अन्तर्गत व्यापार तथा पर्यावरणीय मुद्दों को समझाइये।
- प्रश्न- "जनसंख्या, निर्धनता तथा पर्यावरण एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है।' विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं स्वास्थ्य के मध्य सम्बन्ध का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है?
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- व्यापार एवं पर्यावरण में सम्बन्ध लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण पर मनुष्य का क्या प्रभाव पड़ा है?
- प्रश्न- लिंग समानता तथा पर्यावरण को बताइये।
- प्रश्न- ग्रीन हाउस प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी तन्त्र (Eco System) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरो मानक से क्या समझते हो?
- प्रश्न- भारतीय उत्सर्जन मानक (BS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रमुख वैश्विक पर्यावरण मुद्दों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक ऊष्मीकरण या वैश्विक उष्मण।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ओजोन परत व उसके क्षरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अम्लीय वर्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण में भारत की न्यायपालिका की सक्रियता या भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कार्बन ट्रेडिंग या कार्बन व्यापार से आप क्या समझते हैं?